हरियाणा की सैनी सरकार का बड़ा ऐलान, तहसीलदार और DRO अब 2017 के नियमों से बनेंगे HCS अधिकारी
हरियाणा सरकार ने राजस्व अधिकारियों (DRO) और तहसीलदारों को हरियाणा सिविल सर्विस (HCS) में पदोन्नति देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं. कुल 12 पद भरे जाएंगे, जिनमें 3 पद दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं. चयन मेरिट और पारदर्शिता के आधार पर होगा. अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने सात अधिकारियों के नाम भेजकर विजिलेंस क्लीयरेंस मांगी है. प्रक्रिया 2017 के तय मानदंडों के अनुसार पूरी की जाएगी.
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हरियाणा नायब सिंह सैनी की सरकार ने राज्य प्रशासनिक सेवाओं में नई ऊर्जा भरने की दिशा में एक अहम कदम उठाया है. लंबे इंतजार के बाद राजस्व अधिकारियों (DRO) और तहसीलदारों को हरियाणा सिविल सर्विस (HCS) में पदोन्नति देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. इस संबंध में मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने आधिकारिक रूप से आदेश जारी किए हैं. यह निर्णय न केवल अधिकारियों के करियर के लिए बड़ी खबर है, बल्कि राज्य प्रशासन की कार्यकुशलता और अनुभव दोनों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी माना जा रहा है.
HCS के 12 पद होंगे भरे
जारी पत्र के अनुसार, HCS के कुल 12 पदों को पदोन्नति के माध्यम से भरा जाना है. इनमें से 3 पद दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए आरक्षित रखे गए हैं. चयन प्रक्रिया को पारदर्शी और मेरिट आधारित बनाने के लिए यह तय किया गया है कि पात्र उम्मीदवारों की मेरिट सूची के आधार पर पांच गुना नाम चयन समिति को भेजे जाएंगे. राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा को इस पूरी प्रक्रिया का समन्वय करने की जिम्मेदारी दी गई है.
मुख्य सचिव ने मांगी विजिलेंस क्लीयरेंस
मुख्य सचिव ने अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि पदोन्नति की प्रक्रिया 22 दिसंबर 2017 के तय मानदंडों के आधार पर की जाएगी. हालांकि, यह भी उल्लेख किया गया है कि साल 2019 में DDPO और BDPO अधिकारियों की भर्ती के दौरान नए मानदंड लागू किए गए थे, जिससे इस बार कुछ विवाद या असहमति की स्थिति बन सकती है. फिलहाल, डॉ. सुमिता मिश्रा ने सात अधिकारियों डीआरओ डॉ. कुलदीप सिंह, चेतना चौधरी, तरुण सहोता, अभिषेक बिबियां, विजय कुमार, और तहसीलदार वीरेंद्र कुमार व कुलदीप कृष्ण शर्मा के नाम मुख्य सचिव को भेजकर विजिलेंस क्लीयरेंस मांगी है. यह प्रक्रिया तय मानकों के तहत पारदर्शिता बनाए रखने के लिए की जा रही है.
नए नियमों से तय होगी मेरिट, योग्यता को मिलेगा वेटेज
नए नियमों के अनुसार, चयन प्रक्रिया पूरी तरह अंक प्रणाली (स्कोरिंग सिस्टम) पर आधारित होगी. शैक्षणिक योग्यता में एसीआर (वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट), और सेवा अनुभव इन तीनों को मिलाकर उम्मीदवारों को अंक दिए जाएंगे. सबसे दिलचस्प बात यह है कि सेवा के दौरान प्राप्त डिग्रियों को 100% वेटेज दिया जाएगा, जबकि सेवा से पहले की योग्यता को 50% वेटेज मिलेगा. इसके अलावा, जिन अधिकारियों की एसीआर में ‘उत्कृष्ट’ रिपोर्ट है उन्हें 8.75 अंक और ‘बहुत अच्छा’ प्रदर्शन करने वालों को 7 अंक तक मिल सकते हैं. इससे स्पष्ट है कि जो अधिकारी अपने काम में निरंतर अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्हें आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा.
प्रक्रिया से प्रशासन में आएगी नई ऊर्जा और संतुलन
सरकार का यह कदम न केवल deserving अधिकारियों को उनका हक देने वाला है, बल्कि इससे राज्य प्रशासन में अनुभव और युवा ऊर्जा का बेहतर संतुलन स्थापित होने की उम्मीद है. राजस्व विभाग जैसे संवेदनशील क्षेत्र में वर्षों से काम कर रहे अधिकारियों को अब प्रशासनिक जिम्मेदारी के उच्च स्तर पर अपनी क्षमता दिखाने का मौका मिलेगा. विशेषज्ञों का मानना है कि इससे HCS कैडर में प्रशासनिक स्थिरता और नीतिगत निरंतरता दोनों को मजबूती मिलेगी. वहीं, पदोन्नति प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने से भविष्य के लिए एक मिसाल कायम होगी.
बताते चलें कि हरियाणा सरकार द्वारा शुरू की गई यह पदोन्नति प्रक्रिया कई राजस्व अधिकारियों के लिए एक करियर टर्निंग पॉइंट साबित हो सकती है. वर्षों की मेहनत, अनुभव और ईमानदारी अब उन्हें उच्च प्रशासनिक स्तर पर अपनी भूमिका निभाने का अवसर देगी. यदि यह प्रक्रिया तय समय पर और बिना विवाद के पूरी होती है, तो यह न केवल अधिकारियों के मनोबल को बढ़ाएगी बल्कि राज्य के प्रशासनिक ढांचे को भी और अधिक मजबूत बनाएगी.
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