जिन Arvind Kejriwal के लिए Rahul Gandhi ने वोट मांगा, Robert Vadra ने तो उन्हीं की क्लास लगा दी
रॉबर्ट वॉड्रा लगता है कांग्रेस की बैंड बजाने में जुट गये हैं तभी तो जिस आम आदमी पार्टी के लिए राहुल गांधी मंच से वोट मांग रहे थे।उसी आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल को राहुल गांधी के जीजा ने मौकापरस्त बता दिया।
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राजधानी दिल्ली में गठबंधन की वजह से राहुल गांधी को जहां अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के लिए वोट मांगना पड़ा।तो वहीं 25 मई को वोटिंग वाले दिन गांधी परिवार को झाड़ू का बटन भी दबाना पड़ा। यहां तक कि रॉबर्ट वॉड्रा की पत्नी प्रियंका गांधी ने भी आम आदमी पार्टी को ही वो दिया, क्योंकि गठबंधन की वजह से नई दिल्ली सीट कांग्रेस को आम आदमी पार्टी को देनी पड़ गई थी।
मौकापरस्त बताकर केजरीवाल को लताड़ा
गांधी परिवार के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि गांधी परिवार को कांग्रेस की बजाए किसी दूसरी पार्टी को वोट देना पड़ा, क्योंकि यहां बात मोदी को सत्ता से हटाने की थी।जिसके लिए गांधी परिवार ने केजरीवाल की झाड़ू को वोट देना भी कबूल कर लिया। तो वहीं दूसरी तरफ गांधी परिवार के दामाद यानि प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वॉड्रा तो केजरीवाल को ही मौकापरस्त बताने में लगे हुए हैं। हाल ही में इंडिया टीवी को दिये एक इंटरव्यू में जब रॉबर्ट वॉड्रा से केजरीवाल के बारे में पूछा गया तो उन्होंने तपाक से अरविंद केजरीवाल(Arvind Kejriwal ) को मौकापरस्त बता दिया, जब एंकर ने कहा अभी तो आपके साथ हैं तो रॉबर्ट वॉड्रा ने जवाब दिया ये मेरा सोच है।
यानि राहुल गांधी भले ही केजरीवाल की पार्टी के साथ गठबंधन करें, उनकी पार्टी को वोट दें, लेकिन उनके जीजा रॉबर्ट वॉड्रा के लिए केजरीवाल मौकापरस्त ही रहेंगे।बात यहीं खत्म नहीं होती।इसी इंटरव्यू में रॉबर्ट वॉड्रा से कांग्रेस के कई नेताओं के बारे में भी पूछा गया, जिस पर उन्होंने कहा - सैम पित्रोदा के बारे में कहा वो रिटायर आदमी हैं और उन्हें जिंदगी भर रिटायर ही रहना चाहिए, मणिशंकर अय्यर को चीखने-चिल्लाने वाला बता दिया तो वहीं दिग्विजय सिंह को अनुभवहीन कह दिया ।
ये लिस्ट उन कांग्रेस नेताओं की है जिन्हें राहुल गांधी का करीबी बताया जाता है।लेकिन रॉबर्ट वॉड्रा की नजर में तो दिग्वजिय सिंह अनुभवहीन, मणिशंकर अय्यर चीखने चिल्लाने वाले और सैम पित्रोदा रिटायर नेता हैं।जिन्हें रिटायर ही रहना चाहिए, जबकि अरविंद केजरीवाल उनकी नजर में मौकापरस्त नेता हैं और ये बात उन्होंने यूं ही नहीं कही होगी। क्योंकि जिस कांग्रेस पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा कर अरविंद केजरीवाल राजनीति में उतरे थे।उसी कांग्रेस के साथ मिलकर दिल्ली में केजरीवाल ने पहली बार सरकार बनाई थी।बात यहीं खत्म नहीं होती दिल्ली में लोकसभा की महज सात सीटें ही हैं, इन सात सीटों पर भी केजरीवाल अकेले चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं दिखा पाए और एक बार फिर कांग्रेस के साथ गठबंधन कर के सात में से चार सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। यानि केजरीवाल मौका देखते ही कांग्रेस से भी गठबंधन करने से नहीं हिचकते हैं, शायद यही वजह है कि रॉबर्ट वॉड्रा ने उन्हें मौका परस्त कह दिया।
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