दिल्ली में ISI की नई चाल का खुलासा... क्राइम ब्रांच ने पकड़ा इंटरनेशनल हथियार गिरोह, चीन–तुर्की तक जुड़े हैं तार
दिल्ली में बम धमाके के दस दिन बाद क्राइम ब्रांच ने अंतरराष्ट्रीय हथियार तस्करी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने मनदीप, दलविंदर, रोहन और अजय को गिरफ्तार कर चीन और तुर्की में बनी 10 सेमी-ऑटोमैटिक पिस्टल और 92 कारतूस बरामद किए हैं. जांच में खुलासा हुआ है कि इस गिरोह के तार पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़े हैं
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Delhi Police Crime Branch: दिल्ली में दस दिन पहले हुए बम धमाके की गूंज अभी शांत भी नहीं हुई थी कि राजधानी में एक और खतरनाक साजिश का पर्दाफाश हो गया है. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अंतरराष्ट्रीय हथियार तस्करी के एक बड़े नेटवर्क को पकड़कर सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है. जांच में जो बातें सामने आई हैं, वह बताते हैं कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई लगातार भारत में हिंसा फैलाने की नई-नई चालें चल रही है.
क्राइम ब्रांच ने किया गिरोह का पर्दाफाश
क्राइम ब्रांच ने इस गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है. इनके नाम मनदीप, दलविंदर, रोहन और अजय हैं. पुलिस ने इनके कब्जे से दस अत्याधुनिक सेमी-ऑटोमैटिक पिस्टल और 92 जिंदा कारतूस बरामद किए हैं. खास बात यह है कि ये पिस्टल साधारण नहीं बल्कि ऐसे मॉडल हैं, जिनका इस्तेमाल दुनिया की स्पेशल फोर्स करती है. इनमें तुर्की में निर्मित PX-5.7 और चीन में बनी PX-3 प्रमुख हैं. पुलिस के अनुसार इन हथियारों का इस्तेमाल दिल्ली और आसपास के अपराधियों द्वारा किया जाना था.
पूरे नेटवर्क की पुलिस कर रही पड़ताल
जांच में सामने आया है कि इस तस्करी के पीछे आईएसआई का सीधा हाथ है. पूरा नेटवर्क पाकिस्तान, तुर्की और चीन में मौजूद सप्लायरों से जुड़ा हुआ है. पुलिस अब पता लगा रही है कि इस तरह की खेप पहले कितनी बार भारत लाई जा चुकी है और आगे यह हथियार किन लोगों तक पहुंचने वाले थे. अधिकारियों का मानना है कि यह नेटवर्क सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं बल्कि कई राज्यों में फैला हो सकता है. सबसे चौंकाने वाली जानकारी यह सामने आई है कि हथियारों को पाकिस्तान से भारत में भेजने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा था. सीमा के पार से ड्रोन के जरिए पंजाब में हथियार गिराए जाते थे. वहां से स्थानीय तस्कर इस खेप को उठाते और फिर दिल्ली तक पहुंचाते थे. यह तरीका न सिर्फ तेज है बल्कि पकड़े जाने की संभावना भी कम होती है. यही वजह है कि आईएसआई और उससे जुड़े गिरोह लगातार इस तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं.
फिलहाल पुलिस इस पूरे नेटवर्क को पूरी तरह खत्म करने के लिए लगातार छापेमारी कर रही है. शुरुआती जांच बताती है कि हाल में दिल्ली में हुई आतंकी गतिविधियों के बाद इस हथियार सप्लाई चैन को सक्रिय किया गया था. सुरक्षा एजेंसियां इसे देश की राजधानी में बड़े अपराध और संभावित हमलों की बड़ी साजिश के रूप में देख रही हैं.
बताते चलें कि दिल्ली पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने एक बड़ी घटना को समय रहते टाल दिया है. लेकिन यह खुलासा बताता है कि दुश्मन ताकतें लगातार भारत के खिलाफ योजनाएं बना रही हैं. ऐसे में सुरक्षा एजेंसियों का सतर्क रहना और आम नागरिकों का जागरूक रहना बेहद जरूरी है.
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