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नोबेल तो नहीं मिला, अब इसी अवॉर्ड से काम चलाएंगे ट्रंप, पूर्व राष्ट्रपति ओबामा को भी मिल चुका है ये सम्मान

नोबेल के चक्कर में दिन रात एक कर देने वाले ट्रंप को एक बड़ी खुशी मिली है. उन्हें नोबेल पुरस्कार 2025 तो नहीं दिया गया, लेकिन ट्रंप को एक ऐसे सम्मान से सम्मानित किया जा रहा है जो कभी बराक ओबामा को भी दिया जा चुका है. इस लिहाज से देखें तो अवॉर्ड के मामले में स्कोर 2-1 हो गया है. ओबामा को मिले नोबेल से परेशान रहने वाले ट्रंप को शायद इससे थोड़ी खुशी मिल जाए.

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सर पर अवॉर्ड का भूत सवार हो गया है. इस एक मसले को उन्होंने अपने ऊपर इतना हावी कर लिया है कि उन्हें कुछ सूझ नहीं रहा है. नोबेल पीस प्राइज की चाहत में उन्होंने दुनियाभर के देशों से अपने संबंध खराब किए और अपने बड़बोलेपन की वजह से जगहंसाई भी कराई. करीब 7 जंगें रोकने का दावा करने वाले ट्रंप को नोबेल तो नहीं मिला, लेकिन उन्हें कुछ तो मिलने जा रहा है. उन्हें उस अवॉर्ड से सम्मानित किया जा रहा है जिससे कभी पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को भी सम्मानित किया जा चुका है. 

कहा जा रहा है कि ट्रंप को गाजा में युद्ध विराम, हमास को बातचीत के टेबल पर लाने, पीस प्लान मानने पर मजबूर करने सहित सभी बंधकों की रिहाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए ये इजरायल का प्रतिष्ठित सम्मान दिया जा रहा है. 

ट्रंप को मिलने जा रहा सम्मान!

जनवरी 20, 2025 से अब तक करीब आठ युद्ध खत्म करवाने का दावा करने वाले ट्रंप ने खुद ही अपनी पीठ थपथपाते आ रहे हैं. वो किसी के सम्मान देने से पहले खुद ही सम्मान मांग ले रहे हैं. उनकी शिकात है कि अगर बराक ओबामा को  आते ही नोबेल दिया जा सकता है तो उन्हें क्यों नहीं दिया जा सकता है. उनका ये कहना कि ओबामा ने क्या किया था जो उन्हें नोबेले दिया गया जबकि उन्होंने तो सार्वजनिक तौर पर कई जेंगे रुकवाईं.

आपको बता दें कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को साल 2013 में यह सम्मान उनके बीच कार्यकाल में ही दिया गया था. इजरायली राष्ट्रपति कार्यालय की तरफ से जारी एक बयान में ट्रंप को सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित करने की घोषणा की गई थी. बयान में आगे कहा गया कि, "राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने बेहतरीन प्रयासों के दम पर हमारे प्रियजनों को वापस लाने में मदद की है. इतना ही नहीं उन्होंने मध्य-पूर्व में सुरक्षा, सहयोग और शांतिपूर्ण भविष्य की एक सच्ची आशा भी जगाई है."

इजरायली राष्ट्रपति हर्जोग ने कहा, "राष्ट्रपति ट्रंप को इजरायली प्रेसिडेंशियल अवॉर्ड देना मेरे लिए सम्मान की बात होगी. वह सोमवार को ट्रंप की इजरायल यात्रा के दौरान उन्हें इस बात की जानकारी देंगे, आने वाले कुछ महीनों में ट्रंप को इससे सम्मानित किया जाएगा."

किसे दिया जाता है यह अवॉर्ड?

आपको बता दें का यह इजरायल का प्रतिष्ठित प्रेसिडेंशियल अवॉर्ड उन व्यक्तियों को दिया जाता है, जिन्होंने इजरायल स्टेट या फिर पूरी मानवता की मदद के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया हो.

इससे पहले राष्ट्रपति ट्रंप की 20 सूत्रीय गाजा शांति योजना पर हमास और इजरायल दोनों पक्षों ने सहमति जता दी थी. इसके चलते हमास ने कुछ इजरायली बंधकों को भी रिहा कर दिया है और इजरायल ने भी कुछ फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया. हालांकि पिछले अनुभवों के आधार पर दोनों ही पक्ष एक-दूसरे पर भरोसा करने में थोड़ा सा संकोच कर रहे हैं. 

लेकिन तब भी यह व्यवस्था शुरू हो चुकी है. ट्रंप की इस पीस डील की वजह से 7 अक्तूबर 2023 से जारी यह युद्ध अब शांति की कगार पर आ गया है. राष्ट्रपति ट्रंप इस समय इजिप्ट की यात्रा पर हैं, जहां पर दुनियाभर के देशों के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर वह गाजा के भविष्य को लेकर बनाई गई इस योजना को औपचारिक रूप से मंजूरी देंगे.

क्या है ट्रंप का गाजा को लेकर शांति प्रस्ताव?

आपको बता दें कि गाजा पट्टी में युद्ध समाप्त करने के उद्देश्य से कतर और मिस्र के मध्यस्थों ने हमास को अमेरिका समर्थित एक प्रस्ताव दिया था. इसके मुताबिक 72 घंटों के भीतर शेष सभी बंधकों को रिहा करना था. बदले में इजरायल अपनी सैन्य कार्रवाई रोकेगा. इस पर अमल हो भी गया. हालांकि 3 दिन के डेडलाइन में तो ये संभव नहीं हो पाया लेकिन नेतन्याहू के मुताबिक अब हमास के कब्जे में कोई भी इजरायली बंधक मौजूद नहीं है.

