हिंदू घटे, मुसलमान बढ़े…! आंकड़ों के साथ आए अमित शाह, डेमोग्राफी चेंज पर चेताया, कारण भी बताए
डिटेक्ट, डिलीट, डिपोर्ट…मोदी सरकार ट्रिपल D फॉर्मूले को घुसपैठियों का सफाया करने के लिए अपना रही है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश में हो रहे डेमोग्राफी बदलाव का प्रमुख कारण घुसपैठियों को बताया. उन्होंने मुस्लिम आबादी की वृद्धि दर को लेकर चौंकाने वाले आंकड़े शेयर किए.
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देश में ‘डेमोग्राफी चेंज’ को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने बहुत बड़ी बात कह दी है. जिसके बाद देश में घुसपैठियों का मुद्दा एक बार फिर गर्मा गया. अमित शाह ने मुस्लिम आबादी बढ़ने का सबसे बड़ा कारण पाकिस्तानी और बांग्लादेशी घुसपैठियों को बताया.
दिल्ली में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि, देश में मुसलमानों की आबादी प्रजनन दर की वजह से नहीं बल्कि पाकिस्तान और बांग्लादेश से घुसपैठ के कारण बढ़ रही है. उन्होंने साफ किया कि, देश में वोटिंग का अधिकार केवल नागरिकों को ही मिलना चाहिए.
अमित शाह ने रखे आंकड़े
गृह मंत्री अमित शाह ने कुछ आंकड़े भी रखे. जिसमें उन्होंने मुस्लिमों की बढ़ती आबादी और हिंदुओं की घटती आबादी पर चिंता जताई. उन्होंने बताया कि, मुस्लिम आबादी में 24.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. , जबकि हिंदू आबादी में 4.5 प्रतिशत की कमी आई है. आंकड़े जारी करते हुए अमित शाह ने कहा कि, मैं आपको यह इसलिए बता रहा हूं क्योंकि यह प्रजनन दर की वजह से नहीं हुआ है बल्कि घुसपैठ की वजह से हुआ है. शाह ने 1951 से 2011 का डाटा भी शेयर किया.
भारत में जनगणना के अनुसार हिंदू-मुस्लिम आबादी में बदलाव
1951 में हिंदू 84.1%, मुस्लिम 9.8%
1971 में हिंदू 82.72%, मुस्लिम 11%
1991 में हिंदू 81%, मुस्लिम 12.12%
2001 में हिंदू 80.5%, मुस्लिम 13.4%
2011 में हिंदू 79%, मुस्लिम 14.2%
ये आंकड़ा अमित शाह के कार्यालय के सोशल मीडिया हैंडल से शेयर किया गया है. इसमें मुस्लिम आबादी की वृद्धि दर को लेकर बताया गया कि, साल 2001-2011 में हिंदू जनसंख्या में वृद्धि दर 16.8% थी और मुस्लिम आबादी 24.6% की दर से बढ़ी. दावा किया कि, 1951 से लेकर 2011 तक जनसंख्या वृद्धि दर में जो असमानता दिखती है, उसका प्रमुख कारण ‘घुसपैठ’ है .
‘भारत के दोनों ओर पाकिस्तान बना’
अमित शाह ने कहा कि, भारत का विभाजन धर्म के कारण हुआ. भारत के दोनों ओर पाकिस्तान बना और उन दोनों ओर से घुसपैठ हुई. इसी का नतीजा है कि जनसंख्या में इतना बदलाव हुआ है. हालांकि उन्होंने यह भी माना कि, धार्मिक आधार पर प्रताड़ित लोग ही भारत में शरणार्थी हो सकते हैं. यानी अगर कोई आर्थिक या सामाजिक अन्य वजहों से प्रताड़ित होकर भारत में प्रवेश कर रहा है तो वह घुसपैठिया कहलाएगा.
धर्म के आधार पर हुआ देश का विभाजन!
अपने संबोधन में अमित शाह ने इस बात पर जोर दिया कि, भारत का विभाजन धर्म के कारण हुआ. इस दौरान उन्होंने शरणार्थी और घुसपैठिए का मतलब भी समझाया. उन्होंने कहा कि, पाकिस्तान और बांग्लादेश में जितनी भी हिंदू आबादी घटी, उनमें से कई ने भारत में शरण ली. पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में तेजी से हिंदू और सिख आबादी घटी है. भारत में जो मुस्लिम आबादी बढ़ी, वह प्रजनन क्षमता के कारण नहीं, बल्कि देश में घुसपैठ करने वाले कई मुसलमानों के कारण बढ़ी.
शाह ने कहा कि, शरणार्थी अपने धर्म को बचाने के लिए भारत आता है, जबकि घुसपैठिया धार्मिक उत्पीड़न के कारण नहीं, बल्कि आर्थिक और अन्य कारणों से अवैध रूप से एंट्री करता है. ये वो लोग हैं जिन्हें धार्मिक उत्पीड़न का सामना नहीं करना पड़ा है और जो आर्थिक या अन्य कारणों से अवैध रूप से भारत आना चाहते हैं, वे घुसपैठिए हैं. अगर सबको एंट्री दी गई तो हमारा देश एक धर्मशाला बन जायेगा. शाह ने साफ किया कि, ये मुद्दा हिंदू-मुस्लिम का नहीं बल्कि घुसपैठ का है.
घुसपैठियों पर एक्शन का SIR कनेक्शन
जैसा की गृह मंत्री शाह ने साफ किया कि भारत में वोटिंग का अधिकार यहां के मूल नागरिकों को ही मिलना चाहिए. उसके लिए स्पेशल इंटेसिव रिवीजन होना यानी SIR की प्रक्रिया बेहद जरूरी है. शाह ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि, घुसपैठ और चुनाव आयोग की कवायद SIR को राजनीतिक चश्में से नहीं देखना चाहिए. यह एक राष्ट्रीय मुद्दा है. जबकि कांग्रेस SIR पर इंकार का स्टैंड लेकर चलती है.
घुसपैठियों के खिलाफ ट्रिपल D फॉर्मूला!
अमित शाह ने देश में घुसपैठियों के खिलाफ मोदी सरकार के ट्रिपल D फॉर्मूले को भी समझाया. ट्रिपल D यानी- डिटेक्ट, डिलीट, डिपोर्ट. शाह ने कहा कि, घुसपैठियों को पहचानेंगे. उन्हें वोटिंग लिस्ट से उनका नाम डिलीट करेंगे और फिर उन्हें उनके देश भेजा जाएगा. मोदी सरकार का ये फॉर्मूला घुसपैठियों के खिलाफ नॉर्थ ईस्ट के कई राज्यों में कार्रवाई का हिस्सा है. चुनाव आयोग की SIR प्रक्रिया भी इसी का एक हिस्सा है. अमित शाह ने जनता से अपील करते हुए कहा कि, BJP के ट्रिपल D के फॉर्मूले को जनता का समर्थन मिलना चाहिए. देश को धर्मशाला नहीं बनने देंगे.
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