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लद्दाख हिंसा मामला: सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के खिलाफ SC पहुंचीं पत्नी गीतांजलि, NSA लगाने को बताया गैरकानूनी

लद्दाख में हुई हिंसा के मामले में गिरफ्तार सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि आंगमो ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर उनके पति की गिरफ्तारी को चुनौती दी है. उन्होंने तत्काल रिहाई की मांग करते हुए NSA के तहत कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं. याचिका में कहा गया है कि हिरासत आदेश की कॉपी नहीं मिली और गिरफ्तारी बिना वैध आधार की गई, जिससे नियमों का उल्लंघन हुआ है.

Sonam Wangchuck (File Photo)

लद्दाख में हाल ही में हुई हिंसा के मामले ने एक नया मोड़ ले लिया है. सोनम वांगचुक जिन्हें इस प्रदर्शन के दौरान युवाओं को भड़काने और हिंसा फैलाने के मुख्य आरोपी के रूप में गिरफ्तार किया गया था, अब उनकी पत्नी गीतांजलि आंगमो ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है और उनके पति की गिरफ्तारी को चुनौती दी है. गीतांजलि ने इस याचिका में वांगचुक की तत्काल रिहाई की मांग करते हुए उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के प्रावधानों पर भी सवाल उठाए हैं.

हिरासत आदेश की कॉपी नहीं मिली

सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका में वांगचुक की पत्नी गीतांजलि का कहना है कि गिरफ्तारी के बावजूद उन्हें हिरासत आदेश की कोई कॉपी नहीं मिली है, जो नियमों नियमों के विरुद्ध है. उन्होंने यह भी बताया कि हिरासत में लिए जाने के बाद से उनका अपने पति से कोई संपर्क नहीं हो पाया है. इस सिलसिले में दायर याचिका में गीतांजलि ने जोर देकर कहा कि वांगचुक की गिरफ्तारी बिना किसी वैध आधार के की गई है और जांच एजेंसी ने अभी तक गिरफ्तारी का कोई ठोस कारण नहीं बताया है. इस लिहाज से वांगचुक पर NSA के तहत कार्रवाई सही नहीं है और उन्हें तुरंत रिहा किया जाना चाहिए. 

हिंसा के आरोपों को किया खारिज

गीतांजलि ने अपनी याचिका में यह भी बताया कि उनके पति सोनम ने लद्दाख में हिंसा को रोकने के लिए कई प्रयास किए थे. उन्होंने युवाओं को उत्तेजित कर हिंसा फैलाने के आरोपों को पूरी तरह से खारिज किया. गीतांजलि ने कहा कि वांगचुक ने हिंसा बढ़ने से रोकने के लिए उपवास भी समाप्त किया और झड़पों की कड़ी निंदा की.

जोधपुर केंद्रीय कारागार में बंद हैं वांगचुक

जानकारी देते चलें कि वांगचुक को लद्दाख पुलिस गिरफ्तार करने के बाद उन्हें जोधपुर के केंद्रीय कारागार में शिफ़्ट कर दिया है. यह कारागार राजस्थान का सबसे सुरक्षित माना जाता है. यहां उनकी मेडिकल जांच की जा रही है और सीसीटीवी कैमरों के जरिए दिन-रात निगरानी की जा रही है.

गीतांजलि ने की अधिकारों की मांग

गीतांजलि की याचिका में यह भी बताया है कि सोनम को हिरासत में लिए जाने के बाद उनसे कोई संपर्क नहीं हो पाया है. उन्होंने न्यायालय से आग्रह किया है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि उनके पति से मिलने या उनसे बात करने का उचित अवसर मिले. उनका कहना है कि किसी भी व्यक्ति को बिना जानकारी और वैध आधार के हिरासत में रखना लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है. लद्दाख हिंसा का मामला अब सुप्रीम कोर्ट के समक्ष है और इसे पूरे देश की निगाहों के सामने रखा गया है. यह मामला केवल एक व्यक्ति की रिहाई तक सीमित नहीं है, बल्कि नागरिकों के मूल अधिकारों और राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के दुरुपयोग के सवालों को भी उजागर करता है. अब देखना होगा कि सर्वोच्च न्यायालय का इस याचिका को कितना गंभीरता से लेता और कब सुनवाई शुरू करता है. 

क्या है पूरा मामला?

सोनम वांगचुक लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और इसे संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग कर रहे थे. लंबे समय से चल रहे आंदोलन और हालिया अनशन के बाद उनकी गिरफ्तारी ने मुद्दे को और संवेदनशील बना दिया है.

बताते चलें कि अब देखना होगा कि सर्वोच्च न्यायालय का इस याचिका को कितना गंभीरता से लेता और कब सुनवाई शुरू करता है. इसको लेकर देशभर की निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर टिकी हैं.

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