भारत की तीन चिंताओं को दूर करने का चीन ने किया वादा, वांग यी के साथ मुलाकात में जयशंकर ने अमेरिका को भी घेरा, PAK को भी दिया संदेश
पीएम मोदी के चीन दौरे से पहले नई दिल्ली आए चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने भारत की तीन प्रमुख चिंताओं को दूर करने का वादा किया है. वहीं वांग यी के साथ बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका को भी इशारों ही इशारों में घेरा और चीन के दोस्त पाकिस्तान को भी सख्त संदेश दे दिया.
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए करीब 50% टैरिफ पर और ट्रेड वार के बीच चीनी विदेश मंत्री वांग यी की नई दिल्ली दौरे में विदेश मंत्री स्तर की एक अहम बैठक हुई, जिसमें दोनों देशों में आपसी सद्भाव, सीमा विवाद सुलझाने और एक-दूसरे कि चिंताओं को दूर करने पर सहमति बनी है. इसी बीच वांग यी ने भारत की पुरानी मांगों और जरूरतों पर ध्यान देने की बात कही है. इस उच्च स्तरीय वार्ता के बाद चीन ने आर्थिक संबंधों में मधुरता के संकेत देते हुए भारत को उसकी प्रमुख व्यापारिक चिंताओं, खासकर रेयर अर्थ और फर्टिलाइजर के आयात से जुड़ी चिंताओं का समाधान करने का आश्वासन दिया है.
भारत की तीन प्रमुख चिंताओं को दूर करेगा चीन
सरकारी सूत्रों के अनुसार, चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर को बताया है कि बीजिंग भारत की तीन प्रमुख चिंताओं रेयर अर्थ, फर्टिलाइजर और सुरंग खोदने वाली मशीनों का समाधान कर रहा है. चीन ने अमेरिकी टैरिफ वृद्धि के जवाब में रेयर अर्थ मैग्नेट के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिए हैं और व्यापार युद्ध में इस वस्तु का इस्तेमाल सौदेबाजी के तौर पर कर रहा है. इसका असर उन अन्य देशों पर भी पड़ा है, जो चीनी आयात पर निर्भर हैं.
Welcomed Politburo member and Foreign Minister Wang Yi in Delhi this evening.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) August 18, 2025
Highlighted that our relations are best guided by the three mutuals - mutual respect, mutual sensitivity and mutual interest. As we seek to move ahead from a difficult period in our ties, it needs a… pic.twitter.com/xRMYm4Nqpv
रेयर अर्थ मैग्नेट का इस्तेमाल कई तरह की हाई-टेक एप्लीकेशन में किया जाता है, जिनमें इलेक्ट्रॉनिक सामान और इलेक्ट्रिक वाहनों से लेकर बड़े पैमाने के औद्योगिक उपकरण शामिल हैं.
पीएम मोदी के चीन दौरे से पहले दिल्ली आए हैं वाग यी
चीनी विदेश मंत्री वांग यी सोमवार को दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे. इस यात्रा के दौरान वे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के साथ सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधियों (एसआर) की वार्ता का एक नया दौर आयोजित करेंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात प्रस्तावित है. चीन के विदेश मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि वांग यी की भारत यात्रा दोनों देशों को पिछले साल चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच बनी सहमति को लागू करने के लिए मिलकर काम करने में मदद करेगी.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को कहा कि भारत-चीन संबंधों में किसी भी सकारात्मक प्रगति का आधार सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बनाए रखने की क्षमता पर टिका हुआ है. उन्होंने यह भी जोर दिया कि सीमा पर तनाव कम करने की प्रक्रिया आगे बढ़नी चाहिए.
जयशंकर ने दिया तनाव कम करने पर जोर
चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ हुई बैठक में जयशंकर ने कहा, “आप हमारे विशेष प्रतिनिधि और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ सीमा मुद्दों पर चर्चा करेंगे. यह बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि हमारे संबंधों में किसी भी सकारात्मक गति का आधार सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बनाए रखने की क्षमता है. साथ ही, तनाव कम करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना भी आवश्यक है.” चीनी विदेश मंत्री वांग यी के नई दिल्ली आगमन के कुछ ही समय बाद यह बैठक हुई, जिसमें विदेश सचिव विक्रम मिस्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे.
Opening remarks at my meeting with FM Wang Yi in New Delhi.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) August 18, 2025
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मल्टीपोलर वर्ल्ड की आवश्यकता के बहाने अमेरिका को चुनौती!
जयशंकर ने कहा कि जब दुनिया के दो सबसे बड़े देश मिलते हैं तो अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य पर चर्चा होना स्वाभाविक है. उन्होंने कहा, “हम एक न्यायसंगत, संतुलित और बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था चाहते हैं, जिसमें बहुध्रुवीय एशिया भी शामिल हो. सुधारित बहुपक्षवाद की आज आवश्यकता है.
'आतंकवाद से लड़ाई हमारी प्राथमिकता'
मौजूदा परिस्थितियों में वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिरता बनाए रखना और उसे बढ़ाना भी जरूरी है. आतंकवाद से हर रूप में लड़ना भी एक प्रमुख प्राथमिकता है.” उन्होंने बताया कि बैठक से दोनों देशों को द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करने और वैश्विक स्थिति पर विचारों का आदान-प्रदान करने का अवसर मिलेगा. चर्चाओं में आर्थिक और व्यापारिक मुद्दों, तीर्थ यात्राओं, जन-से-जन संपर्क, नदी डेटा साझा करने, सीमा व्यापार, कनेक्टिविटी और द्विपक्षीय आदान-प्रदान जैसे विषय शामिल रहेंगे.
शांति और प्रगति के लिए जयशंकर का 'तीन सूत्री फॉर्मूला'
जयशंकर ने कहा, “हमारे संबंधों ने कठिन दौर देखा है. अब हमें आगे बढ़ना है, जिसके लिए दोनों पक्षों से स्पष्ट और रचनात्मक दृष्टिकोण जरूरी है. हमें तीन ‘म्यूचुअल्स’ यानी परस्पर सम्मान, परस्पर संवेदनशीलता और परस्पर हितों द्वारा मार्गदर्शित होना चाहिए. मतभेद विवाद न बनें और प्रतिस्पर्धा संघर्ष में न बदलें.”
उन्होंने यह भी बताया कि भारत ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की मौजूदा अध्यक्षता के दौरान चीन के साथ निकटता से काम किया है. 31 अगस्त से 1 सितंबर को तियानजिन में होने वाले एससीओ शिखर सम्मेलन के लिए जयशंकर ने वांग यी को शुभकामनाएं दीं और उम्मीद जताई कि यह सम्मेलन “मजबूत नतीजों और निर्णयों” वाला होगा.
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जयशंकर ने कहा, “कुल मिलाकर, हमारी यह उम्मीद है कि आज की चर्चाएं भारत और चीन के बीच स्थिर, सहयोगात्मक और भविष्य की ओर देखने वाले रिश्तों को बनाने में योगदान देंगी, जो दोनों देशों के हितों की पूर्ति करेंगी और हमारी चिंताओं का समाधान करेंगी.”
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