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गुजरात में घुसपैठियों पर 'बुलडोजर' एक्शन लेने वाले हर्ष सांघवी का प्रमोशन, कम उम्र में बने उपमुख्यमंत्री

गुजरात में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की सरकार में शुक्रवार को नई कैबिनेट का शपथ ग्रहण गांधी नगर के महात्मा मंदिर में हुआ. इस दौरान पार्टी के युवा नेता हर्ष सांघवी ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली. जबकि जितेंद्र वाघानी और अर्जुन मोढवाडिया कैबिनेट मंत्री बने. सांघवी ने पहले गृह राज्य मंत्री के रूप में काम किया और अपनी सक्रिय भूमिका से केंद्रीय नेतृत्व का भरोसा जीता.

Harsh Sanghvi (File Photo)

गुजरात में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की अगुवाई में 17 अक्तूबर को नई कैबिनेट का शपथ ग्रहण समारोह गांधी नगर के महात्मा मंदिर में आयोजित हुआ. इस मौके पर पार्टी के कई विधायक को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई. इस दौरान हर्ष सांघवी ने गुजरात के नए उपमुख्यमंत्री के पद की शपथ ली. वहीं, जितेंद्र वाघानी और अर्जुन मोढवाडिया ने भी कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण किया.

हर्ष सांघवी को मिला प्रमोशन 

हर्ष सांघवी ने हाल ही में बांग्लादेशी घुसपैठियों के ठिकानों पर बुलडोजर ऐक्शन के कारण खूब सुर्खियां बटोरी थीं. बेहद कम उम्र में ही गुजरात की राजनीति में अपनी पकड़ बनाने वाले सांघवी को अब उपमुख्यमंत्री बनाया गया है. इससे पहले वह राज्य के गृह राज्य मंत्री के रूप में कार्यरत थे और अपने कामकाज से केंद्रीय नेतृत्व का विश्वास जीतने में सफल रहे. राजनीतिक चर्चा यह भी है कि 2027 में बीजेपी अगर सत्ता बनाए रखती है तो सांघवी को और भी बड़ा नेतृत्व सौंपा जा सकता है.

हर्ष सांघवी का राजनीतिक सफर 

हर्ष सांघवी का जन्म 8 जनवरी 1985 को हुआ था. 2012 में वह पहली बार विधायक बने और 27 साल की उम्र में गुजरात के सबसे युवा विधायक बने. अब 40 साल की उम्र में उपमुख्यमंत्री के रूप में चुने जाने के बावजूद उनका सार्वजनिक जीवन का अनुभव काफी व्यापक है. वे महज 15 साल की उम्र से छात्र संगठनों से जुड़े थे और युवा मोर्चा में लंबे समय तक सक्रिय रहे, इसके बाद भाजपा में आए.

कैबिनेट विस्तार और नए मंत्रियों की सूची

गुजरात की नई कैबिनेट में कुल 25 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई, जिनमें छह पुराने चेहरों को नई कैबिनेट में शामिल किया गया. रीवाबा जडेजा, जामनगर उत्तर से विधायक, 35 साल की उम्र में मंत्री बनीं और वह क्रिकेटर रवींद्र जडेजा की पत्नी हैं. मोरबी से विधायक कांति अमृतिया को भी मंत्री पद मिला, वे कटु पाटीदार समुदाय का प्रतिनिधित्व करती हैं और छह बार विधायक रह चुकी हैं. वहीं पहली बार मंत्रिमंडल में शामिल नामों में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के अलावा त्रिकम बिजल छंगा, स्वरूपजी सरदारजी ठाकोर, प्रवीण माली, ऋषिकेश पटेल, पीसी बरंडा, दर्शना वाघेला, कांतिलाल अमृतिया, कुंवरजीभाई बावलिया, रिवाबा जडेजा, अर्जुन मोढवाडिया, डॉ. प्रद्युम्न वाजा, कौशिक वेकारिया, परषोत्तम सोलंकी, जीतेंद्र वाघाणी, रमण सोलंकी, कमलेश पटेल, संजय सिंह महीडा, रमेश कटारा, प्रफुल पानसेरिया, हर्ष संघवी, मनीषा वकील और ईश्वर सिंह पटेल शामिल हैं.

जातिगत समीकरण साधने की कोशिश 

नई कैबिनेट में मुख्यमंत्री समेत आठ पाटीदार मंत्रियों को जगह मिली है. इसके अलावा आठ ओबीसी विधायकों, चार आदिवासी नेताओं, तीन अनुसूचित जाति विधायकों और एक अनाविल ब्राह्मण को स्थान मिला. जैन समुदाय से हर्ष संघवी और क्षत्रिय समुदाय से रीवाबा जडेजा को जगह मिली है. हालांकि, हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर और दो आंदोलनकारियों को मंत्री पद से बाहर रखा गया.

कैबिनेट से हटाए गए नाम

गुजरात के नए मंत्रिमंडल में राघवजी पटेल, बलवंतसिंह राजपूत, कुबेरभाई डिंडोर, मुलुभाई बेरा, भानुबेन बाबरिया, जगदीश विश्वकर्मा, मुकेश पटेल, भीखूसिंह परमार, कुंवरजीभाई हलपति और बच्चू खाबर को हटाया गया है.

बताते चलें कि गुजरात की नई कैबिनेट ने न केवल युवा और अनुभवी नेताओं का संतुलन दिखाया है बल्कि जातिगत समीकरण और क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व पर भी ध्यान दिया गया है. हर्ष सांघवी जैसे युवा चेहरे के उपमुख्यमंत्री बनने से राज्य की राजनीति में नई ऊर्जा देखने को मिलेगी और आने वाले चुनावी मुकाबलों में भाजपा की रणनीति को मजबूती मिलेगी.

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