मिडिल ईस्ट में बढ़ेगी भारत की भूमिका? गाजा पीस प्लान पर हमास भी राजी, PM मोदी ने की ट्रंप की तारीफ तो मिले संकेत
खाड़ी में भारत की भूमिका बढ़ने वाली है. गाजा पीस प्लान पर हमास की रजामंदी के बाद PM मोदी ने ट्रंप की तारीफ कर इस क्षेत्र में न्यायसंगत सहयोग का भरोसा दिया है. इससे पहले फिलिस्तीन और इजरायल के राजदूतों ने भी एक सुर में हिंदुस्तान के रोल को लेकर बात की थी और कहा था कि भारत दुनिया का नया 'निर्माता' है. इसी से संकेत मिल रहे हैं कि नई दिल्ली की निष्पक्ष छवि उसे मध्य एशिया, फिलिस्तीन, तेलअवीव सहित अन्य देशों में भी बड़ी जिम्मेदारियां प्रदान कर करेगी.
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गाजा में पिछले दो सालों से जारी सैन्य तनाव, मिलिट्री कार्रवाई और जंग के खात्मे को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 20 सूत्री पीस प्लान पर भारत ने भी अपनी सहमति दे दी है. इस संबंध में पीएम मोदी ने गाजा में शांति स्थापित करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति के प्रयासों की सराहना की है। आपको बता दें कि गाजा प्लान पर फिलिस्तीनी आतंकी समूह हमास ने भी हामी भर दी है. इसके साथ ही कहा जा रहा है कि हिंदुस्तान के ऊपर खाड़ी और मिडिल ईस्ट के विकास की जिम्मेदारी आने वाली है. वो आने वाले दिनों में एक्टिव रोल निभाने जा रहा है.
भारत ने किया शांति प्रयासों में हरसंभव सहयोग का वादा
गाजा और फिलिस्तीन सहित पूरे रीजन में कानून संगत, रूल बेस्ड ऑर्डर और शांति प्रकिया में हर संभव सहयोग का वादा करते हुए पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "गाजा में शांति प्रयासों में निर्णायक प्रगति के लिए हम राष्ट्रपति ट्रंप के नेतृत्व का स्वागत करते हैं। बंधकों की रिहाई के संकेत एक महत्वपूर्ण कदम है। भारत स्थायी और न्यायसंगत शांति की दिशा में सभी प्रयासों का दृढ़ता से समर्थन करता रहेगा।"
हमास के ऐलान के बाद आया नेतन्याहू का बयान
इसी बीच हमास की हामी के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का बयान भी सामने आया है। पीएम नेतन्याहू ने कहा, "हमास की प्रतिक्रिया को ध्यान में रखते हुए इजरायल सभी बंधकों की शीघ्र रिहाई के लिए राष्ट्रपति ट्रंप की योजना के पहले चरण के तत्काल कार्यान्वयन की तैयारी कर रहा है। हम इजरायल द्वारा निर्धारित सिद्धांतों, जो अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के दृष्टिकोण के अनुरूप हैं, के अनुसार युद्ध को समाप्त करने के लिए राष्ट्रपति और उनकी टीम के साथ पूर्ण सहयोग से काम करना जारी रखेंगे।"
दरअसल संयुक्त राष्ट्र प्रमुख के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार हमास ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शांति प्रस्ताव पर बातचीत करने की इच्छा व्यक्त की। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने हमास के इस फैसले का स्वागत किया।
दुजारिक ने एक बयान में कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस हमास द्वारा जारी बयान का स्वागत करते हैं और इससे उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने सभी पक्षों से गाजा पट्टी में संघर्ष को समाप्त करने के अवसर का लाभ उठाने का आग्रह किया और कतर तथा मिस्र को उनके अमूल्य मध्यस्थता कार्य के लिए धन्यवाद दिया।
इससे पहले पीएम मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप के 20 सूत्रीय सीजफायर प्लान के समर्थन में कहा था कि हम गाजा संघर्ष को समाप्त करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापक योजना का स्वागत करते हैं। यह फिलिस्तीनी और इजरायली लोगों के साथ-साथ व्यापक पश्चिम एशियाई क्षेत्र के लिए दीर्घकालिक और स्थायी शांति, सुरक्षा और विकास का एक व्यवहार्य मार्ग प्रदान करता है। हमें उम्मीद है कि सभी संबंधित पक्ष राष्ट्रपति ट्रंप की पहल पर एकजुट होंगे और संघर्ष को समाप्त करने और शांति सुनिश्चित करने के इस प्रयास का समर्थन करेंगे।
भारत की बढ़ेगी जिम्मेदारी?
