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प्रभु श्रीराम से दूरी, बाबर से प्यार, यही है कांग्रेस का असली चेहरा ?

भगवान राम से हमेशा दूरी बनाए रखने वाले गांधी परिवार की अब तक की पीढ़ियां राम जन्मभूमि को तहस-नहस कर मस्जिद बनाने वाले आक्रांता बाबर के मकबरे के आगे जरुरत नतमस्तक होती रही हैं, लेकिन रामलला के दर्शन करने का वक़्त गांधी परिवार के पास नहीं हैं

सदियों के संघर्ष का परिणाम 22 जनवरी 2024 को मिला, जब रामलला की प्राण प्रतिष्ठा भव्य और दिव्य तरीके से हुई। आज एक साल हो गए रामलला को गर्भगृह में विराजमान हुए, लेकिन देश के कई ऐसे नेता, जो जनेऊ दिखाकर खुद को बड़ा हिंदू बताते हैं, वो आज तक रामलला के दर्शन करने नहीं गए। हालांकि उन्हें बाबर के मकबरे पर जाने का वक्त जरूर मिल जाता है। सबसे पहले तो कांग्रेस पार्टी ने राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम का न्योता ठुकरा दिया था। अब एक साल प्राण प्रतिष्ठा को हो गए हैं, लेकिन गांधी परिवार को प्रभु के दर्शन के लिए नहीं गया। भगवान राम से हमेशा दूरी बनाए रखने वाले गांधी परिवार की अब तक की पीढ़ियां राम जन्मभूमि को तहस-नहस कर मस्जिद बनाने वाले आक्रांता बाबर के मकबरे के आगे जरूर नतमस्तक होती रही हैं।

गांधी परिवार कब-कब बाबर के मक़बरे पर गया 

  • 1959 में प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू
  • 1968-69 में इंदिरा गांधी बाबर के मकबरे पर गईं
  • 1976 में राजीव गांधी बाबर के मकबरे पर गए
  • 2005 में डॉ. मनमोहन सिंह के साथ राहुल गांधी गए

इंदिरा गांधी तो बाबर के मकबरे पर जाने के बाद भावुक हो गई थीं।

पूर्व कांग्रेसी नेता दिवंगत कुंवर नटवर सिंह अपनी किताब ‘वन लाइफ इज नॉट एनफ’ में इंदिरा गांधी के काबुल दौरे के दौरान बाबर के मकबरे पर जाने के बारे में लिखते हैं:

कुंवर नटवर सिंह, पूर्व कांग्रेस नेता:“…वो बाबर के मकबरे के सामने खड़ी हुईं, हल्का सा सिर झुकाया, मैं उनके पीछे खड़ा था। बाद में वो बोलीं, 'मैं इतिहास को महसूस कर रही थी, हमने इतिहास से अपना नाता तोड़ लिया है।'”

जब ये बात नटवर सिंह कह रहे हैं, तो समझा जा सकता है कि गांधी परिवार का बाबर प्रेम कैसा है। ऐसे में नटवर सिंह के बारे में भी जान लीजिए:

कौन थे कुंवर नटवर सिंह

  • राज्य मंत्री रहे
  • कैबिनेट मंत्री रहे
  • विदेश मंत्रालय में सचिव रहे
  • इंदिरा गांधी के अधीन प्रधानमंत्री सचिवालय में रहे
  • मनमोहन सरकार में 2004-05 में विदेश मंत्री रहे
  • कई देशों में भारत के राजदूत, उच्चायुक्त रहे
  • पाकिस्तान में भारत के राजदूत रहे
  • 10 अगस्त 2024 को निधन हुआ

इतिहास बताता है कि कांग्रेस का बाबर से प्रेम पुराना है, लेकिन राम मंदिर जाने का वक्त गांधी परिवार को नहीं मिलता। प्राण प्रतिष्ठा के बाद भी गांधी परिवार का कोई शख्स अयोध्या रामलला के दर्शन करने अभी तक नहीं जा सका है।

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