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'अमेरिका के दबाव में नहीं लिया PAK पर एक्शन...', चिदंबरम ने खोली कांग्रेस की पोल, किया मुंबई हमले पर बड़ा खुलासा

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने अपनी ही पार्टी, कांग्रेस और तत्कालीन यूपीए सरकार की पोल खोल दी है. उन्होंने स्वीकार किया है कि अमेरिका के दबाव और सलाह पर UPA सरकार ने पाकिस्तान पर कार्रवाई नहीं करने का फैसला किया था. ऑपरेशन सिंदूर में मिलिट्री एक्शन और युद्धविराम के फैसले पर सवाल उठाने वाली कांग्रेस को अब जवाब देना पड़ रहा है. बीजेपी इसको लेकर जबरदस्त हमलावर है.

P Chidambaram (File Photo)

2008 का हमला महज एक आतंकी घटना नहीं बल्कि भारत के दिल और दिमाग पर हमला था. भारत की आर्थिक राजधानी को तबाह करने के साथ-साथ इसे सांप्रदायिक रंग देने की पाकिस्तान की चाल थी. अब इसको लेकर बड़ा खुलासा हुआ. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने करीब 17 साल बाद एक ऐसा बयान दिया है जिससे राजनीति की दशा और दिशा दोनों बदल सकती है. दरअसल चिदंबरम ने दो टूक कहा है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने विदेशी, अमेरिकी हस्तक्षेप के कारण कथित तौर पर पाक पर सैन्य कार्रवाई नहीं की. 

चिदंबरम ने खुलासा किया है कि मनमोहन सरकार ने 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के बाद अमेरिकी दबाव और विदेश मंत्रालय की सलाह के कारण पाकिस्तान पर जवाबी कार्रवाई नहीं की. पूर्व गृह मंत्री ने इस दौरान स्वीकार किया कि उनके मन में बदला लेने का विचार आया था लेकिन सरकार ने किसी और वजह से सैन्य कार्रवाई न करने का फैसला किया था.

मुंबई हमले के कुछ दिनों के अंदर दिल्ली पहुंच गईं थीं अमेरिकी विदेश मंत्री 

मुंबई हमले के बाद भारत में मूड को देखते हुए अमेरिका की तत्कालीन विदेश मंत्री कोंडलीजा राइस नई दिल्ली के दौरे पर आई थीं. उन्हेंने यहां पहुंचते ही सरकार से कहा कि कोई मिलिट्री एक्शन मत करो. युद्ध मत शुरू करो. आपको बता दें कि 26/11 हमले के कुछ ही दिन बाद शिवराज पाटिल की जगह पी चिदंबरम ने गृह मंत्री का पदभार संभाला था. 

कई देशों के लोग मारे गए थे!

इस हमले में करीब 166 लोगों की जान चली गई थी. चिदंबरम के इस बयान के बाद बीजेपी हमलावर है, पार्टी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह कुबूलनामा 'बहुत कम और बहुत देर से आया' है. केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि देश पहले से ही जानता था कि मुंबई हमले के मामले को विदेशी शक्तियों के दबाव के कारण गलत तरीके से संभाला गया था.

अमेरिका ने कहा था युद्ध शुरू न करो!

आपको बताएं कि पी चिदंबरम ने एक निजी समाचार चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि पूरी दुनिया भारत को सलाह देने के लिए दिल्ली आ गई कि युद्ध न शुरू करो. अमेरिकी सेक्रेटरी ऑफ स्टेट ने कहा था कि भारत को कोई जवाबी कार्रवाई नहीं करनी चाहिए. राइस की इस सलाह पर चिंदबरम ने कहा कि यह फैसला सरकार लेगी. उन्होंने आगे कहा कि बिना कोई ऑफिशियल सीक्रेट भंग किए मैं मानता हूं या कहना चाहूंगा कि मेरे दिमाग में कुछ बदले की कार्रवाई का विचार आया था.

'गहन चर्चा हुई, फैसला हुआ कार्रवाई न करने का!'

पी चिदंबरम ने इसी इंटरव्यू में खुलासा किया कि पाकिस्तानी हमले के बाद सरकार और एजेंसियों के बीच इस मुद्दे पर गहन चर्चा हुई. चिदंबरम ने आगे कहा कि उनकी प्रधानमंत्री और अन्य अहम लोगों के साथ संभावित जवाबी कार्रवाई पर चर्चा हुई. हमले के दौरान भी प्रधानमंत्री इस पर चर्चा कर रहे थे. हालांकि, विदेश मंत्रालय और भारतीय विदेश सेवा (IFS) के प्रभाव या सलाह के बाद फैसला लिया गया कि कोई सैन्य कार्रवाई नहीं की जाएगी. IFS ऑफिसर्स और MEA ने सरकार को सलाह दी थी कि मिलिट्री एक्शन या फिजिकल कार्रवाई की जगह कूटनीतिक तरीकें अपनाना चाहिए.

पाक प्रायोजित था मुंबई हमला!

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 26 नवंबर 2008 को मुंबई पर समुद्री रास्ते से आए 10 पाकिस्तानी आतंकियों द्वारा हमला हुआ था. इन लोगों ने अपने आकाआों के इशारे पर मुंबई शहर को एक तरह से हाईजैक कर लिया और चुनिंदा स्थानों, जिनका कि स्ट्रैटेजिक और आर्थिक दृष्टि से काफी महत्व था, उन पर भीषण गोलीबारी की गई. आम लोगों, पर्यटकों को निशाना बनाया गया था. 

किन जगहों पर हुआ था आतंकी हमला!

पाक आतंकियों ने जिन जगहों को निशाना बनाया वे थे छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, ओबेरॉय ट्राइडेंट, ताजमहल पैलेस एंड टावर होटल, लियोपोल्ड कैफे, कामा हॉस्पिटल और नरीमन हाउस. करीब दो दिन तक चले इस हमले में 166 लोग मारे गए, जिनमें अमेरिकी, इजरायली सहित कई देशों के नागरिक भी शामिल थे. सुरक्षा बलों ने इस ऑपरेशन में 9 आतंकवादियों को मार गिराया था जबकि आतंकी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ लिया गया था, जिसे 2012 में फांसी दे दी गई थी.

तत्कालीन गृह मंत्री को देना पड़ा था इस्तीफा!

इस हमले के बाद भारी दबाव में तत्कालीन गृह मंत्री शिवराज पाटिल ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. वहीं इसके बाद पी चिदंबरम को वित्त मंत्रालय से गृह मंत्रालय में ट्रांसफर किया गया. हालांकि चिदंबरम ने बताया कि वह इस बदलाव से खुश नहीं थे.

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