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भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा में परिवार के साथ शामिल हुए गौतम अडाणी, सोशल मीडिया पर साझा किया यात्रा का अनुभव

अदाणी ग्रुप ने 26 जून से 8 जुलाई तक चलने वाले नौ दिवसीय उत्सव के दौरान तीर्थयात्रियों और अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं को समर्थन देने के लिए बड़े पैमाने पर स्वयंसेवी पहल शुरू की है.

अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने शनिवार को भगवान श्री जगन्नाथ जी की रथ यात्रा देखने को दिव्य आध्यात्मिक अनुभव बताया.

गौतम अदाणी ने पुरी रथ को लेकर ओडिशा सरकार की तारीफ

गौतम अदाणी ने भव्य और सुव्यवस्थित रथ यात्रा के लिए ओडिशा सरकार, प्रशासन और लोगों के प्रयासों की भी सराहना की.

गौतम अदाणी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे यहां आने का अवसर मिला. पिछले कुछ वर्षों में, मैंने अपने जीवन में महाप्रभु जगन्नाथ की दिव्य उपस्थिति को गहराई से महसूस किया है. मैं भगवान जगन्नाथ से तब मिला था, जब मेरे पास कुछ भी नहीं था और आज लोगों की कृपा और भगवान के आशीर्वाद से मेरे पास सब कुछ है."

अरबपति उद्योगपति ने कहा, "मैंने भारत के उज्ज्वल भविष्य और ओडिशा के विकास के लिए प्रार्थना की. भगवान श्री जगन्नाथ जी देश को निरंतर प्रगति की ओर ले जाएं और मैं प्रार्थना करता हूं कि सभी लोगों को इस प्रगति का लाभ मिले."

अदाणी ग्रुप ने नौ दिवसीय यात्रा को लेकर शुरू की स्वयंसेवी पहल

अदाणी ग्रुप ने 26 जून से 8 जुलाई तक चलने वाले नौ दिवसीय उत्सव के दौरान तीर्थयात्रियों और अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं को समर्थन देने के लिए बड़े पैमाने पर स्वयंसेवी पहल शुरू की है.

अदाणी समूह के अध्यक्ष ने कहा, "इस दिव्य समागम के दौरान पहली बार, हमने भक्ति के रूप में 'सेवा' पर ध्यान केंद्रित किया.  इस सेवा में 5,000 से अधिक लोग हमारे साथ आए हैं और हमने देखा कि कैसे इसने जीवन को बदल दिया. सेवा केवल धार्मिक अभ्यास तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका समाज पर भी ठोस प्रभाव पड़ता है."

गौतम अदाणी ने कहा, "मैंने खुद व्यवस्था देखी है और प्रशासनिक एवं सुरक्षा कर्मियों का समर्पण सराहनीय है."

जगन्नाथ रथयात्रा को अदाणी ने बताया- जीवन की अनमोल स्मृति

इसके अतिरिक्त, गौतम अदाणी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "भक्तों के बीच साक्षात भगवान को देखना, विनम्रता, सरलता और करुणा की पराकाष्ठा का अनुभव है. यह रथ यात्रा आस्था, सेवा और एकता का विराट स्वरूप है, जो मन, बुद्धि और आत्मा, तीनों को आनंदित कर देती है."

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