डल झील ने खुद दिए ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान की तबाही के सबूत, सफाई में मिली PAK की फुस्स मिसाइल
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की सेना ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान के आतंकवादी ठिकानों को तबाह किया. जवाब में पाकिस्तान ने कई रॉकेट दागे, जिनमें से एक श्रीनगर के सैन्य ठिकाने को निशाना बनाने वाला था, लेकिन भारत की सतर्कता के कारण हमला नाकाम रहा. अब इसका सबूत सामने आया है, डल झील में रविवार को फतह-1 रॉकेट का खोल बरामद हुआ, जिसे स्थानीय पुलिस को सौंप दिया गया है.
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पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत की सेना द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की बौखलायी सेना ने भारत के कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने के लिए रॉकेट दागे थे. इनमें से एक निशाना श्रीनगर का सैन्य ठिकाना भी था, लेकिन भारत की सतर्कता के चलते हमला नाकाम रहा. अब इस घटना का सबूत भी सामने आया है. रविवार को श्रीनगर की मशहूर डल झील में सफाई के दौरान पाकिस्तान का फतह-1 रॉकेट बरामद हुआ, जिसे पुलिस को सौंप दिया गया है.
भारत की सेना ने की थी सटीक कार्रवाई
इस साल अप्रैल में पहलगाम में हुए निर्दोष भारतीयों पर कायराना हमले के बाद भारत की सेना ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया, जो एक सटीक और मजबूत जवाबी कार्रवाई थी. यह ऑपरेशन सीमित जरूर था, लेकिन संदेश स्पष्ट था कि भारत गलत काम करने वालों को सजा देने में सक्षम है और संयम भी बरतता है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे हाल ही में 'कर्म देखकर मारा' बताते हुए कहा था कि सेना ने अपनी कार्रवाई में न्याय और विवेक दोनों का पालन किया.
पाक ने कब किया था फतह-1 रॉकेट से हमला
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने 10 मई 2025 को जवाबी हमला किया. उसने फतह-1 रॉकेट दागा, जो 70 से 100 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल है. यह रॉकेट श्रीनगर के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने के लिए भेजा गया था, लेकिन भारत की सतर्कता के कारण हमला नाकाम रहा. रॉकेट डल झील के गहरे पानी में गिर गया, जिससे झील के आसपास धुआं और धमाके जैसी आवाज़ सुनाई दी, लेकिन कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ. रविवार, 21 सितंबर 2025 को डल झील की सफाई अभियान के दौरान स्वयंसेवकों को एक बड़ा रहस्य मिला. उन्हें रॉकेट जैसा प्रोजेक्टाइल दिखा, जो विस्फोट के बाद बचा हुआ रॉकेट का खोल था. तुरंत इसे स्थानीय पुलिस को सौंप दिया गया और अब इसकी जांच की जा रही है. इस बरामदगी ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के हमले का सीधा सबूत पेश किया.
श्रीनगर पर्यटन का प्रमुख स्थल
श्रीनगर का डल झील ना सिर्फ जम्मू-कश्मीर बल्कि देश का प्रमुख पर्यटन स्थल में से एक है और जहाँ रोज़ाना शिकारे चलते हैं, कई बार सीमा तनाव के कारण खतरे का सामना करती रही है. इस घटना ने दो महत्वपूर्ण बातें स्पष्ट की हैं. पहली, भारत की सेना अपनी सीमा और नागरिकों की सुरक्षा के लिए हमेशा सतर्क रहती है. दूसरी, सफाई अभियान न केवल पर्यावरण और पर्यटन के लिए जरूरी है, बल्कि पुराने खतरे भी उजागर कर सकता है. जानकारों का मानना है कि ऐसे अवशेष हमें सुरक्षा और तैयारी के महत्व की याद दिलाते हैं. इस रॉकेट की बरामदगी ने साबित किया कि भारत मजबूत है, लेकिन शांति चाहता है. ऑपरेशन सिंदूर और डल झील की सफाई अभियान दोनों ने यह संदेश दिया कि सतर्कता और समय पर कार्रवाई से किसी भी खतरे को नाकाम किया जा सकता है.
बताते चलें कि यह घटना हमें यह भी सिखाती है कि देश की सुरक्षा केवल सेना का काम नहीं है, बल्कि हर नागरिक का सतर्क और जागरूक होना भी उतना ही जरूरी है. डल झील में मिला रॉकेट का खोल न सिर्फ इतिहास में दर्ज होगा, बल्कि भविष्य में सीमा सुरक्षा और पर्यटन सुरक्षा के लिए मार्गदर्शन का काम करेगा.
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