आपको बता दें गाजा पीस प्लान लागू होने के बाद भारत की भूमिका शांति और विकास की दिशा में बढ़ जाएगी. भारत ने इस संबंध में अपनी दक्षता पूरी दुनिया में साबित की है. ये बात इजरायल और फिलिस्तीन दोनों ने मानी भी है. बीते दिनों दोनों देशों के राजदूतों ने इसको लेकर तारीफ भी कि थी कि कैसे हिंदुस्तान उसकी मदद कर सकता है. जहां फिलिस्तीनी राजदूत ने कहा था कि नई दिल्ली उसकी हमेशा मदद कर रहा है, प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं, हॉस्पिटल बना रहा है, फिलिस्तीनी लोगों के लिए 24 घंटे उपलब्ध है. वहीं इजरायल के राजदूत ने कहा था कि भारत गाजा के पुनर्निर्माण में मदद दे सकता है.
फिलिस्तीन के राजदूत ने क्या कहा था?
आपको बता दें कि बीते दिनों फिलिस्तीनी राजदूत अब्दल्लाह अबू शावेश ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि, “भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में, फिलिस्तीनी लोगों की मदद करने में बहुत अच्छा काम कर रहा है. कई प्रोजेक्ट्स पर काम हो रहे हैं, जिनमें करोड़ों डॉलर की लागत वाला एक अस्पताल भी शामिल है. इसके अलावा, भारत संयुक्त राष्ट्र की राहत एजेंसी UNRWA को भी मदद दे रहा है, जो फिलिस्तीनी शरणार्थियों की सहायता करती है.”
फिलिस्तीनी एंबेसेडर ने आगे कहा था कि, “हम भारतीय सरकार के साथ 24 घंटे संपर्क में रहते हैं और हर मुद्दे पर पारदर्शी तरीके से बात होती है. मैं भरोसा दिलाता हूं कि भारत और फिलिस्तीन के बीच किसी तरह के विवाद की कोई गुंजाइश नहीं है.” शावेश ने ये भी कहा कि वे भारत के द्विपक्षीय रिश्तों में दखल नहीं देंगे, लेकिन संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार परिषद में भारत की भूमिका को देखते हुए फिलिस्तीन-भारत संबंधों को “मैक्रो लेवल” पर आंका जा सकता है.
'भारत दुनिया का नया निर्माता (Builder) है'
वाशिंगटन में ट्रंप और नेतन्याहू के बीच गाजा पीस प्लान के ऐलान के बाद इज़राइल के भारत में राजदूत रूवेन अजार ने कहा था कि “हम भारत सरकार का धन्यवाद करना चाहेंगे. भारत खाड़ी में शांति लाने महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. जहां तक आर्थिक गतिविधियों की बात है भारत को बहुत कुछ करना है. बहुत कुछ दांव पर लगा है. भारत के लाखों वर्कर हैं. भारत प्रोजेक्ट शुरू कर सकता है..."
"भारत दुनिया का नया ‘निर्माता’, बिल्डर है. उन्होंने आगे कहा कि जैसा भारत अपने देश को बना रहा है, संवार रहा है, हम चाहते हैं वो ऐसा ही काम हमारे इलाके यानी कि मिडिल ईस्ट में भी करे और वो ऐसा करने में बखूबी रूप से सक्षम है.”उन्होंने आगे कहा कि “दो तीन हफ्ते पहले एक वित्त मंत्रालय का डेलिगेशन दिल्ली आया था और सरकार से अनुरोध किया कि आप इजरायल में प्रोजेक्ट शुरू करें. वो इजरायल और फिलिस्तीन में ऐसा आसानी से कर सकते हैं. वो रीजनल प्रोजेक्ट्स में भी इंगेज कर सकते हैं…”
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