Advertisement

MP में कांग्रेस की सरकार कैसे गिरी? दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के बीच सियासी बहस तेज

मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार गिरने के पीछे कारणों को लेकर दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के बीच सियासी बहस तेज हो गई है. क्या यह विवाद पार्टी की एकजुटता को प्रभावित करेगा, या आगामी चुनावों में इसका असर कांग्रेस की रणनीति पर पड़ेगा?

File Photo

मध्य प्रदेश में 2018 में कांग्रेस ने 15 साल बाद सत्ता में वापसी की थी, और कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाया गया था. लेकिन मार्च 2020 में, 22 कांग्रेस विधायकों ने पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया, जिसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया भी शामिल थे. इस राजनीतिक उथल-पुथल के कारण कमलनाथ की सरकार गिर गई और शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.

दिग्विजय सिंह का दावा

बीते दिनों पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एक मीडिया हाउस से बातचीत में कांग्रेस की सरकार गिरने का जिक्र किया.इतना ही नहीं, उन्होंने यहां तक कहा कि कमलनाथ, सिंधिया और उनकी एक बड़े उद्योगपति की मौजूदगी में चर्चा हुई थी. बाद में ग्वालियर-चंबल इलाके से जुड़े कुछ नेताओं की नियुक्ति पर सहमति बनी और उस पर सिंधिया तथा दिग्विजय सिंह ने हस्ताक्षर कर कमलनाथ को सूची सौंपी, मगर उस पर अमल नहीं हुआ. सरकार गिरने की बड़ी वजह यह घटनाक्रम बना.

कमलनाथ का पलटवार

दिग्विजय सिंह के इस बयान पर कमलनाथ ने तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि सिंधिया को यह लगता था कि सरकार दिग्विजय सिंह चला रहे हैं. कमलनाथ ने आरोप लगाया कि दिग्विजय सिंह ने बंद कमरे में एक उद्योगपति के घर मीटिंग की, और इस डील के लीक होने से कांग्रेस में असंतोष फैल गया.

सियासी तनाव और गुटबाजी

कमलनाथ ने दिग्विजय सिंह के बयान पर पलटवार किया है और कहा है कि मध्य प्रदेश में 2020 में मेरे नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिराने को लेकर हाल ही में कुछ बयानबाजी की गई है.मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि पुरानी बातें उखाड़ने से कोई फायदा नहीं, लेकिन यह सच है कि व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया को लगता था कि सरकार दिग्विजय सिंह चला रहे हैं.इसी नाराजगी में उन्होंने कांग्रेस की विधायक तोड़ा और हमारी सरकार गिराई.

भाजपा ने बयानबाजी पर लगाई तीखी टिप्पणी

कांग्रेस के दो दिग्गज नेताओं के यह बयान सियासी गलियारे में चर्चा का विषय बने हुए हैं, वहीं कांग्रेस के नेता बढ़ती बयानबाजी से चिंतित हैं. भाजपा इन नेताओं के बयान पर चुटकी ले रही है. भाजपा प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि कमलनाथ ने स्वीकार कर लिया है कि 'श्रीमान बंटाधार' ने ही उनकी सरकार का बंटाधार किया था. दिग्विजय सिंह ही उनकी सरकार को चला रहे थे. यह सच्चाई भी प्रमाणित हो गई है कि भाजपा पर सरकार गिराने का आरोप झूठा था.सच्चाई स्वीकारने के लिए कमलनाथ को बहुत-बहुत बधाई.

 

 

 

Advertisement

यह भी पढ़ें

Advertisement

LIVE
अधिक →