'मैं कल सीएम रहूं ना रहूं लेकिन...', असम में बांग्लादेशी घुसपैठियों पर हिमंत बिस्वा सरमा का निर्णायक प्रहार
असम में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने राज्य से अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों को बाहर निकालने की कसम खा रखी है. सीएम हिमंत ने कहा कि चाहे मेरी कुर्सी रहे या ना रहे लेकिन असम में घुसपैठियों को रहने नहीं दूंगा.

Follow Us:
सीएम हिमंत कहते हैं, मैं कल मुख्यमंत्री नहीं रह सकता, लेकिन मैं सभी स्थानीय संगठनों, लोगों से आग्रह करता हूं, एक भी बांग्लादेशी मुस्लिम परिवार को अपने पड़ोस में बसने की अनुमति न दें. हो सकता है मैं कल मुख्यमंत्री ना रहूं, लेकिन बांग्लादेशी घुसपैठियों को निकाल कर रहूंगा.
मैं सीएम रहूं ना रहूं, घुसपैठियों को रहने नहीं दूंगा
असम सीएम ने तीखा प्रहार करते हुए कहा, "ये लोग एक से शुरू करते हैं, धीरे धीरे पूरे गांव को खत्म कर देते हैं. मैं कल मुख्यमंत्री नहीं रह सकता, लेकिन मैं सभी स्थानीय संगठनों, लोगों से आग्रह करता हूं, एक भी बांग्लादेशी मुस्लिम परिवार को अपने पड़ोस में बसने की अनुमति न दें."
असम की जनता जनार्दन ने अतिक्रमण के विरुद्ध हमारे अभियान का समर्थन किया। जनता के आशीर्वाद की वजह से ही आज असम में घुसपैठियों के ख़िलाफ़ एक निर्णायक मुहिम जारी है।
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) July 26, 2025
यह मुहिम किसी वोट बैंक की रक्षा के लिए नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति के संरक्षण के लिए है। pic.twitter.com/FtTDYStEUV
असम की जनता जनार्दन ने अतिक्रमण के विरुद्ध हमारे अभियान का समर्थन किया. जनता के आशीर्वाद की वजह से ही आज असम में घुसपैठियों के ख़िलाफ़ एक निर्णायक मुहिम जारी है. यह मुहिम किसी वोट बैंक की रक्षा के लिए नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति के संरक्षण के लिए है.
2041 तक असम की 50 प्रतिशत आबादी मुस्लिम होगी
सीएम सरमा ने जनसांख्यिकीय बदलाव पर कहा कि ये सिर्फ ‘भूमि जिहाद’ ही नहीं बल्कि असम को खत्म करने वाला जिहाद है. योजनाबद्ध तरीके से मुस्लिम आबादी सरकारी और जंगलों की जमीन पर भी कब्जा कर रही है. इसके कारण असम की सांस्कृतिक, सामाजिक और राजनीतिक पहचान खतरे में पड़ गई है. अगर यही प्रवृत्ति जारी रही तो अगले 20 वर्षों में असम के मूल निवासी अल्पसंख्यक बन सकते हैं.
इससे पहले भी सीएम हिमंता ने अतिक्रमण अभियान पर कहा था कि असम में लगभग 29 लाख बीघा यानी लगभग 10 लाख एकड़ भूमि पर अतिक्रमण है. इन पर अवैध बांग्लादेशी घुसपैठिए और संदिग्ध नागरिक रह रहे हैं. असम में बाहर से आए हुए मुस्लिमों को ‘मियाँ’ कहा जाता है.
यह भी पढ़ें
उन्होंने इस बात की भी आशंका जताई कि अगर इसी तरह चलता रहा तो 2021, 2031 और 2041 तक असम की जनसंख्या में 50 फीसदी तबका मुस्लिम होगा और हिंदू समुदाय अल्पसंख्यक बन जाएगा.
टिप्पणियाँ 0
कृपया Google से लॉग इन करें टिप्पणी पोस्ट करने के लिए
Google से लॉग इन करें