विधायकों की हरकत पर भड़के CM देवेंद्र फडणवीस, कहा- दुबारा किया तो घर बैठना पड़ेगा
महाराष्ट्र मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधायकों को चेतावनी दी कि प्रश्नकाल में 'मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन' योजना का असंबद्ध संदर्भ न दें. उन्होंने कहा, 'अगर यह जारी रहा, तो आपको घर बैठना पड़ेगा.' कुछ देर बाद बीजेपी विधायक अभिमन्यु पवार ने योजना का उल्लेख किया, जिसे फडणवीस ने तुरंत रोकते हुए चेतावनी दोहराई.
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महाराष्ट्र विधानसभा में मंगलवार को एक अनोखी सख्ती देखने को मिली जब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधायकों को स्पष्ट चेतावनी दी कि वे प्रश्नकाल के दौरान राज्य सरकार की प्रमुख योजना 'मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन' का असंबद्ध मुद्दों में बार-बार उल्लेख न करें.
आपको घर बैठना ना पैड जाए: CM फडणवीस
विधानसभा में योजना का बार-बार संदर्भ आते देख मुख्यमंत्री फडणवीस गंभीर नजर आए. उन्होंने कहा कि सदस्यों को इसे केवल सामान्य राजनीतिक संदर्भ के रूप में इस्तेमाल करने से बचना चाहिए, अन्यथा कड़ी कार्रवाई की जाएगी. फडणवीस ने चेतावनी देते हुए कहा, 'अगर यह जारी रहा, तो आपको घर बैठना पड़ेगा.' इस दौरान सदन में कुछ समय के लिए मौन छा गया. कुछ देर बाद, बीजेपी विधायक अभिमन्यु पवार ने कथित अवैध शराब वितरण के मुद्दे को उठाया और योजना का संक्षिप्त उल्लेख किया. तत्काल मुख्यमंत्री ने उन्हें रोकते हुए अपनी चेतावनी दोहराई.पवार पहले फडणवीस के निजी सहायक रह चुके हैं, जिससे यह घटना और भी चर्चा का विषय बनी.
लाभ के लिए असंबद्ध मुद्दों का ना हो इस्तेमाल: CM फडणवीस
फडणवीस ने जोर देकर कहा कि यह योजना राज्य की एक महत्वपूर्ण पहल है और इसे असंबद्ध मुद्दों में राजनीतिक लाभ के लिए नहीं खींचा जाना चाहिए. उन्होंने सभी विधायकों को साफ-साफ संदेश दिया कि ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना’ पर अनावश्यक टिप्पणी न की जाए. इससे पहले कांग्रेस विधायक ज्योति गायकवाड ने अलग मुद्दे पर बहस करते हुए योजना का उल्लेख किया था, जिससे मुख्यमंत्री की नाराजगी जाहिर हुई. जानकारी के अनुसार, ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना’ के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की पात्र महिलाओं को मासिक 1,500 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाती है. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि यह योजना जारी रहेगी और किसी अन्य कार्यक्रम से निधि या संसाधन नहीं लेगी. चेतावनी के बाद प्रश्नकाल के शेष समय में किसी विधायक ने योजना का उल्लेख नहीं किया, जिससे यह साफ हुआ कि फडणवीस की सख्ती प्रभावी रही.
बताते चलें इस घटना ने विधानसभा में एक स्पष्ट संदेश भेजा कि मुख्यमंत्री अपनी प्रमुख योजनाओं के महत्व को लेकर बेहद गंभीर हैं और उन्हें राजनीतिक चर्चा में अनावश्यक रूप से नहीं घसीटा जाएगा.
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