इंदौर एक बार फिर स्वच्छता में बना नंबर 1, सूरत और नवी मुंबई को पछाड़कर रचा इतिहास
इंदौर के साथ कुल 14 शहर इस प्रीमियर क्लब में शामिल किए गए हैं: सूरत नवी, मुंबई, चंडीगढ़, नोएडा, तिरुपति, अंबिकापुर, नई दिल्ली, सासवड़, पाटन, उज्जैन, पंचगनी, वीटा, बुदनी. इन सभी शहरों ने पिछले तीन वर्षों में देश की टॉप स्वच्छता रैंकिंग में अपनी जगह सुनिश्चित की है.

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भारत में स्वच्छता के क्षेत्र में इंदौर ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है. लगातार सातवीं बार देश के सबसे स्वच्छ शहर के रूप में इंदौर ने न केवल रिकॉर्ड कायम किया है, बल्कि अब केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय द्वारा बनाई गई ‘स्वच्छता प्रीमियर लीग’ में भी जगह बना ली है.
क्या है स्वच्छता प्रीमियर लीग?
स्वच्छता रैंकिंग में निरंतर टॉप प्रदर्शन करने वाले शहरों के बीच प्रतिस्पर्धा बनाए रखने के उद्देश्य से स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 में पहली बार ‘प्रीमियर लीग’ की शुरुआत की गई है. इस विशेष क्लब में ऐसे शहर शामिल किए गए हैं जो लगातार तीन वर्षों से टॉप-3 में स्थान बना चुके हैं.
लीग में क्या होगा खास?
लीग के शहरों का मूल्यांकन 12,500 अंकों के आधार पर किया जाएगा. अगर कोई शहर 85% अंक से कम लाता है, तो वह प्रीमियर लीग से बाहर हो जाएगा. पुरस्कार केवल रैंकिंग पर आधारित नहीं होंगे, बल्कि विशेष योगदान के लिए भी मिलेंगे. लीग में शामिल शहरों को ‘स्वच्छता मॉडल सिटी’ के रूप में प्रोत्साहित किया जाएगा.
प्रीमियर लीग में शामिल शहर
इंदौर के साथ कुल 14 शहर इस प्रीमियर क्लब में शामिल किए गए हैं: सूरत नवी, मुंबई, चंडीगढ़, नोएडा, तिरुपति, अंबिकापुर, नई दिल्ली, सासवड़, पाटन, उज्जैन, पंचगनी, वीटा, बुदनी. इन सभी शहरों ने पिछले तीन वर्षों में देश की टॉप स्वच्छता रैंकिंग में अपनी जगह सुनिश्चित की है.
इंदौर क्यों है बेजोड़?
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने खुद यह स्वीकार किया कि इंदौर की लगातार सफलता से कुछ अन्य शहरों को निराशा होने लगी थी. कई लोग कहते थे – "हर बार इंदौर ही नंबर वन आता है, तो बाकी क्यों प्रयास करें?" लेकिन यह इंदौर की अथक मेहनत और जनभागीदारी का ही परिणाम है कि वह लगातार प्रेरणा बना हुआ है.
क्या होगा आगे?
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17 जुलाई को दिल्ली के विज्ञान भवन में होने वाले विशेष कार्यक्रम में यह स्पष्ट किया जाएगा कि क्या लीग में भी रैंकिंग जारी की जाएगी या केवल विशेष पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे.