Advertisement

ED ने अल फलाह यूनिवर्सिटी पर कसा शिकंजा... फाउंडर जवाद सिद्दीकी को मनी लॉन्ड्रिंग केस में किया गिरफ्तार

दिल्ली कार ब्लास्ट केस की जांच के बीच अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े तार सामने आने पर प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ी कार्रवाई की है. चैरिटेबल ट्रस्ट से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED ने यूनिवर्सिटी के फाउंडर जवाद अहमद सिद्दीकी को PMLA की धारा 19 के तहत गिरफ्तार किया. इससे पहले ED ने दिल्ली में 19 ठिकानों पर छापेमारी की थी, जहाँ से नकदी, डिजिटल डिवाइस और कई अहम दस्तावेज बरामद किए गए.

Jawad Ahmed Siddiqui

Delhi Car Blast Case: दिल्ली कार ब्लास्ट केस की गुत्थी सुलझाने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) समेत सभी सुरक्षा एजेंसियां अलग-अलग एंगल से अपनी जांच लगातार आगे बढ़ा रही हैं. फरीदाबाद स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी (Al Falah University) से जुड़े तार सामने आने के बाद हर दिन नए और चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. इसी बीच प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अल फलाह यूनिवर्सिटी के फाउंडर पर शिकंजा कसा है. जानकारी के अनुसार, ईडी ने चैरिटेबल ट्रस्ट से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जवाद अहमद सिद्दीकी (Jawad Ahmed Siddiqui) को गिरफ्तार किया है.

PMLA की धारा 19 के तहत हुई गिरफ़्तारी 

ईडी ने इस मामले में अपनी जांच की शुरुआत दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा की ओर से दर्ज की गई दो एफआईआर के आधार पर की थी. एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि अल-फलाह विश्वविद्यालय, फरीदाबाद ने छात्रों और अभिभावकों को धोखा देने के लिए धोखाधड़ीपूर्ण तरीके से एनएएसी मान्यता का दावा किया था, जबकि विश्वविद्यालय को यूजीसी मान्यता प्राप्त नहीं थी. ईडी की जांच में यह सामने आया कि अल-फलाह ट्रस्ट, जो 1995 में स्थापित हुआ था, के पास पर्याप्त वित्तीय संसाधनों का अभाव था, लेकिन इसके बावजूद इसने 1990 के दशक से लेकर अब तक जबरदस्त विस्तार किया. जांच में यह भी पाया गया कि ट्रस्ट ने अपनी आय को पारिवारिक संस्थाओं में स्थानांतरित किया और इसके लिए निर्माण तथा खानपान के ठेके अपने परिवार के सदस्य संस्थाओं को दिए. यह गिरफ्तारी धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 की धारा 19 के तहत की गई.  

19 ठिकानों पर हुई छापेमारी

मामलें में 18 नवंबर को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली में 19 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया, जिसमें अल फलाह यूनिवर्सिटी और उससे जुड़े ट्रस्ट के प्रमुख सदस्यों के आवासीय परिसरों को शामिल किया गया. तलाशी के दौरान ईडी को 48 लाख रुपए से अधिक की नकदी, कई डिजिटल उपकरण और महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले. जांच में ट्रस्ट के जरिए संचालित की जा रही कई फर्जी कंपनियों का भी खुलासा हुआ. जवाद अहमद सिद्दीकी की भूमिका को लेकर एजेंसी के हाथ कई अहम साक्ष्य लगे हैं, जो पारिवारिक गतिविधियों के नाम पर धन के दुरुपयोग और अपराध की आय को छिपाने की पूरी कहानी बयां करते हैं. इन्हीं सबूतों के आधार पर ईडी ने जवाद अहमद सिद्दीकी को गिरफ्तार किया. इससे पहले नेशनल असेसमेंट एंड एक्रेडिटेशन काउंसिल (NAAC) ने फर्जी एक्रेडिटेशन क्लेम के मामले में अल फलाह यूनिवर्सिटी को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. इसके अलावा यूनिवर्सिटी की फंडिंग को लेकर भी ईडी की जांच तेज है.

बताते चलें कि जवाद सिद्दीकी के परिवार पर कानून का शिकंजा पहले ही कस चुका है. इंदौर जिले के महू थाना क्षेत्र की पुलिस ने पहले उनके भाई हमूद सिद्दीकी को हैदराबाद से गिरफ्तार किया था. हमूद पर धोखाधड़ी से लेकर दंगा भड़काने और हत्या के प्रयास तक कई गंभीर केस दर्ज हैं. वह लंबे समय से फरार चल रहा था. इसके बाद अब उसके भाई और अल फलाह यूनिवर्सिटी के फाउंडर जवाद सिद्दीकी को भी ईडी ने हिरासत में ले लिया है.

Advertisement

यह भी पढ़ें

Advertisement

LIVE