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विपक्षी पार्टी के साथ कैसा था पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का व्यवहार, ख़ुद बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल ने साझा किया क़िस्सा

कई बार सदन में डॉ मनमोहन सिंह का विपक्षी पार्टी के सांसदों ने उनके बातों का विरोध किया बावजूद इसके उनका विपक्षी पार्टी कि नेताओं के साथ पेश आने का जो तरीक़ा था वो राजनीति की दुनिया में क़दम रखने वाले लोगों को बहुत कुछ सिखाता था

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का गुरुवार की रात निधन हो गया। राजधानी दिल्ली के एम्स अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली, अब उनके निधन के बाद हर कोई उन्हें याद करते हुए नमन कर रहा है। मनमोहन सिंह के काम करने का अंदाज़ कुछ अलग ही था, कई बार सदन में डॉ मनमोहन सिंह का विपक्षी पार्टी के सांसदों ने उनके बातों का विरोध किया बावजूद इसके उनका विपक्षी पार्टी कि नेताओं के साथ पेश आने का जो तरीक़ा था वो राजनीति की दुनिया में क़दम रखने वाले लोगों को बहुत कुछ सिखाता था, क्योंकि वो निजी संबंधो में सदन की बात को दूर रखते थे, सबसे अच्छे से व्यवहार करना, बातें करना और मिलना जुलना उनकी पहचान थी। यही वजह है की आज उन्हें पूरा देश याद कर रहा है। वरिष्ठ भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वो सबको साथ लेकर चलते थे उनके मन में किसी के प्रति कटुता नहीं थी।

 
पूर्व पीएम के निधन पर जपा सांसद जगदंबिका पाल पर कहा कि "डॉ मनमोहन सिंह के निधन को अपूरणीय क्षति बताते हुए कहा, "जवाहरलाल नेहरू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद अगर इस देश में लंबे समय तक कोई प्रधानमंत्री की कुर्सी पर काबिज रहे, तो वो मनमोहन सिंह थे। उन्होंने देश के आर्थिक सुधारों में अमूल्य योगदान दिया।" उन्होंने 2008 में आई आर्थिक मंदी का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसी स्थिति में जब इंग्लैंड सहित अन्य विकसित यूरोपीय देश आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे थे, तो मनमोहन सिंह ने अपनी आर्थिक नीतियों का सहारा लेकर देश के आर्थिक विकास को एक नई दिशा दी, जिसने पूरे विश्व के नेताओं को हतप्रभ कर दिया था।


भाजपा नेता ने मनमोहन सिंह द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में किए गए विकास कार्यों का भी जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल में मनरेगा और आधार कार्ड जैसी योजनाओं की शुरुआत की, जिसने ग्रामीण क्षेत्र के विकास को एक नई दिशा दी। मनमोहन सिंह के इन प्रयासों ने ग्रामीण भारत के विकास को मजबूत नींव दी। उनके द्वारा किए गए इन प्रयासों के परिणामस्वरूप मौजूदा समय में कई लोगों को रोजगार भी मिला। उन्होंने मनमोहन सिंह को एक सौम्य व्यक्ति बताते हुए एक पुराना किस्सा भी साझा किया। उन्होंने कहा कि 2009 में जब नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी सुषमा स्वराज के पास थी, तो आपस में कई मुद्दों को लेकर खुलकर बहस होती थी। इस दौरान कई बार तीखी बहस भी हो जाती थी। लेकिन, डॉ मनमोहन सिंह की सबसे खास बात यह थी कि वो राजनीतिक कटुता नहीं रखते थे। उनके जैसा सहज प्रवृत्ति का व्यक्ति मौजूदा समय में मिलना मुश्किल है। वह हमेशा से ही देश के विकास को लेकर प्रतिबद्ध रहे। उनकी हमेशा से ही यही कोशिश रही की देश के विकास को एक नई दिशा प्रदान की जाए। उन्होंने हर क्षेत्र में भारत का झंडा बुलंद करने का प्रयास किया।उन्होंने कहा कि डॉ मनमोहन सिंह जैसे व्यक्तित्व की पूर्ति मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में होना मुश्किल है। उनका व्यक्तित्व अद्भुत था।


वहीं, समाजवादी पार्टी के नेता फखरूल हसन ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन को लेकर कहा कि वो सौम्य प्रवृत्ति के व्यक्ति थे। वो महान अर्थशास्त्री थे। उनका जाना देश के लिए अपूरणीय क्षति है। समाजवादी पार्टी की तरफ से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। उन्होंने देश को नया आकार देने में अपना अमूल्य योगदान दिया। वह वित्त मंत्री के साथ-साथ दो बार देश के प्रधानमंत्री भी रहे। उन्होंने हमेशा से ही इसी दिशा में काम किया कि कैसे देश को आगे बढ़ाने की दिशा में काम किया जाए। उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह की सबसे खास बात यह थी कि वह अपने कार्यकाल में सत्तापक्ष के साथ-साथ विपक्ष को भी साथ लेकर चलते थे। वह हमेशा ही याद किए जाएंगे। उन्होंने जिस तरह का योगदान देश के विकास में दिया, उसे हमेशा ही याद किया जाएगा। उन्होंने योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता है। उन्होंने देश की आर्थिक दशा को नया आकार देने में अहम योगदान दिया।


उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री असीम अरुण ने मनमोहन सिंह के निधन पर कहा कि मैं स्वर्गीय मनमोहन सिंह को अपनी ओर से श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उनके परिवार को शोक संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। उनका जीवन बहुत ही गौरवशाली रहा है। देश उनके ऊपर नाज करता है। उनका परिवार इस विरासत को आगे बढ़ाएगा।

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