'उसके पास मेरे गंदे वीडियो हैं', पीड़िताओं ने सुनाई छांगुर बाबा के जुल्म की कहानी, कहा- पहले वो रेप करवाता फिर...
यूपी में अवैध धर्मांतरण रैकेट का खुलासा होने के बाद ATS की गिरफ्त में आए छांगुर बाबा से पूछताछ में एक तरफ लगातार नए खुलासे हो रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ अब पीड़ित युवतियां भी सामने आने लगी हैं, जो जबरन निकाह और धर्म परिवर्तन की चौंकाने वाली साजिश का शिकार हुई हैं. इन पीड़ित युवतियों ने जो कुछ बताया है, उसे सुनकर आप भी सन्न रह जाएंगे.
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उत्तर प्रदेश में एक ऐसा खुलासा हुआ है, जिसने पूरे राज्य ही नहीं, बल्कि देश को झकझोर कर रख दिया है. यूपी एटीएस ने अवैध धर्मांतरण के एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश करते हुए इसके मुख्य आरोपी जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा को गिरफ्तार किया है. ये गिरफ्तारी सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि उन सैकड़ों मासूम लड़कियों की आवाज है, जो वर्षों से शोषण, धोखे और भय के साए में जीती आ रही थीं. बलरामपुर से गिरफ्तार किया गया छांगुर बाबा अब पुलिस हिरासत में है, लेकिन उसके द्वारा किए गए कारनामे धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं, जो बेहद हैरान करने वाले हैं.
कैसे होती थी साजिश की शुरुआत?
जिन लड़कियों को ‘रूहानी इलाज’, ‘धार्मिक शक्ति’ और ‘नौकरी’ का सपना दिखाया गया, वे कब इस रैकेट के जाल में फंस गईं, उन्हें खुद भी समझ नहीं आया. पहली पीड़िता ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि कैसे उसे मारपीट कर बेहोशी की हालत में उतरौला ले जाया गया. वहां उसे छांगुर बाबा से ‘इलाज’ के नाम पर मिलवाया गया. इसके बाद उसका सहारनपुर और फिर सऊदी अरब तक का सफर शुरू हुआ. ब्यूटीशियन के रूप में काम दिलाने का झांसा देकर उसे वहां पहुंचाया गया, लेकिन सच तब सामने आया जब उसे निकाह के लिए मजबूर किया गया.
देवबंद से लेकर मुरादाबाद तक फैला ‘मिनी पाकिस्तान’ का नेटवर्क
पीड़िता के अनुसार, यह रैकेट मुरादाबाद, देवबंद और मुजफ्फरनगर जैसे इलाकों में फैला हुआ है. इन क्षेत्रों को उसने ‘मिनी पाकिस्तान’ करार दिया, जहां इस्लामी कट्टरपंथ को बढ़ावा देने वाले संगठनों की गतिविधियां चल रही थीं. इन इलाकों में छांगुर बाबा का नेटवर्क बेहद मजबूत था. इंटरनेट कॉल्स के जरिए संपर्क में रहने वाला यह गिरोह बेहद योजनाबद्ध तरीके से काम करता था, ताकि पुलिस और प्रशासन को कोई सुराग न मिल सके.
छांगुर बाबा की दरगाह से शुरू होता था ‘ब्रेनवॉश’ का खेल
एक अन्य युवती ने खुलासा किया कि उसकी मुलाकात 2019 में चांद औलिया दरगाह पर छांगुर बाबा से हुई थी. वहां सिर्फ महिलाएं होती थीं और सभी को ‘खास तरह की दुआ’ और ‘ताबीज’ देकर धीरे-धीरे मानसिक रूप से प्रभावित किया जाता था. उसने बताया कि जिसने उसे फंसाया, उसका असली नाम अबू अमीर अंसारी था. उसके परिवार के कई लोग पहले से इस गोरखधंधे में शामिल थे. दरगाह पर माहौल अजीब होता था, जहां हिंदू लड़कियों को इस्लामी विचारधारा से प्रभावित किया जाता था और फिर धीरे-धीरे उन्हें शादी के जाल में फंसा कर धर्मांतरण कराया जाता था. चौंकाने वाली बात यह है कि इस रैकेट को आर्थिक सहयोग हवाला नेटवर्क से मिलता था. एक पीड़िता ने बताया कि नेपाल से पैसे आते थे और लखनऊ के एक खास इलाके से वितरित होते थे. छांगुर बाबा की ज्यादातर संपत्तियां उसके नाम पर नहीं, बल्कि दूसरों के नाम पर रजिस्टर्ड थीं. यानी वो हर जगह खुद को सुरक्षित रखने की पूरी तैयारी के साथ इस पूरे खेल को अंजाम दे रहा था. युवतियों को धमकाया जाता था, उनके नाम बदले जाते थे और उनके परिवार से उन्हें पूरी तरह काट दिया जाता था.
