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क्या सच में BJP की 'B टीम' हैं ओवैसी? CM नीतीश कुमार के सामने रखा समर्थन का प्रस्ताव

बिहार में NDA सरकार बनने के बाद AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सीमांचल के साथ न्याय की शर्त पर समर्थन की पेशकश की है. ओवैसी ने कहा कि पार्टी छह महीनों में पाँचों विधायकों के लिए क्षेत्रीय कार्यालय खोलेगी, जहां हफ्ते में दो दिन जनता से मुलाकात होगी.

Asaduddin Owaisi (File Photo)

बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए (NDA) की प्रचंड जीत के बाद राज्य में नई सरकार का गठन हो चुका है. सूबे की कमान एक बार फिर नीतीश कुमार के हाथों में है, जबकि डिप्टी सीएम के तौर पर सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा दोबारा अपनी ज़िम्मेदारियां संभाल रहे हैं. इसी बीच, बिहार की सत्ता लहर के बीच केवल 5 सीटें जीतने में कामयाब रहे हैदराबाद के सांसद और AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक प्रस्ताव दिया है. ओवैसी ने कहा कि उनकी पार्टी सरकार को समर्थन देने को तैयार है, बशर्ते राज्य सरकार सीमांचल के साथ न्याय सुनिश्चित करे.

दरअसल, ओवैसी ने एक सभा को संबोधित करते हुए घोषणा की है कि पार्टी अपने सभी पाँचों विधायकों के लिए अगले छह महीनों के भीतर क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित करेगी. इन दफ्तरों में विधायक हफ्ते में दो दिन जनता से सीधी बातचीत और समस्याओं का समाधान करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि वे खुद भी हर छह महीने में सीमांचल का दौरा करने का प्रयास करेंगे. ओवैसी ने बिहार की नई सरकार को शुभकामनाएं दीं और कहा कि AIMIM राज्य के लिए रचनात्मक सहयोग देने को तैयार है. बता दें पहले कई बार के चुनावों में ओवैसी की पार्टी पर विपक्षी दलों ने बीजेपी की 'बी टीम' होने का आरोप लगाया है. ऐसे में ओवैसी का यह बयान सियासी चर्चा का नया विषय बन गया है. 

NDA पर ओवैसी ने क्या कहा?

ओवैसी ने सत्तारूढ़ एनडीए (NDA) और महागठबंधन को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने कहा कि महागठबंधन का प्रदर्शन निराशाजनक रहा. अखिलेश यादव के उस बयान पर उन्होंने आपत्ति जताई जिसमें उन्होंने बिहार में मिले जनादेश के लिए बिहार के मतदाताओं को दोषी ठहराने की बात कही थी. ओवैसी ने कहा कि यह जनादेश जनता की स्पष्ट राय है, जिसे सम्मान के साथ स्वीकार करना चाहिए. उन्होंने यह भी दावा किया कि AIMIM ने पूरी ताकत से चुनाव लड़ा, जबकि महागठबंधन तैयारी की कमी के कारण पीछे रह गया. उन्होंने साफ कहा कि उनकी पार्टी की मंशा कभी भी एनडीए की जीत का रास्ता आसान करना नहीं थी.

सीमांचल के साथ हो न्याय

ओवैसी ने कहा कि वह खुद को बड़ा नेता नहीं मानते, लेकिन चुनावी परिणामों की दिशा उन्हें पहले से ही समझ में आ रही थी. उन्होंने माना कि उन्हें यह अनुमान नहीं था कि एनडीए दो सौ सीटों के करीब पहुँच जाएगा. ओवैसी के मुताबिक, अब महागठबंधन को आत्ममंथन करने की ज़रूरत है, क्योंकि हर बार AIMIM पर ठीकरा फोड़ने से हालात नहीं बदलेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सचमुच राज्य के विकास को प्राथमिकता देते हैं, तो उन्हें सीमांचल के साथ न्यायपूर्ण व्यवहार करना होगा.

NDA ने पार किया 200 का आंकड़ा 

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में NDA ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 200 से अधिक सीटों पर जीत दर्ज की और कुल 202 सीटों के साथ आराम से सत्ता में लौट आया. बीजेपी को 89 और जदयू को 84 सीटें मिलीं, जबकि गठबंधन के बाकी दलों को भी सरकार में प्रतिनिधित्व दिया गया. नीतीश कुमार ने 26 मंत्रियों के साथ शपथ लेकर एक बार फिर मुख्यमंत्री पद संभाला और यह उनका दसवां कार्यकाल बन गया. शपथ ग्रहण के तुरंत बाद उन्होंने अपने मंत्रिमंडल में विभागों का बंटवारा भी पूरा कर दिया.

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