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कर्नाटक के मांड्या में गणपति विसर्जन के दौरान बवाल, शोभा यात्रा पर हुई पत्थरबाजी, हिन्दू संगठनों का जोरदार प्रदर्शन

कर्नाटक के मांड्या में गणपति विसर्जन जुलूस के दौरान पथराव से दो समुदायों में तनाव फैल गया, जिसके बाद धारा 144 लागू कर दी गई. वहीं शिवमोग्गा में भी विसर्जन के दौरान विवाद हुआ. इससे पहले भी इस जिले में आती रही है विवाद और पत्थरबाजी की घटनाएं.

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कर्नाटक के मांड्या जिले से गणपति विसर्जन के दौरान दो समुदायों के बीच पथराव और टकराव की खबर सामने आई है. जानकारी के मुताबिक विवाद की शुरुआत उस वक्त हुई जब शोभा यात्रा गुजर रही थी और कथित तौर पर मस्जिद की ओर से पत्थरबाजी की गई. 

सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी गई 

 इस घटना के बाद यात्रा में शामिल युवाओं ने भी मस्जिद की तरफ हमला बोल दिया. हालात बिगड़ते देख माहौल तनावपूर्ण हो गया. स्थिति को काबू में लाने के लिए पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा. प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से इलाके में धारा 144 लागू कर दी है और अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी गई है ताकि हालात नियंत्रण में रहें.

घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती करवाया गया 

घटना में कई लोग घायल बताए जा रहे हैं. पुलिस ने सभी घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती करवाया है. वहीं भारतीय जनता पार्टी समेत अन्य हिंदू संगठनों ने इस घटना की तीखी आलोचना की है और इसे लेकर सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. आरोप लगाया गया है कि शोभा यात्रा के दौरान पुलिस की लापरवाही के चलते ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई. 

पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटना

गौरतलब है कि मांड्या में गणपति विसर्जन को लेकर तनाव की यह कोई पहली घटना नहीं है.  पिछले साल नागमंगला इलाके में भी विसर्जन जुलूस के दौरान दोनों पक्षों में जमकर पथराव हुआ था. उस समय कई दुकानों और गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया था. इसके बाद प्रशासन ने धारा 144 लागू की थी और भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया था. कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था. 

इस जगह पर भी गणेश विसर्जन के दौरान मचा बवाल

इसी बीच शिवमोग्गा जिले के जन्नतनगर, सागर इलाके से भी तनाव की खबर आई है. यहां गणेश विसर्जन जुलूस के दौरान दो बच्चों का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें उन्हें गणेश प्रतिमा के पास थूकते देखा गया.  इस वीडियो से स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया. हालांकि बच्चों की मां सामने आई और माफी मांगी.

उन्होंने कहा कि यह अनजाने में हुआ और किसी तरह की अनादर की भावना नहीं थी. स्थानीय मुस्लिम नेताओं ने भी आगे आकर स्थिति को शांत करने का प्रयास किया. उन्होंने गणेश प्रतिमा पर माला अर्पित की और पूजा में शामिल होकर दोनों समुदायों के बीच बढ़ रहे तनाव को कम किया. 

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