तीसरी पीड़िता की आपबीती
औरैया की रहने वाली तीसरी पीड़िता ने बताया कि 2019 में एक युवक रूद्र बनकर उनके परिवार से मिला और उसके बाद धीरे-धीरे उनका विश्वास जीत लिया. बाद में छांगुर बाबा के संपर्क में लाकर एक मस्जिद में जबरन निकाह कराया गया. वीडियो कॉल पर मौजूद छांगुर बाबा ने उसका नाम बदलकर जैनब रख दिया. सबा नाम की महिला को उसकी ‘नकली मां’ बनाया गया और तीन महीने तक बंधक बनाकर रखा गया. उसे पाकिस्तान भेजने की योजना भी बनाई जा रही थी और ‘2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र’ बनाने की बातें की जाती थीं. यह सुनकर हर कोई सन्न रह गया. एक पीड़ित ने कहा, "मैं तीन महीने बाद भागकर अपने घर पहुंची. मिराज नाम का एक व्यक्ति मेरे घर पहुंचा और मेरे पिता को दूसरी लड़कियों और मेरे अश्लील वीडियो दिखाए. मेरे पिता ने उसे वीडियो डिलीट करने को कहा. उसने मेरे पिता से कहा कि अगर मेरे पिता अपनी छोटी बेटी की शादी उससे करने को तैयार हो जाएं, तो वह वीडियो डिलीट कर देगा. मेरे पिता ने उसे रॉड से मारा, जिससे उसकी मौत हो गई. मेरे पिता ने शिकायत दर्ज कराई, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई. मिराज का परिवार समाजवादी पार्टी से था. उसके परिवार के सदस्य कई अन्य मुसलमानों के साथ आते हैं और मेरे भाई और मुझे अदालत पहुंचने पर जान से मारने की धमकी देते हैं. मेरे माता-पिता को झूठे मामले में जेल भेज दिया गया है. अगर मिराज के मोबाइल का डेटा रिकॉर्ड किया गया होता, तो उसका पर्दाफाश हो जाता."
पुलिस जांच की सुई अब और गहराई तक
हालांकि यूपी एटीएस ने छांगुर बाबा को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन यह सिर्फ शुरुआत है. अभी तक इस पूरे गिरोह का केवल सिरमौर पकड़ा गया है, बाकि लोग अब भी खुलेआम घूम रहे हैं. जिन लोगों ने इस नेटवर्क की नींव रखी, फंडिंग की, जगह-जगह लड़कियों को फंसाने का काम किया, वे अभी कानून की गिरफ्त से बाहर हैं. पीड़िताओं की मांग है कि इस रैकेट के हर एक सदस्य को गिरफ्तार किया जाए और ऐसे संगठनों पर सख्त कार्रवाई हो, जो धर्मांतरण को सामाजिक सेवा की आड़ में बढ़ावा देते हैं.
बताते चलें कि यह घटना सिर्फ एक रैकेट या एक बाबा की गिरफ्तारी की कहानी नहीं है. यह लड़कियों की आवाज है जो अब सामने आ रही है. यह हमारे समाज के उस हिस्से की झलक है जहां विश्वास के नाम पर धोखा, धर्म के नाम पर अपराध और आस्था के नाम पर अत्याचार हो रहा है.
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