 ट्रंप के इस प्रस्ताव का फिलिस्तीन सहित सऊदी अरब, जॉर्डन, संयुक्त अरब अमीरात, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, तुर्किए, कतर और मिस्र के विदेश मंत्रियों ने स्वागत किया. इसे देशों ने लड़ाई समाप्त करने, गाजा के पुनर्निर्माण, फिलिस्तीनी विस्थापन को रोकने और पश्चिमी तट पर कब्जा करने से रोकने के प्रस्तावों की सराहना की.

उन्होंने गाजा को अप्रतिबंधित मानवीय सहायता, बंधकों की रिहाई, सभी पक्षों की सुरक्षा, इजरायल की पूर्ण वापसी, गाजा का पुनर्निर्माण तथा गाजा और पश्चिमी तट को अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुरूप एकीकृत करते हुए दो-राज्य समाधान की दिशा में संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता दोहराई.

ट्रंप के 20 सूत्री गाजा पीस प्लान में वैसे तो कई बिंदु हैं लेकिन अभी फिलहाल लोगों का ध्यान तत्काल शांती और सीजफायर पर है. इसके तहत ही इजरायल अपनी कार्रवाई को रोकेगा और हमास 72 घंटे के अंदर 20 जीवित इजरायली बंधकों की रिहा करेगा. इतना ही नहीं हमास को 20 मृत बंधकों के शव की वापसी भी करनी है. प्लान के तहत गाजा से अपनी 50% सेना को इजरायल पीछे हटने को कहेगा.

1,700 फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ेगा इजरायल 

प्रस्ताव के अनुसार हमास की तरफ छोड़े जाने वाले इजरायली बंधकों के बदले में इजरायल भी लगभग 1,700 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा. जानकारी के मुताबिक हर मृत इजरायली बंधक के बदले इजरायल 15 मृत गाजा निवासियों के शव लौटाएगा. 

हमास का खात्मा!

जानकारी के मुताबिक पीस प्लान में हमास के पूर्ण निरस्त्रीकरण की भी बात है. यानी कि फिलिस्तीनी हथियारबंद समूह हमास के जो सदस्य हथियार डालकर शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के लिए प्रतिबद्ध होंगे, उन्हें माफी प्रदान की जाएगी. जो भी हमास का लड़ाका गाजा छोड़ना चाहेगा उसे अन्य देशों में सुरक्षित रास्ता दिया जाएगा. इतना ही नहीं समझौते के तहत हमास को अपनी सुरंगें और हथियार बनाने के ठिकाने नष्ट करने होंगे.

हमास के कब्जे से रिहा हुए सभी जीवित बंधक

इजरायल ने सोमवार को दावा किया कि हमास के कब्जे में अब कोई भी जीवित इजरायली बंधक नहीं है, क्योंकि शेष 13 को इजरायल रक्षा बलों (आईडीएफ) को सौंप दिया गया है. दो साल से अधिक समय तक हमास की कैद में रहने के बाद अब रिहा हुए हैं. 

रेड क्रॉस ने इजरायल को सौंपे बंधक

सोमवार को रिहा होने वाले बंधकों का यह दूसरा समूह था. इससे पहले, सात इजरायली नागरिक 738 दिनों से ज्यादा समय तक हमास की कैद में रहने के बाद अपने देश लौट आए थे. इन सात में गली और जिव बर्मन, मतन अंगरेस्ट, एलन ओहेल, ओमरी मीरान, एतान मोर और गाय गिल्बोआ-डाला शामिल हैं.

गाजा पट्टी में इजरायली सेना को बंधक सौंप गए

एक्स पोस्ट में, आईडीएफ ने कहा, "अपनी सीमाओं की ओर लौट रहे हैं. सात लौटते बंधक अब गाजा पट्टी में आईडीएफ और शिन बेट बलों से मिल चुके हैं, और वे इजरायली क्षेत्र की ओर जा रहे हैं." सेना ने कहा कि बंधकों की पहले चिकित्सीय जांच होगी. सेना ने कहा, "आईडीएफ कमांडर और सैनिक घर लौटते लोगों को सलामी देते हैं और उन्हें गले लगाते हैं."

आईडीएफ प्रवक्ता ने जनता से जिम्मेदारी और संवेदनशीलता बरतने, वापस लौटे लोगों की निजता का सम्मान करने और आधिकारिक जानकारी का पालन करने का अनुरोध किया है. आईडीएफ अतिरिक्त बंधकों को स्वीकार करने के लिए तैयार है, जिन्हें बाद में रेड क्रॉस को सौंपे जाने की उम्मीद है.

इस बीच, हजारों इजरायली विशेष अवकाश प्रार्थना सभाओं के लिए नोवा स्थल पर एकत्रित हुए हैं. यह वही स्थल है जहां 7 अक्टूबर, 2023 को हमास ने कई इजरायलियों का नरसंहार किया था और सैकड़ों लोगों को बंधक बनाया था. इससे पहले, हमास ने घोषणा की कि वह गाजा युद्धविराम और कैदी विनिमय समझौते के पहले चरण में 20 "जीवित इजरायली बंदियों" को रिहा करेगा.

हमास के अल-कस्साम ब्रिगेड ने एक बयान में कहा, "यह समझौता हमारे लोगों की दृढ़ता और इसके प्रतिरोध सेनानियों के लचीलेपन का परिणाम है, और हम इस समझौते और संबंधित समय-सीमा की अपनी प्रतिबद्धता का ऐलान करते हैं, जब तक कि दूसरा समूह इसका पालन करता है." इसमें आगे कहा गया है, "कई महीने पहले ही ज्यादातर बंदियों को जिंदा वापस किया जा सकता था, लेकिन वह इसमें लगातार देरी करता रहा."

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