नोएडा में 50 से ज्यादा सोसायटियों पर चलेगा बुलडोजर, 39 डेवलपर्स को मिला नोटिस, 7 दिन का अल्टीमेटम
नोएडा के सलारपुर में महर्षि आश्रम की अधिसूचित व अर्जित भूमि पर 2018 से चल रहे अवैध निर्माण पर प्राधिकरण ने सख्ती दिखाई है. सलारपुर पुलिस चौकी के पीछे 50 से अधिक अवैध आवासीय सोसायटियों को ध्वस्त करने का आदेश दिया गया है. 39 डेवलपर्स को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में निर्माण हटाने को कहा गया है. सीईओ लोकेश एम की नाराजगी के बाद वरिष्ठ अधिकारी सतेंद्र गिरी और डिप्टी कलेक्टर शशि त्रिपाठी के नेतृत्व में भारी पुलिस बल के साथ निर्माण स्थलों पर नोटिस चस्पा किए गए.

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नोएडा के रियल एस्टेट सेक्टर में एक बड़ी हलचल मच गई है. गौतम बुद्ध नगर प्राधिकरण ने सलारपुर पुलिस चौकी के पीछे 50 से अधिक अवैध आवासीय सोसायटियों को ध्वस्त करने का सख्त आदेश जारी किया है. ये निर्माण कार्य बीते कई वर्षों से चल रहा था और प्रशासन की आंखों में धूल झोंकते हुए डेवलपर्स ने सरकारी जमीन पर कब्जा कर कॉलोनियां बसा दी थीं. यह जमीन महर्षि आश्रम की मानी जा रही है, जिस पर 2018 से अवैध निर्माण की खबरें आ रही थीं. आखिरकार अब प्राधिकरण ने इस पर बड़ी कार्रवाई का मन बना लिया है.
39 डेवलपर्स को मिली एक हफ्ते की मोहलत
गौतम बुद्ध नगर के सीईओ लोकेश एम. ने खुद इस पूरे मामले पर गहरी नाराजगी जताई है और अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि इस अवैध निर्माण को किसी भी सूरत में बर्दाश्त न किया जाए. इसी के तहत वर्क सर्कल आठ के वरिष्ठ प्रबंधक सतेंद्र गिरी और भूलेख विभाग की डिप्टी कलेक्टर शशि त्रिपाठी के नेतृत्व में एक टीम भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंची और सभी निर्माण स्थलों पर नोटिस चस्पा कर दिए गए. इन नोटिसों में साफ तौर पर कहा गया है कि यदि एक सप्ताह के भीतर निर्माण को स्वयं नहीं गिराया गया और प्राधिकरण कार्यालय में प्रत्यावेदन दाखिल नहीं किया गया, तो मजबूरन बुलडोजर चलाकर निर्माण को गिरा दिया जाएगा और संबंधित साइट को सील कर दिया जाएगा.
नहीं चला डेवलपर्स का ड्रामा भी न चला
जब प्राधिकरण की टीम मौके पर पहुंची और कार्रवाई शुरू हुई, तो वहां मौजूद कई डेवलपर्स ने विरोध करना शुरू कर दिया. लगभग तीन घंटे तक हाई वोल्टेज ड्रामा चला, जिसमें ये लोग निर्माण को रोकने की कोशिश करते रहे. लेकिन भारी पुलिस बल की मौजूदगी के कारण उनकी एक न चली और कार्रवाई बिना किसी रुकावट के जारी रही. प्रशासन की ओर से यह स्पष्ट संकेत है कि अब कानून का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, चाहे वह कोई भी हो.
खसरा नंबरों में की गई है हेराफेरी
जांच के दौरान यह भी सामने आया कि इन अवैध कॉलोनियों के निर्माण में खसरा नंबरों की हेराफेरी की गई है. अधिकारियों ने बताया कि कई खसरा नंबरों की भूमि को किसानों ने गलत तरीके से अपने नाम दाखिल-खारिज करा लिया और बाद में उसे डेवलपर्स को बेच दिया. महर्षि आश्रम की जमीन भी इसमें शामिल है, जिस पर बिना किसी स्वीकृति या मानचित्र के निर्माण कार्य किया जा रहा था. ये न सिर्फ कानूनी अपराध है, बल्कि ज़मीन से जुड़ी संवेदनशीलता और सरकारी अधिकारों की भी खुली अवहेलना है.
प्राधिकरण की जनता से अपील
प्राधिकरण ने आम जनता से अपील की है कि वे इन जमीनों पर कोई भी खरीद-फरोख्त न करें. खासतौर पर सलारपुर खादर पुलिस चौकी के पीछे जिन खसरा नंबरों पर अवैध निर्माण हुआ है, वे हैं: 723, 724, 727, 728, 729, 730, 731, 732, 733, 734, 735, 736, 737, 738, 739, 745, 746, 747, 748, 749, 750, 751, 752, 753। इन जमीनों पर किसी भी तरह का निवेश करना आपके लिए भारी वित्तीय हानि का कारण बन सकता है. प्राधिकरण स्पष्ट कर चुका है कि यह भूमि उसकी अधिसूचित और अर्जित संपत्ति है और यहां किसी भी प्रकार की रजिस्ट्री या निर्माण कार्य मान्य नहीं होगा.
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प्राधिकरण के इस कदम पर शहरी नियोजन से जुड़े जानकारों की माने तो नोएडा जैसे तेजी से बढ़ते शहरों में जमीन की मांग बहुत अधिक है. इसी का फायदा उठाकर कई बिल्डर और बिचौलिए नक्शा स्वीकृति के बिना ही अवैध निर्माण कर देते हैं. इससे न केवल आम लोगों की गाढ़ी कमाई डूबती है, बल्कि पूरे शहर के मास्टर प्लान पर भी असर पड़ता है. इसलिए प्लॉट खरीदने वाले ग्राहकों को खरीदारी से पहले जमीन का पूरा रिकॉर्ड देखना चाहिए,कि संबंधित कॉलोनी प्राधिकृत है या नहीं. सलारपुर में हुई यह कार्रवाई बाकी लोगों के लिए एक चेतावनी है कि कानून का पालन न करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. साथ ही यह भी संदेश है कि आम जनता को अब और अधिक सतर्क रहने की जरूरत है, ताकि वे किसी धोखाधड़ी का शिकार न बनें.