Advertisement

दिल्ली ब्लास्ट: इधर क्राइम ब्रांच ने भेजा नोटिस, उधर फरीदाबाद पुलिस ने मांगा ब्यौरा, Al Falah पर कसा शिकंजा

दिल्ली ब्लास्ट के बाद अल फलाह यूनिवर्सिटी पर शिकंजा कसता जा रहा है. यूनिवर्सिटी पर गंभीर धाराओं के तहत FIR दर्ज की गई है. ब्लास्ट से जुड़े दो नाम डॉ. मुजम्मिल शकील और डॉ. उमर नबी इसी यूनिवर्सिटी की फैकल्टी थे.

दिल्ली के लाल किले के पास कार ब्लास्ट के बाद फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी पर शिकंजा कसा जाने लगा है. यूनिवर्सिटी  पर धोखाधड़ी और जालसाजी के तहत केस दर्ज हुए हैं. दो अलग-अलग FIR में कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं. 

दिल्ली ब्लास्ट के बाद अल फलाह यूनिवर्सिटी अचानक चर्चा में आ गई. ब्लास्ट से जुड़े दो नाम डॉ. मुजम्मिल शकील और डॉ. उमर नबी इसी कॉलेज की फैकल्टी थे. ब्लास्ट वाली कार में डॉ. उमर नबी सवार था. कॉलेज से कई डायरियां भी मिलीं जो उमर और मुजम्मिल की थी. संस्थान की गतिविधियों को लेकर लंबे समय से सवाल उठ रहे थे. इसके बाद यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) की शिकायत पर कार्रवाई तेज हो गई. 

क्राइम ब्रांच ने यूनिवर्सिटी को भेजा नोटिस 

बताया जा रहा है FIR में यूनिवर्सिटी पर धोखाधड़ी का आरोप दर्ज किया गया है. एक और FIR में फॉर्जरी और दस्तावेजों की जालसाजी की धाराएं लगी हैं. FIR के बाद क्राइम ब्रांच ने यूनिवर्सिटी को नोटिस भेज दिया है. जिसमें यूनिवर्सिटी प्रशासन से कई जरूरी दस्तावेज मांगे हैं. ताकि जांच को आगे बढ़ाया जा सके.

फरीदाबाद जिला प्रशासन ने भी दिए जांच के आदेश

फरीदाबाद जिला प्रशासन ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी की जमीनों की गहन जांच के आदेश दिए हैं. धौज गांव में स्थित इस यूनिवर्सिटी की जमीन करीब 78 एकड़ में फैली हुई है और अब प्रशासन यह पता लगाने में जुटा है कि इस जमीन का कितना हिस्सा इस्तेमाल हो रहा है और कितना खाली पड़ा है. इसके लिए पटवारी यूनिवर्सिटी की जमीन की पैमाइश कर रहे हैं और जमीन की लंबाई, चौड़ाई और जिस जगह पर इमारतें बनी हैं, उसका पूरा हिसाब-किताब तैयार किया जा रहा है. 

खंगाला जाएगा पूरा रिकॉर्ड

सिर्फ जमीन की माप ही नहीं, बल्कि प्रशासन यह भी पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि ये जमीन किससे और किस कीमत पर खरीदी गई थी. यूनिवर्सिटी ने जमीन खरीदने में किन लोगों को पैसे दिए और कितने दिए, इसका भी पूरा रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है. 

गौरतलब है कि दिल्ली के लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए कार ब्लास्ट ने देश को झकझोर कर रख दिया. इस धमाके में 13 लोगों की मौत हो गई और कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए. धमाके की जांच में अल-फलाह विश्वविद्यालय का नाम सामने आया. बताया जा रहा है कि विश्वविद्यालय के हॉस्पिटल में काम करने वाले कुछ डॉक्टर आतंकी गतिविधियों में शामिल थे और देशभर में कई जगह धमाके की योजना बना रहे थे. 

ब्लास्ट मामले की जांच NIA के हाथ 

इस मामले को गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हाई लेवल बैठक हुई. इसमें NIA जांच के आदेश दिए गए थे. इसके बाद ED और अन्य वित्तीय जांच एजेंसियों को भी निर्देश दिए गए कि वे अल फलाह के वित्तीय लेन-देन की भी गहनता से जांच करें. प्रशासन ने आदेश जारी कर यह पता लगाने को कहा है कि यूनिवर्सिटी की जमीन का कितना हिस्सा इस्तेमाल किया जा रहा है? साथ ही इससे जुड़े लेनदेन को भी खंगाले जा रहे हैं. सरकार ने इसे आतंकी हमला माना है. जो कार को विस्फोटक बनाते हुए अंजाम दिया गया. कई कारों में विस्फोटक भरकर अलग-अलग जगहों पर ब्लास्ट की साजिश थी. 

 

Advertisement

यह भी पढ़ें

Advertisement

LIVE
अधिक →