हाई अलर्ट पर बरेली... जुमे की नमाज से पहले मौलाना रजवी ने मुसलमानों से की अपील, कहा-नमाज पढ़कर सीधे घर लौटें
बरेली में शुक्रवार की नमाज के बाद हुई हिंसा के बाद यूपी सरकार ने कड़ा एक्शन शुरू किया है. इस बीच, आल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने लोगों से अपील की कि नमाज अदा करके सीधे घर लौटें और किसी भी भीड़, धरना या प्रदर्शन में शामिल न हों. उन्होंने इमामों से भी कहा कि वे मस्जिदों से शांति का संदेश दें और नौजवानों को उकसावे से दूर रखें.
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उत्तर प्रदेश के बरेली में पिछले सप्ताह शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा के बाद अब प्रदेश सरकार ने कड़ा एक्शन शुरू कर दिया है. ऐसे में आज एक बार फिर जुमे की नमाज के मद्देनजर पूरे जिले को हाई अलर्ट पर रखा गया है. इसके अलावा प्रशासन ने सतर्कता को अपनाते हुए इंटरनेट, ब्रॉडबैंड और एसएमएस सेवाओं पर लगी पाबंदी अगले 48 घंटे के लिए और बढ़ा दी है. इस बीच, आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने समाज के लोगों से सीधी और सख्त अपील की है. उन्होंने कहा कि नमाज अदा करने के बाद लोग सीधे अपने घर लौट जाएं और किसी भी हालत में भीड़, धरना या प्रदर्शन का हिस्सा न बनें. वहीं जिले के संवेदनशील इलाकों में पुलिस, पीएसी और आरएएफ के जवानों को तैनात किया गया है और ड्रोन के जरिये निगरानी की जा रही है.
मौलाना रजवी ने की खास अपील
मुस्लिम समुदाय से अपील करते हुए मौलाना रजवी ने कहा पिछले जुमे के दिन जो घटना हुई वो बहुत अफसोसनाक है. इस बार मैं मुसलमानों से अपील करता हूं कि जुमे की नमाज पढ़कर सीधे अपने घरों को वापस हो जाए, चोक व चौराहों पर भीड़ का हिस्सा न बने. उन्होंने मस्जिदों के कुछ इमामों पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि कुछ इमाम राजनीति में उलझ जाते हैं और अब उन्हें सोचना होगा कि ऐसे राजनीतिक लोगों से दूरी बनाए रखना कितना जरूरी है. इमामों से उन्होंने यह भी कहा कि वे अपनी मस्जिदों से अमन-ओ-शांति की अपील करें और नौजवानों को समझाएं कि किसी भी उकसावे या भड़कावे में न आएं.
किसी के बहकावे में ना आएं, तालीम पर करें अमल
मौलाना ने कहा कि पैगम्बर-ए-इस्लाम से सच्ची मोहब्बत केवल उनके दिखाए मार्ग और शिक्षाओं पर चलकर ही दिखाई देती है, न कि पोस्टर या बैनरों के माध्यम से. उन्होंने दो टूक कहा कि पैगम्बर ने कभी टकराव का रास्ता नहीं अपनाया, बल्कि विरोधियों से बातचीत और समझौते के जरिए मसलों को हल किया. इस्लामी इतिहास में सुलह हुदैबिया और मिसाके मदीना इसके स्पष्ट उदाहरण हैं.
टकराव पैदा करना इस्लाम के खिलाफ
मौलाना ने साफ किया कि वर्तमान परिस्थितियों में किसी भी तरह की भीड़ जुटाना या टकराव पैदा करना पूरी तरह इस्लाम की शिक्षा के खिलाफ है. उन्होंने मुसलमानों से अपील की कि वे नमाज अदा करें, अपने रोजमर्रा के कामकाज में लगे रहें और किसी भी तरह के बंद-धरने या प्रदर्शन को नाकाम बनाएं. मौलाना का संदेश साफ है कि धर्म के नाम पर हिंसा किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं है और शांति, अनुशासन और समझदारी ही असली धर्म है.
क्या है पूरा मामला
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दरअसल, बीते शुक्रवार जुमे की नमाज के बाद बरेली के कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित एक मस्जिद के बाहर भारी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए थे. इसी दौरान माहौल तनावपूर्ण हो गया और पथराव के साथ पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, जिसमें कुछ पुलिसकर्मी और कई अन्य लोग घायल हो गए. बताया जा रहा है कि यह विवाद ‘आई लव मुहम्मद’ पोस्टर मामले को लेकर भड़का. दरअसल, इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खां के प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन को रद्द कर दिया गया था, जिसके बाद यह बवाल हुआ. मंडलायुक्त भूपेंद्र एस. चौधरी ने जानकारी दी कि हालिया घटनाओं को देखते हुए दशहरा और जुमे की नमाज से पहले बरेली समेत शाहजहांपुर, पीलीभीत और बदायूं जिलों में हाई अलर्ट घोषित किया गया है. वहीं, खुफिया एजेंसियों को भी सख्त निगरानी और सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं.
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