भारत सरकार द्वारा विदेश भेजे गए अलग-अलग प्रतिनिधिमंडल में शामिल शशि थरूर और जॉन ब्रिटास के बीच सोशल मीडिया पर राजनीतिक बहस छिड़ गई है. थरूर ने कहा मुझे उम्मीद है कि दो साल बाद तुर्की के व्यवहार को देखने के बाद केरल सरकार अपनी गलत उदारता पर विचार करेगी. इस पर जॉन ब्रिटास ने पलटवार करते हुए थरूर को चुनिंदा स्मृति का शिकार बता डाला.
आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान की पोल खोलने के लिए भारत सरकार ने वैश्विक स्तर पर कूटनीतिक पहल की है. इसके तहत केंद्र सरकार ने सर्वदलीय नेताओं के सात प्रतिनिधिमंडल को दुनिया के तमाम देशों में भेजा है. इन्ही में से एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कांग्रेस सांसद शशि थरूर कर रहे हैं. इस बीच एक अन्य प्रतिनिधिमंडल में शामिल सीपीआई (एम) के राज्यसभा सांसद जॉन ब्रिटास के बीच दो साल पहले केरल सरकार द्वारा भूकंप प्रभावित तुर्की को 10 करोड़ की वित्तीय सहायता दिए जाने पर राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है.
दरअसल, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने केरल सरकार की तुर्की को दी गई मदद को गलत बताया. इस पर पलटवार करते हुए सीपीआई (एम) के राज्यसभा सांसद जॉन ब्रिटास ने थरूर को चुनिंदा स्मृति का शिकार बता डाला. दोनों नेता फिलहाल भारत के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं. जो पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की पोल खोलने अलग-अलग देशों के दौरे पर गए हुए हैं.
सोशल मीडिया पर शुरू हुआ पूरा विवाद
केरल सरकार द्वारा तुर्की को साल 2023 में दी गई मदद पर राजनीतिक बहस की शुरुआत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर हुई. शशि थरूर विदेश मामलों की संसदीय समिति के अध्यक्ष हैं. थरूर के नेतृत्व वाला प्रतिनिधिमंडल अमेरिका, ब्राजील, कोलम्बिया समेत अन्य देशों के दौरे पर है. वहीं जॉन ब्रिटास जापान, सिंगापुर, मलेशिया जैसे देशों का दौरा कर रहे हैं, जो दूसरे प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं. इस बीच शशि थरूर ने अपने सोशल मीडिया पर लिखा कि “मुझे उम्मीद है कि दो साल बाद तुर्की के व्यवहार को देखने के बाद केरल सरकार अपनी गलत उदारता पर विचार करेगी!" थरूर ने खासतौर पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के तत्कालीन संसदीय क्षेत्र वायनाड का जिक्र किया जो 2024 में भयानक भूस्खलन का शिकार हुआ था. इस प्राकृतिक घटना में 300 से ज्यादा लोगों की जान गई थी. उन्होंने कहा उस दस करोड़ का कहीं बेहतर उपयोग वायनाड के लोगों की मदद के लिए किया जा सकता था."
जॉन ब्रिटास ने किया पलटवार
शशि थरूर के पोस्ट पर जॉन ब्रिटास ने प्रतिक्रिया देते हुए एक्स पर लिखा “शशि थरूर के प्रति बहुत सम्मान है. लेकिन ये टिप्पणियाँ चुनिंदा भूलने की बीमारी के लक्षण हैं. यह उतना ही मनोरंजक और हैरान करने वाला है कि उन्हें केरल का अपमान क्यों करना पड़ा, जबकि उन्हें अच्छी तरह से पता है कि मोदी सरकार ने खुद तुर्की की मदद के लिए ऑपरेशन दोस्त शुरू किया था. केरल की आलोचना अनुचित है.
केरल सरकार की सामने आई प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर शुरू हुए इस विवाद के बीच केरल सरकार के वित्त मंत्री एन बालगोपालन का बयान सामने आया है. उन्होंने थरूर की आलोचना को अनुचित बताते हुए कहा “2023 में जब तुर्की में भयानक आपदा आई, तब हमने मानवीय दृष्टिकोण अपनाया. यह सहायता विदेश मंत्रालय के माध्यम से दी गई थी, अब दो साल बाद उस मानवीय मदद को सीमा संघर्ष से नहीं जोड़ना चाहिए."
बताते चलें कि इस पूरी बहस के बीच सबसे अधिक ध्यान देने वाली बात यह है कि वायनाड आपदा के बाद केरल सरकार ने केंद्र सरकार से 2000 करोड़ की विशेष सहायता मांगी थी. राज्य सरकार का आरोप है कि केंद्र ने कोई मदद नहीं की. इसको लेकर सीपीआई (एम) केंद्र सरकार के खिलाफ लगातार प्रदर्शन करते हुए केरल की उपेक्षा करने का आरोप लगा रही है.
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