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पाकिस्तानी इवेंट में शामिल, बांग्लादेश यात्रा…हिंसा के बाद सोनम वांगचुक पर लद्दाख DGP के चौंकाने वाले आरोप

वांगचुक पर NSA लगने के बाद गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. पुलिस ने उन्हें जोधपुर सेंट्रल जेल शिफ्ट कर दिया. इस बीच लद्दाख के DGP एसडी सिंह जामवाल ने सोनम वांगचुक के पाकिस्तानी कनेक्शन के भी दावे किए हैं.

लेह लद्दाख हिंसा मामले में पर्यावरण एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक के खिलाफ जांच एजेंसियों का एक्शन लगातार जारी है. वांगचुक पर NSA लगने के बाद गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. पुलिस ने उन्हें जोधपुर सेंट्रल जेल शिफ्ट कर दिया. इस बीच लद्दाख के DGP एसडी सिंह जामवाल ने सोनम वांगचुक के पाकिस्तानी कनेक्शन के भी दावे किए हैं. 

पुलिस सोनम वांगचुक के पाकिस्तान और बांग्लादेश कनेक्शन की जांच में जुट गई है. लद्दाख के DGP एसडी सिंह जामवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने बताया कि, हमने कुछ दिन पहले पाकिस्तान इंटेलीजेंस ऑपरेटिव (PIO) के एक सदस्य को पकड़ा था. वह वांगचुक से जुड़ी जानकारी पाकिस्तान भेज रहा था. 

‘पाकिस्तानी न्यूजपेपर के इवेंट में शामिल हुए थे वांगचुक’

DGP जामवाल ने बताया कि, एक पाकिस्तानी PIO (इंटेलिजेंस ऑफिसर) भी पकड़ा था, जो सोनम वांगचुक के साथ रिपोर्टिंग करके बाहर भेज रहा था. वह रिकॉर्ड पुलिस के पास मौजूद हैं. DGP ने दावा किया कि, विजिट रिकॉर्ड्स के मुताबिक, सोनम वांगचुक पाकिस्तानी न्यूजपेपर डॉन के एक इवेंट में शामिल हुए थे. इसके बाद वे बांग्लादेश भी गए थे. पुलिस इन दोनों विजिट की हर डीटेल खंगाल रही है.

सोनम वांगचुक पर हिंसा भड़काने के आरोप 

एसडी सिंह जामवाल ने आरोप लगाया कि, सोनम वांगचुक की कुछ गतिविधियो के चलते उन पर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं. DGP जामवाल के आरोप हैं कि सोनम वांगचुक ने ही 24 सितंबर को लेह लद्दाख में हुई हिंसा को भड़काया था. उन्होंने कहा, जामवाल के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने BJP के ऑफिस और कुछ गाड़ियों को आग लगाई थी. इससे पहले गृह मंत्रालय ने भी दावा किया था कि, वांगचुक के भड़काऊ बयानों की वजह से हिंसा भड़की थी. 

लद्दाख हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 80 लोग घायल हो गए थे. पुलिस का कहना है कि, वांगचुक ने अपनी बयानबाजी में 'अरब स्प्रिंग' और 'नेपाल के जेनजी प्रोटेस्ट' का जिक्र किया था. जिसका मकसद लोगों को उकसाना था. 

सोनम वांगचुक के NGO का विदेशी फंडिंग लाइसेंस रद्द 

25 सितंबर को केंद्र सरकार ने सोनम वांगचुक के NGO स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) पर एक्शन लेते हुए FCRA लाइसेंस रद्द कर दिया था. लाइसेंस रद्द होने के बाद NGO विदेशी फंड नहीं ले सकेगा. 

हिंसा के बाद अब तक क्या-क्या हुआ? 

  • 24 सितंबर को लेह में भड़की हिंसा में 4 लोगों की मौत 80 घायल हुए
  • घायलों में 40 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं
  • हिंसा के आरोप में अब तक 60 गिरफ्तार
  • लेह में 3 दिन का कर्फ्यू लगा 27 सितंबर को 4 घंटे के लिए ढील दी
  • 26 सितंबर को सोनम वांगचुक को उल्याकटोपो गांव से अरेस्ट किया
  • एयरलिफ्ट कर लद्दाख से जोधपुर के सेंट्रल जेल भेजा गया
  • वांगचुक पर NSA लगाया गया उन्हें लंबे समय तक बिना जमानत हिरासत में रखा जा सकता है 

प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले अरेस्ट हुए वांगचुक 

सोनम वांगचुक 26 सितंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले थे, लेकिन प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. वहीं, स्थानी पार्टी लेह एपेक्स बॉडी के नेता चेरिंग दोरजे ने गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा, CRPF ने प्रोटेस्ट में न तो वाटर कैनन का इस्तेमाल किया न ही गोली चलाने से पहले चेतावनी दी. पुलिस ने सीधे अंधाधुध फायरिंग की. 

लेह में फायरिंग के आरोप पर पुलिस ने क्या कहा? 

DGP एसडी सिंह जामवाल ने कहा कि, हमने सेल्फ डिफेंस में फायरिंग की, नहीं तो पूरा लेह जल जाता. गौरतलब है कि लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर आंदोलन चल रहा है. पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक 10 सिंतबर से भूख हड़ताल कर रहे थे. 24 सिंतबर को लेह बंद करने की अपील पर बड़ा प्रदर्शन हुआ और उसमें हिंसा भड़क गई.

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