तेजस विमान क्रैश: शहीद विंग कमांडर नमांश को पत्नी ने वर्दी में किया आखिरी सैल्यूट, हर आंख हुई नम
विंग कमांडर नमांश स्याल की पत्नी अफसान IIM कोलकाता में अंडर ट्रेनिंग हैं. दोनों की एक बेटी भी है, जो फर्स्ट क्लास में पढ़ती है. अंतिम संस्कार के समय बेटी मां का हाथ पकड़े नजर आई.
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आंखों में आंसू, माहौल गमगीन लेकिन सीने में देशभक्ति का दम. दुबई एयर शो में फाइटर प्लेन तेजस क्रैश में जान गंवाने वाले विंग कमांडर नमांश स्याल का पार्थिव शरीर जब गांव पहुंचा तो हर कोई नम हो गया. विंग कमांडर की अफसर पत्नी ने वर्दी पहनकर पति को आखिरी सैल्यूट किया.
तेजस क्रैश में जान गंवाने वाले विंग कमांडर नमांश स्याल का अंतिम संस्कार हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में उनके गांव में पटियालकर में हुआ. जहां उनके भाई निशांत ने उन्हें मुखाग्नि दी. नमांश स्याल के अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ जुट गई. शमशान घाट में लोगों ने विंग कमांडर अमर रहे के नारे लगाए. इस दौरान उनकी पत्नी अफसान ने वर्दी में पति के अंतिम दर्शन किए और उन्हें सैल्यूट किया. इस दौरान सेना के अधिकारी और परिवार उन्हें संभालता नजर आया. विंग कमांडर नमांश स्याल के अंतिम संस्कार में हिमाचल सरकार के कई कैबिनेट मंत्री भी पहुंचे.
राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार
शहीद नमांश स्याल हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा के रहने वाले थे. भारतीय वायुसेना के अधिकारियों और जवानों ने शहीद पायलट को अंतिम नमन किया. सैन्य बैंड की धुन और देशभक्ति के नारों के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई. वायुसेना के दस्ते ने शहीद नमन स्याल को गार्ड ऑफ ऑनर दिया.
दुबई एयर शो में गंवाई जान
21 नवंबर को दुबई में एयर शो के दौरान भारतीय वायुसेना का फाइटर प्लेन तेजस क्रैश हो गया था. इस हादसे में पायलट नमांश स्याल ने जान गंवा दी. हादसा उस समय हुआ जब तेजस निर्धारित एरोबेटिक अभ्यास के लिए उड़ान पर था. विंग कमांडर नमांश के बलिदान पर एयरफोर्स के अधिकारियों ने कहा, देश की सुरक्षा में लगे हर वीर के परिवार का सम्मान और देखभाल उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है.
34 साल के नमांश स्याल सेलूर एयरबेस पर तैनात थे. उनकी पत्नी अफसान इस समय IIM कोलकाता में अंडर ट्रेनिंग हैं. दोनों की एक बेटी भी है, जो फर्स्ट क्लास में पढ़ती है. अंतिम संस्कार के समय बेटी मां का हाथ पकड़े नजर आई. नमांश को देशसेवा की प्रेरणा पिता जगन्नाथ स्याल से मिली थी. जो भारतीय सेना में अधिकारी रहे हैं. विंग कमांडर नमांश ने सैनिक स्कूल से पढ़ाई की थी स्कूल से भी उन्होंने देश सेवा की ओर बढ़ने का मोटिवेशन मिला. उन्होंने बचपन से ही एयरफोर्स में शामिल होने की ठान ली थी. इस दुखद हादसे के बाद परिवार गमगीन है. गांव में मातम पसरा है. हर कोई अपने लाल को नम आंखों और गर्व के साथ याद कर रहा है.
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