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चित्रकूट कोषागार घोटाले के बाद CM योगी का सख्त एक्शन, पेंशन भुगतान व्यवस्था में किया बड़ा बदलाव

चित्रकूट कोषागार में हुए घोटाले के बाद योगी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. अब पेंशन और एरियर का भुगतान अलग-अलग सॉफ्टवेयर से किया जाएगा ताकि किसी भी तरह की हेराफेरी रोकी जा सके.

Yogi Adityanath (File Photo)

उत्तर प्रदेश के चित्रकूट कोषागार में हुए 43.13 करोड़ रुपये के बड़े घोटाले ने पूरे वित्तीय सिस्टम को हिलाकर रख दिया है. इसी गंभीर मामले के बाद योगी सरकार ने पेंशन भुगतान व्यवस्था में बड़ा बदलाव करते हुए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है. अब पेंशन राशि और पेंशन एरियर का भुगतान अलग-अलग सॉफ्टवेयर सिस्टम पर किया जाएगा. सरकार का मानना है कि यह बदलाव भविष्य में किसी भी तरह की हेराफेरी को रोकने में अहम भूमिका निभाएगा.

पेंशन और एरियर के भुगतान में बदलाव?

दरअसल हालिया घोटाले में एक वरिष्ठ लिपिक ने सॉफ्टवेयर में छेड़छाड़ कर करोड़ों रुपये फर्जी खातों में ट्रांसफर कर दिए थे. इस खुलासे ने प्रशासन को झकझोर दिया और सरकार तुरंत हरकत में आ गई. वित्त विभाग ने एनआईसीएस सॉफ्टवेयर को नए ढांचे में विकसित करने का निर्णय लिया है. अब पेंशन और एरियर के बिल अलग-अलग लिंक पर जनरेट होंगे. इतना ही नहीं, दोनों कैटेगरी के भुगतान को अलग पहचान देने के लिए अतिरिक्त जानकारी भी जोड़ी जाएगी ताकि सिस्टम में पारदर्शिता बनी रहे. जिलाधिकारियों और कोषाधिकारियों को नए निर्देश जारी कर दिए गए हैं. नई व्यवस्था के मुताबिक सॉफ्टवेयर में बनने वाले बिलों को अलग-अलग लाभार्थियों में बांटा जाएगा. इसका मतलब यह है कि किसी एक खाते में गलती से या जानबूझकर अतिरिक्त धनराशि ट्रांसफर करने की संभावना लगभग खत्म हो जाएगी. यह व्यवस्था पेंशनरों की सुरक्षा और वित्तीय पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से तैयार की गई है.

सरकार ने की सख्ती

घोटाले के सामने आने के बाद सरकार ने त्वरित सख्ती दिखाते हुए 93 पेंशनरों की सूची तैयार की है जिनके खातों में कुल 43.13 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए थे. अब इन सभी खातों की विशेष जांच की जा रही है. इसके साथ ही 24 जिलों के कोषागारों की तल से इत तक की ऑडिट करने का निर्णय लिया गया है. वर्ष 2018 से 2025 के बीच लगातार एरियर भुगतान में गड़बड़ी की शिकायतें सामने आई थीं. इन मामलों की जांच अब STF कर रही है. अब तक 3.62 करोड़ रुपये वापस भी मिल चुके हैं.

बताते चलें कि शासन ने स्पष्ट कर दिया है कि अब पूरे प्रदेश में पेंशन और एरियर के बिल अलग-अलग बनाए जाएंगे. यह कदम न केवल वित्तीय प्रणाली को अधिक पारदर्शी बनाएगा बल्कि पेंशनरों के भुगतान को भी सुरक्षित करेगा. विशेषज्ञ मानते हैं कि यह बदलाव भविष्य में किसी भी बड़े घोटाले को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और सरकारी भुगतान व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाएगा.

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