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जमशेदपुर: इंटरमीडिएट कक्षाएं बंद करने के विरोध में छात्रों ने शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन का घेराव किया

छात्र संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने अपना निर्णय वापस नहीं लिया, तो राज्यभर में उग्र आंदोलन किया जाएगा. फिलहाल, शिक्षा मंत्री ने छात्रों से संयम बनाए रखने और वार्ता के लिए तैयार रहने की अपील की है.

झारखंड सरकार द्वारा सभी डिग्री कॉलेजों से इंटरमीडिएट (11वीं-12वीं) की पढ़ाई बंद करने के फैसले के खिलाफ राज्यभर में छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा है. इसी नाराजगी का असर मंगलवार को जमशेदपुर में आयोजित जिला स्तरीय प्रतिभा सम्मान समारोह के दौरान देखने को मिला, जहां छात्रों ने शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन का घेराव कर विरोध जताया.

नाराज़ छात्रों ने शिक्षा मंत्री को घेरा 

रामदास सोरेन इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे, लेकिन जैसे ही उन्होंने मंच संभाला, दर्जनों छात्रों ने नारेबाजी शुरू कर दी. छात्रों ने सरकार से इस फैसले को तुरंत वापस लेने की मांग की, और कहा कि इससे हजारों विद्यार्थियों का भविष्य अधर में लटक जाएगा.

छात्रों का कहना है कि डिग्री कॉलेजों में इंटर की पढ़ाई बंद होने से ग्रामीण और दूर-दराज के इलाकों के विद्यार्थियों को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा. राज्य के कई हिस्सों में पर्याप्त संख्या में प्लस टू विद्यालय मौजूद नहीं हैं, जिससे छात्रों की उच्च शिक्षा तक पहुंच सीमित हो सकती है.

सरकार का पक्ष

झारखंड सरकार का तर्क है कि डिग्री कॉलेजों का प्राथमिक उद्देश्य उच्च शिक्षा प्रदान करना है, और इंटरमीडिएट की पढ़ाई को स्कूल शिक्षा विभाग के अधीन लाया जाना चाहिए. इस दिशा में नीति-निर्धारण की प्रक्रिया जारी है, लेकिन छात्रों का कहना है कि जब तक वैकल्पिक व्यवस्था नहीं हो जाती, तब तक यह फैसला लागू न किया जाए.

आंदोलन की संभावना

छात्र संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने अपना निर्णय वापस नहीं लिया, तो राज्यभर में उग्र आंदोलन किया जाएगा. फिलहाल, शिक्षा मंत्री ने छात्रों से संयम बनाए रखने और वार्ता के लिए तैयार रहने की अपील की है.

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