राम मंदिर से रोजगार तक, कैसे बदल रही है अयोध्या की अर्थव्यवस्था
उत्तर प्रदेश में धार्मिक केंद्रों के रूप में अयोध्या-वाराणसी-प्रयागराज के पर्यटन में बड़ी उछाल आई है. इस क्षेत्र में 2017 से अब तक पर्यटकों की संख्या में 361 फीसदी से अधिक वृद्धि दर्ज की गई है. उत्तर प्रदेश का पर्यटन सेक्टर अगले कुछ वर्षों में 70,000 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है. विकास परियोजनाएं अयोध्या को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा रही हैं.
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अयोध्या ध्वजारोहण समारोह एक ऐसा उत्सव बनकर उभर रहा है जो विकास की पूरी दास्तान को अपने भीतर समेटे हुए है. यह समारोह सिर्फ आस्था का पर्व नहीं, बल्कि एक ऐसा आयोजन है जिसने युवाओं, उद्योगों, कारीगरों और आम नागरिकों के लिए नए अवसरों का दरवाजा खोल दिया है.
अयोध्या धार्मिक स्थल नहीं विकास की प्रयोगशाला बना
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अयोध्या अब सिर्फ एक तीर्थ नहीं बल्कि विकास की प्रयोगशाला बन चुका है. अयोध्या के ऐतिहासिक विकास ने युवाओं की ज़िंदगी में नई रोशनी, स्थानीय उद्योगों में नई सांसें और परंपरागत कला में एक नई दिशा दी है.
25 नवंबर PM मोदी श्री राम मंदिर के शिखर पर भगवा ध्वज फहराएंगे
अयोध्या में 25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्री राम मंदिर के शिखर पर भगवा ध्वज फहराएंगे. इस विशेष कार्यक्रम के दौरान देश और विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक आएंगे. इससे होटल, रेस्टोरेंट, टूर और ट्रेवल्स, स्थानीय उत्पादों, ओडीओपी के तहत गुड़ कारोबार जैसे अनेकों व्यवसाय में वृद्धि देखने को मिलेगी.
अनुमान है कि अयोध्या में इस दौरान करोड़ों का कारोबार होगा. अयोध्या के ध्वजारोहण समारोह से पर्यटन और सांस्कृतिक गतिविधियां नई ऊंचाइयों तक पहुंचेगी. जब लाखों श्रद्धालु शहर की तरफ उमड़ते हैं, तो शहर की अर्थव्यवस्था भी उतनी ही तेजी से चलती है. होटल, रेस्टोरेंट, ट्रैवल एजेंसियां, सुरक्षा सेवाएं, इवेंट मैनेजमेंट कंपनियां और स्थानीय दुकानों के लिए लाभ के दरवाजे खुल जाते हैं.
अयोध्या-वाराणसी-प्रयागराज बने धार्मिक स्थलों के केंद्र
उत्तर प्रदेश में धार्मिक केंद्रों के रूप में अयोध्या-वाराणसी-प्रयागराज के पर्यटन में बड़ी उछाल आई है. इस क्षेत्र में 2017 से अब तक पर्यटकों की संख्या में 361 फीसदी से अधिक वृद्धि दर्ज की गई है. उत्तर प्रदेश का पर्यटन सेक्टर अगले कुछ वर्षों में 70,000 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है. विकास परियोजनाएं अयोध्या को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा रही हैं.
एक अधिकारी ने बताया कि राम वन गमन पथ” का निर्माण 4,403 करोड़ रुपये से हो रहा है. ग्रीनफील्ड टाउनशिप प्रोजेक्ट 2,182 करोड़ से बन रहा है. शहर की जनसंख्या और भूमि उपयोग की योजना भी स्पष्ट है. अयोध्या शहर की वर्तमान आबादी लगभग 11 लाख है, जो 2031 तक लगभग 24 लाख और 2047 तक लगभग 35 लाख तक पहुंचने का अनुमान है. इन विकास परियोजनाओं का सीधा लाभ युवाओं को मिल रहा है. उनके लिए रोजगार के नए अवसर प्राप्त हो रहे हैं.
युवाओं को मिल रहा है रोजगार
2017 से पहले युवाओं के बीच यह अवधारणा बन गई थी कि छोटे शहरों में रहने वाले युवाओं को बड़े सपने देखने का हक नहीं. करियर के नाम पर उन्हें महानगरों की दौड़ धूप में जाना ही पड़ता था. लेकिन अयोध्या ने इस मिथक को तोड़ दिया है. राम मंदिर निर्माण और अयोध्या के भव्य विकास के बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि यहां से जाने वाले युवा अब वापस लौट रहे हैं.
अधिकारी के अनुसार स्थानीय रोजगार में वृद्धि, व्यापारिक गतिविधियों का विस्तार और पर्यटन उद्योग के विस्तार ने युवाओं को यह भरोसा दिया है कि उनके सपने अब उनके अपने शहर में पूरे हो सकते हैं. आज अयोध्या के युवा अपने परिवारों के साथ रहकर वही कमा पा रहे हैं, जो पहले उन्हें मीलों दूर रहकर कमाना पड़ता था. यह बदलाव सिर्फ रोजगार का नहीं, बल्कि सामाजिक स्थिरता और पारिवारिक मजबूती का भी प्रतीक है.
श्रीराम मंदिर बनने से कारीगरों के हाथों में काम
उत्तर प्रदेश का एक जिला, एक उत्पाद अभियान अयोध्या की वास्तविक ताकत बनकर उभरा है. अयोध्या की काष्ठ कला, गुलाब उत्पाद, धार्मिक उपहार, मूर्तिकला, राम नाम से जुड़े स्मृति चिह्न सबको देश-विदेश के बाजारों में नई पहचान मिली है.
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राम मंदिर आने वाले लाखों पर्यटकों की वजह से स्थानीय उत्पादों की मांग को कई गुना बढ़ा दिया है. इससे स्थानीय कलाकारों, महिलाओं के स्वयं-सहायता समूहों और छोटे उद्यमियों को नए रोजगार के अवसर मिले हैं. आज अयोध्या की कारीगरी अमेजॉन और फ्लिपकार्ट जैसे प्लेटफॉर्म पर बिक रही है, जो कभी सिर्फ स्थानीय बाजारों तक सीमित थी. जहां पहले कारीगरों के हाथ खाली रहते थे, वहीं आज उनकी कला की चमक लोगों के घरों और दिलों में जगह बना रही है.
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