'यहां मत आना... नहीं तो असमिया, हिंदू-बंगाली छोड़ेंगे नहीं', हिमंत बिस्वा सरमा की ममता को चेतावनी
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर जमकर निशाना साधा है. असम के सीएम ने कहा कि ममता बनर्जी को केवल बंगाली भाषी मुसलमानों की चिंता है.
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सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने ममता बनर्जी पर आरोप लगाते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल की उनकी समकक्ष ममता बनर्जी को केवल बंगाली भाषी मुसलमानों की चिंता है. इसके अलावा उन्होंने चेतावनी दी कि यदि वह मुस्लिम-बंगालियों के लिए असम आती हैं, तो असमिया और हिंदू-बंगाली उन्हें नहीं छोड़ेंगे.
बंगाली बनाम मुस्लिम बंगाली पर आमने-सामने दो सीएम
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने बीते दिनों भाजपा पर राजनीतिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए भाषाई पहचान को हथियार बनाने का आरोप लगाया था. टीएमसी प्रमुख के इन्हीं आरोपों पर सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने पलटवार किया है.
असम में बंगाली हिंदू सुरक्षित हैं, लेकिन TMC को सिर्फ बंगाली मुसलमानों की चिंता है। अगर उन्हें बंगाली हिंदुओं से इतना प्रेम है, तो फिर उन्होंने CAA का विरोध क्यों किया? pic.twitter.com/bZLNRPg60C
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) July 17, 2025
असम के सीएम ने पलटवार करते हुए कहा कि सवाल यह है कि क्या ममता बनर्जी बंगालियों को पसंद करती हैं या केवल मुस्लिम-बंगालियों को. मेरा जवाब केवल मुस्लिम-बंगाली है. उन्होंने कहा कि यदि वह मुस्लिम-बंगालियों के लिए असम आती हैं, तो असमिया लोग और हिंदू-बंगाली उन्हें नहीं छोड़ेंगे.
पश्चिम बंगाल में CAA लागू क्यों नहीं कराया
अमस के सीएम ने सवाल करते हुए पूछा कि अगर बनर्जी बंगाली भाषी लोगों की सुरक्षा में रुचि रखती हैं, तो उन्होंने अपने राज्य में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम या सीएए क्यों लागू नहीं किया?
असम के सीएम ने कहा कि बंगाली भाषी हिंदू वृहत्तर असमिया समाज में समाहित हो गए हैं और उनकी भाषा, संस्कृति, धर्म और सभी पहलुओं को यहाँ संरक्षित किया जाता है.
असम में किसी के बीच कोई विभाजन नहीं
सीएम हिमंत बिस्वा कुमार ने कहा कि ममता बनर्जी को यह समझना चाहिए कि असम में बंगाली-हिंदुओं को न केवल संरक्षित किया गया है, बल्कि उन्हें वृहत्तर असमिया परिदृश्य में समाहित भी किया गया है. उनके अपने मंत्री और विधायक हैं. सीएम ने कहा कि बंगाली-हिंदू अपनी भाषा बोलते हैं, अपने धर्म और अपनी संस्कृति के सभी पहलुओं का पालन करते हैं.
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उन्होंने आगे कहा कि बंगाली राज्य में एक सहयोगी आधिकारिक भाषा और बराक घाटी में आधिकारिक भाषा है. सीएम हिमंत बिस्वा कुमार ने कहा कि राज्य में बंगालियों और असमियों के बीच किसी प्रकार का कोई विभाजन नहीं है. गौरतलब है कि बंगाल की सीएम ममता बनर्जी केंद्र और भाजपा शासित राज्यों पर बंगाली भाषी प्रवासियों को अवैध बांग्लादेशी या रोहिंग्या बताकर व्यवस्थित रूप से निशाना बनाने का आरोप लगाती रही हैं.
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