दमोह नगर पालिका के CMO के चेहरे पर पोती कालिख, भगवा झंडा लगाने से रोका था
मध्य प्रदेश के दमोह जिले में नगर पालिका CMO प्रदीप शर्मा का हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने मुंह पर कालिख पोती है। हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने चैत्र नवरात्रि 2025 के झंडे हटाने से नाराजगी जताई है। इसके बाद गुस्साए कार्यकर्ताओं ने चक्काजाम कर दिया। इस दौरान उन्होंने जमकर नारेबाजी भी की
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सभी धर्मों का आदर-सम्मान होना चाहिए, लेकिन सबको करना चाहिए। गंगा-जमूनी तहज़ीब को रोना रोने वालों को भी सनातन का सम्मान करना चाहिए, और सम्मान नहीं कर सकें तो अपमान तो नहीं करना चाहिए, लेकिन लोग करते हैं। इसी तुष्टीकरण की जो ज्वाला सालों से इस देश के हिंदुओं के भीतर जल रही थी, अब ज्वाला बनकर फूटने लगी है। इसका उदाहरण आगरा में देखने को मिला, जब समाजवादी पार्टी के एक सांसद राणा सांगा को गद्दार कहते हैं तो हिंदू उनके घर में जाकर चढ़ते हैं, जीभ काटने की धमकी देते हैं।
हालांकि एक संवैधानिक देश में ऐसा होना नहीं चाहिए, हम इसकी वकालत नहीं करते, लेकिन सामने वाले लोगों को भी सनातन और उसके वीरों का अपमान करने से बचना चाहिए। इसी तरह की एक घटना मध्य प्रदेश के दमोह से सामने आई है, जहां एक नगर पालिका अधिकारी ने हिंदुओं को अपने देवी-देवताओं को बैनर-पोस्टर लगाने से इंकार कर दिया। लोग भड़क गए और अधिकारी के घर जा धमके, अधिकारी के मुंह पर कालिख पोत दी, जिसका वीडियो इस वक्त सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
लोग वीडियो को शेयर करते हुए लिख रहे हैं:
"भगवा झंडा हटाया तो मुंह काला कराया।
एमपी के दमोह में नगर पालिका अधिकारी ने हिंदू नववर्ष पर लगे भगवा झंडों को उतरवाया, तो हिंदुओं ने उसके घर जाकर मुंह काला किया।
जिओं शेरों जिओ..."
एक और यूजर ने लिखा:
"जियो मेरे शेरों, ऐसे ही मोर्चा संभाल के रखो।*
मध्य प्रदेश के दमोह में मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने हिंदू नववर्ष के झंडों को सड़क से हटवाने का दिया आदेश, लोगों ने मुख्य नगर पालिका अधिकारी के आवास पर जाकर उनका मुंह काला कर दिया।लोग इसी तरह से घटना का विरोध झंडों को हटवाने के आदेश के खिलाफ कर रहे हैं। हालांकि, फिर से वही बात है कि देश संवैधानिक है, कानून से चलता है, वहां ऐसी घटनाओं की जगह नहीं है।
अब पूरा मामला क्या है, वह भी समझ लीजिए। जिस इंसान के चेहरे पर कालिख पोती जा रही है, वह मध्य प्रदेश के दमोह के सीएमओ प्रदीप शर्मा हैं, और उन्होंने झंडों को हटवाने का आदेश दिया था। दरअसल, यहां लोग सालों से चैत्र नवरात्रि के मौके पर धार्मिक झंडे लगाते हैं, लेकिन इस बार उन्हें झंडे लगाने से इंकार कर दिया गया था।
यहां के कलेक्टर के मुताबिक, नवरात्रि के शुभारंभ पर घंटाघर पर शुक्रवार रात हिंदूवादी संगठन द्वारा ध्वज लगाया जा रहा था। नगर पालिका कर्मचारियों ने उन्हें ऐसा करने से रोका, इस कारण विवाद की स्थिति उत्पन्न हुई। नाराज हिंदू संगठन के कार्यकर्ता मुख्य नगर पालिका अधिकारी के बंगले पहुंचे और उनके मुंह पर कालिख पोत दी।
मुंह पर कालिख पोतने के बाद हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने घंटाघर पर नारेबाजी की, जाम लगाया, और सीएमओ को निलंबित करने तक की मांग कर दी। वहीं हिंदू संगठन का कहना है कि हमने कलेक्टर से मुलाकात की और सीएमओ के निलंबन के साथ सामूहिक माफी की मांग की गई है।
एसपी श्रुतिकीर्ति ने बताया कि कुछ मिसकम्युनिकेशन हुआ है। मामले में उच्च स्तरीय जांच समिति बनाई जाएगी। जांच की जाएगी कि यह घटना क्यों हुई। भविष्य में ऐसा न हो, यह सुनिश्चित किया जाएगा। दोनों पक्षों से बात करके इसका समाधान निकाला जाएगा।
तो ऐसे में जो सीएमओ के साथ हुआ, वह नहीं होना चाहिए था, लेकिन हिंदुओं का कहना है कि हिंदू धर्म के विरोधियों के साथ ऐसा ही व्यवहार किया जाएगा।
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