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हरियाणा सरकार ने बढ़ाया शिक्षकों का कार्यकाल, अब अगले साल नवंबर तक नहीं जाएगी नौकरी

हरियाणा सरकार का यह कदम न सिर्फ शिक्षकों के लिए राहत भरा है बल्कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था को स्थिर बनाए रखने की दिशा में भी एक सकारात्मक पहल है.

Image Source: Social Media

हरियाणा सरकार ने राज्य के सरकारी स्कूलों में काम कर रहे शिक्षकों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है. अब हरियाणा कौशल रोजगार निगम (HKRN) के तहत नियुक्त TGT शिक्षकों, आर्ट एजुकेशन असिस्टेंट और फिजिकल एजुकेशन असिस्टेंट्स का अनुबंध बढ़ा दिया गया है. सरकार ने इन सभी शिक्षकों की सेवा अवधि को 30 नवंबर 2025 तक के लिए बढ़ाने का आदेश जारी किया है.

मौलिक शिक्षा निदेशालय ने जारी किए आदेश

मौलिक शिक्षा निदेशालय की ओर से इस संबंध में सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों (DEOs) को निर्देश भेजे गए हैं. पहले इन शिक्षकों का कार्यकाल 30 सितंबर 2025 तक ही तय किया गया था, लेकिन अब इसे एक और माह यानी 30 नवंबर 2025 तक बढ़ा दिया गया है. इसका फायदा उन हजारों शिक्षकों को मिलेगा जो HKRN के माध्यम से राज्य के विभिन्न विद्यालयों में कार्यरत हैं.

जहां तैनात हैं, वहीं करते रहेंगे काम

जारी पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि सभी शिक्षक अपने वर्तमान स्कूलों में ही कार्य करते रहेंगे. यानी अब किसी को नई जगह नहीं भेजा जाएगा. वहीं, अगर किसी विद्यालय में शिक्षक अतिरिक्त (सरप्लस) हैं, तो उन्हें दूसरे स्कूलों में समायोजित किया जाएगा ताकि सभी जगह शिक्षण कार्य सुचारू रूप से चलता रहे.
सरकार का कहना है कि यह कदम शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने और विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इस उद्देश्य से उठाया गया है.

बिना अनुमति किसी को नहीं हटाया जाएगा

निर्देशों में यह भी साफ लिखा गया है कि किसी भी शिक्षक को सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना कार्यमुक्त नहीं किया जाएगा. यानी अब किसी प्राचार्य या DDO (Drawing and Disbursing Officer) को अपने स्तर पर किसी शिक्षक को स्कूल से हटाने का अधिकार नहीं होगा. ऐसा केवल संबंधित अधिकारी की अनुमति के बाद ही किया जा सकेगा.यह फैसला शिक्षकों के हित में माना जा रहा है, क्योंकि पहले कई बार बिना उचित प्रक्रिया के कुछ शिक्षकों को हटाए जाने की शिकायतें आती थीं.

शिक्षकों में दिखी राहत

सरकार के इस फैसले से शिक्षकों में खुशी की लहर है. HKRN के तहत काम करने वाले कई शिक्षक पिछले कुछ समय से अपने अनुबंध के नवीनीकरण को लेकर अनिश्चितता में थे. अब जब सरकार ने कार्यकाल बढ़ाने का आदेश जारी कर दिया है, तो उन्हें स्थायित्व की राहत मिली है. शिक्षकों ने उम्मीद जताई है कि आने वाले समय में सरकार उनके कार्यकाल को और बढ़ाएगी या नियमित नियुक्तियों पर भी विचार करेग.

शिक्षा विभाग का उद्देश्य

शिक्षा विभाग का कहना है कि इसका मकसद स्कूलों में अध्यापन कार्य को निरंतर बनाए रखना है. यदि अनुबंध बीच में समाप्त हो जाता, तो कई स्कूलों में पढ़ाई रुक जाती. इसलिए सरकार ने ये फैसला समय पर लिया है ताकि विद्यार्थियों को किसी तरह की असुविधा न हो. हरियाणा सरकार का यह कदम न सिर्फ शिक्षकों के लिए राहत भरा है बल्कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था को स्थिर बनाए रखने की दिशा में भी एक सकारात्मक पहल है.

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