जम्मू-कश्मीर: किश्तवाड़ में भूस्खलन से 5 लोग घायल, बडगाम में झेलम नदी का बांध टूटा, कई गांव जलमग्न
मुख्यमंत्री ने रेस्क्यू सेंटर की जानकारी देते हुए पोस्ट में आगे लिखा, "बडगाम जिला प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्र में छह रेस्क्यू सेंटर एक्टिव किए हैं. हमारी पूरी मानवशक्ति और मशीनरी जमीन पर मौजूद है. एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस और राजस्व अधिकारियों के नेतृत्व में पर्याप्त संख्या में बचाव दल घटनास्थल पर तैनात हैं. राहत और बचाव कार्य जारी है."
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जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में भूस्खलन में 5 लोग घायल हुए हैं. द्रबशल्ला स्थित मेघा परियोजना क्षेत्र में भूस्खलन की यह घटना हुई. हालांकि, तुरंत कार्रवाई करते हुए मौके से 5 लोगों को बचाया गया है. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर जानकारी दी कि उन्होंने भूस्खलन के बाद किश्तवाड़ के डीसी पंकज कुमार शर्मा से बात की है.
किश्तवाड़ में भूस्खलन में 5 लोग घायल
जिला प्रशासन की तारीफ करते हुए केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, "जिला प्रशासन की तत्परता और तेज कार्रवाई की प्रशंसा करनी होगी, जिन्होंने द्रबशल्ला क्षेत्र के रैटल पावर प्रोजेक्ट में लैंडस्लाइड के दौरान लगभग पांच लोगों को सुरक्षित बचा लिया, जो गंभीर खतरे में हो सकते थे. बचाए गए लोग घायल हैं, लेकिन सुरक्षित हैं और उन्हें जरूरी चिकित्सा उपचार के साथ-साथ हर तरह की मदद दी जा रही है."
झेलम नदी के बांध में आई दरार
इस बीच, बडगाम जिले में झेलम नदी के बांध में दरार आने से आसपास के इलाके जलमग्न हो गए हैं.जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि शालिना, राख शालिना और बाघी शाकिरशाह गांव पानी में डूब गए हैं. इन गांवों के निवासियों को रात में ही सुरक्षित निकालकर निर्दिष्ट बचाव केंद्रों और सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया.
CM उमर अब्दुल्ला ने लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील
उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "बडगाम के सीरबाग और समरबाग गांवों में बाढ़ की आशंका बनी हुई है और हमारी टीमें इन इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में सक्रिय रूप से लगी हुई हैं. इन इलाकों के लोगों से अनुरोध है कि वे जलस्तर कम होने तक सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं."
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मुख्यमंत्री ने रेस्क्यू सेंटर की जानकारी देते हुए पोस्ट में आगे लिखा, "बडगाम जिला प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्र में छह रेस्क्यू सेंटर एक्टिव किए हैं. हमारी पूरी मानवशक्ति और मशीनरी जमीन पर मौजूद है. एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस और राजस्व अधिकारियों के नेतृत्व में पर्याप्त संख्या में बचाव दल घटनास्थल पर तैनात हैं. राहत और बचाव कार्य जारी है."
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