चंद्रशेखर की मायावती को हराने की चाल, अब क्या करेगी मायावती?
एक तरफ मायावती ने अपने नेताओं को बुलाकर आज राष्ट्र कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की। इस बैठक के दौरान मायावती द्वारा कई तुफानी फैसले लिए जा सकते हैं। अब इसी बीच इसी तारीख को चंद्रशेखर आज़ाद ने प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर दी। राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि हरियाणा चुनाव को लेकर कुछ अहम फैसले चंद्रशेखर द्वारा बताए जा सकते हैं।
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मायावती के लिए सबसे बड़ी टेंशन बने चंद्रशेखर
मायावती और उनकी पार्टी के लिए अगर चुनावों में कोई खतरा है, तो वह चंद्रशेखर और उनकी पार्टी हैं। मायावती के लिए सबसे बड़ी संकट और परेशानी चंद्रशेखर ही हैं। यह पूरी बात समझते हैं। देखिए, जब लोकसभा चुनाव हुए तो चंद्रशेखर ने भारी मतों से नगीना सीट से बंपर जीत हासिल कर यह साबित कर दिया कि वोटों में सेंधमारी में वे पक्के खिलाड़ी हो चुके हैं। जाटव और दलित युवाओं को उनका अंदाज़ और काम करने का तरीका काफी पसंद आ रहा है। जिस तरीके से सदन से सड़क तक चंद्रशेखर ने अपने तल्ख रवैये से अपनी बातों और दलितों के लिए आवाज उठाने का काम किया है, उनके ये तेवर युवाओं को खूब भा रहे हैं।
अब चंद्रशेखर मायावती के लिए और परेशानी खड़ी करने की तैयारी में हैं। उनका यह दांव हरियाणा चुनाव के लिए देखने को मिलेगा। राजनीतिक गलियारों में शोर है कि प्रेस कांफ्रेंस में चंद्रशेखर दलित-मुस्लिम गठजोड़ बनाकर मायावती को पटखनी देने की तैयारी में हैं। आज़ाद की पार्टी और दुष्यंत चौटाला की पार्टी JJP का आपस में गठबंधन होने वाला है। और इसी अहम ऐलान के लिए चंद्रशेखर प्रेस कांफ्रेंस करने वाले हैं। बता दें कि खुद चौटाला और चंद्रशेखर ने इस बात पर मुहर लगा दी है। दोनों ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए इसकी जानकारी भी दी है। दोनों नेताओं ने अपने X Handle पर पोस्ट करते हुए लिखा कि किसान-करमचारी की लड़ाई, हम लड़ते रहेंगे बिना आराम, ताऊ देवीलाल की नीतियाँ, विचारधारा में मान्यवर कांशीराम। जय भीम, जय भारत, जय जवान, जय किसान, जय संविधान।
हरियाणा के चुनाव में अब चंद्रशेखर आज़ाद की इंट्री हो चुकी है, जिससे यह चुनाव और भी ज्यादा दिलचस्प हो चुका है। चंद्रशेखर का हरियाणा चुनाव में इस जोरदार तरीके से आना मायावती की मुश्किलों को बढ़ा सकता है। मायावती के भतीजे आकाश आनंद ने हरियाणा चुनाव की कमान अपने हाथों में ले ली है। हाल ही में बसपा ने इनेलो के साथ गठबंधन किया है। हरियाणा चुनाव में दोनों ही पार्टियां साथ-साथ चुनावी मैदान में हैं।
चंद्रशेखर के इस तरीके से हरियाणा चुनाव के लिए कमर कसना बीजेपी और कांग्रेस के लिए तो टेंशन है ही, पर सबसे बड़ी चुनौती मायावती के लिए है। क्योंकि दोनों ही पार्टियों का वोटबैंक दलित समुदाय है। और चंद्रशेखर के आने से वोट दो भागों में बंट जाएगा। इसके अलावा अगर हम यूपी में होने वाले उपचुनाव पर भी नजर डालें तो चंद्रशेखर और मायावती दलित वोटों के लिए खींचातानी की स्थिति में हैं। दोनों एक-दूसरे को पटखनी देने के लिए शम, दाम, दंड, भेद आजमा रहे हैं। खैर, जिस तरीके से चंद्रशेखर अपने प्यादे तैयार कर रहे हैं, वह मायावती के लिए बेहद घातक माने जा रहे हैं।
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