इंडिगो एयरलाइंस पर संकट के बादल... नवंबर में 1232 उड़ानें रद्द होने पर DGCA ने मांगा जवाब, जानें पूरा मामला
देश की सबसे बड़ी एयरलाइंस इंडिगो नवंबर में 1232 उड़ानें रद्द करने और OTP 84.1% से घटकर 67.7% होने के बाद संकट में है. DGCA ने इसके कारणों और सुधार के लिए विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और एयरलाइन को ‘नियंत्रित शेड्यूल परिवर्तन’ की अनुमति दी है.
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देश की सबसे बड़ी एयरलाइंस इंडिगो इस समय अपने अब तक के सबसे बड़े परिचालन संकट का सामना कर रही है. नवंबर महीने में इंडिगो ने कुल 1232 उड़ानें रद्द कर दीं और हजारों यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ा. उड़ानों की समयपालन दर यानी ऑन टाइम परफॉर्मेंस (OTP) भी अक्टूबर के 84.1 फीसदी से गिरकर नवंबर में 67.70 फीसदी पर आ गई. यानी सिर्फ एक महीने में करीब 16 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. इस अभूतपूर्व स्थिति ने न सिर्फ यात्रियों को परेशान किया है, बल्कि एयरलाइन के भविष्य को लेकर भी सवाल खड़े कर दिए हैं.
DGCA कर रही जांच
इसी उथल-पुथल के बीच नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA हरकत में आ गया है. बुधवार को DGCA ने घोषणा की कि वह इंडिगो के लगातार बढ़ते उड़ान रद्दीकरण और देरी के मामलों की गहन जांच कर रहा है. सिर्फ इतना ही नहीं, DGCA ने एयरलाइन से इस पूरे अव्यवस्था के कारणों और इसे दूर करने के लिए उठाए जा रहे कदमों की विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है. साथ ही नियामक ने इंडिगो को ‘नियंत्रित शेड्यूल परिवर्तन’ यानी Controlled Schedule Changes की विशेष अनुमति भी दे दी है, ताकि एयरलाइन फिलहाल अपना बोझ कम कर सके और धीरे–धीरे परिस्थितियों को स्थिर कर सके.
DGCA जल्द समाधान करेगा विमान रद्दीकरण का प्रकरण
DGCA के अनुसार, इंडिगो को जल्द ही मुख्यालय में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर यह स्पष्ट करना होगा कि उड़ानों का शेड्यूल इतने बड़े पैमाने पर क्यों बिगड़ा. DGCA ने यह भी कहा है कि वह इस मुद्दे पर एयरलाइन कंपनी के साथ मिलकर ऐसे समाधान तलाश रहा है जिनसे उड़ान रद्दीकरण और देरी को न्यूनतम किया जा सके और यात्रियों को कम से कम परेशानी हो.
इंडिगो ने दी प्रतिक्रिया
इंडिगो (Indigo) ने भी बुधवार शाम प्रतिक्रिया देते हुए स्वीकार किया कि पिछले दो दिनों से उसके परिचालन में गंभीर अव्यवस्था आई है. एयरलाइन ने कहा कि विभिन्न कारणों की वजह से नियंत्रित शेड्यूल परिवर्तन (Controlled Schedule Changes) लागू किए गए हैं और यह व्यवस्था अगले 48 घंटों तक जारी रहेगी. इस अवधि में कुछ उड़ानें रद्द होंगी और कुछ देर से चल सकती हैं. हालांकि कंपनी ने दावा किया कि इससे उन्हें अपना सिस्टम स्थिर करने, क्रू प्रबंधन ठीक करने और जल्द ही ऑपरेशन सामान्य करने में मदद मिलेगी. एयरलाइन प्रभावित यात्रियों को वैकल्पिक उड़ानें या पूरा रिफंड उपलब्ध करा रही है.
DGCA ने जारी किया आंकड़ा
DGCA द्वारा जारी आंकड़े बताते हैं कि नवंबर में रद्द हुई 1232 उड़ानों में 755 उड़ानें क्रू की कमी के कारण रद्द करनी पड़ीं. 92 उड़ानें ATC सिस्टम की खराबी के कारण और 258 उड़ानें हवाई अड्डों के स्लॉट की कमी की वजह से रद्द हुईं. DGCA ने इंडिगो को सख्त निर्देश दिए हैं कि वह Revised FDTL Norms यानी नए क्रू ड्यूटी और रेस्ट नियमों के तहत रोस्टरिंग में सुधार करे. साथ ही एयरलाइन को ATC और एयरपोर्ट अथॉरिटी के साथ बेहतर समन्वय, उड़ानों के बीच ग्राउंड टाइम बढ़ाने और व्यवधान प्रबंधन को मजबूत करने के निर्देश भी दिए गए हैं.
बताते चलें कि बुधवार की शाम तक देशभर में इंडिगो की 150 से ज्यादा उड़ानें रद्द हो चुकी थीं. दिल्ली एयरपोर्ट ने भी गुरुवार को कम से कम 18 उड़ानें रद्द होने की जानकारी दी है. ऐसे में यात्रियों की परेशानी अभी भी जारी है और यह सवाल भी कि क्या इंडिगो एक बड़े संकट के मुहाने पर है या यह अव्यवस्था कुछ दिनों में नियंत्रण में आ जाएगी. फिलहाल देश की सबसे बड़ी एयरलाइन पर सभी की नजरें टिकी हैं. DGCA की जांच रिपोर्ट और इंडिगो की सुधार योजना आने वाले दिनों में स्थिति को किस दिशा में ले जाएगी, यह देखना बेहद महत्वपूर्ण होगा.
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