बिहार में योगी आदित्यनाथ की रैलियों से घबराया महागठबंधन? आते ही पलट दिया सारा खेल!
योगी आदित्यनाथ जहां जाते हैं, वहां की सियासी फिजा का रुख बदल जाता है. बिहार में भी कुछ ऐसा ही हुआ है. चुनावी समर में योगी आदित्यनाथ की एंट्री से विपक्ष में खलबली मची हुई है. CM योगी अपनी सभाओं में जंगलराज से लेकर तुष्टिकरण की राजनीति पर RJD और कांग्रेस की कलई खोल रहे हैं.
Follow Us:
बिहार के वैशाली जिले में भारी बारिश हो रही थी लेकिन लोगों के उत्साह में कोई कमी नहीं थी. ब्रह्मानंद पंजियार कॉमर्स कॉलेज मैदान में जनसैलाब उमड़ा हुआ था. क्योंकि यहां यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सभा हो रही थी और चारों ओर जय श्री राम के नारे गूंज रहे थे. CM योगी के लिए इस कदर लोगों का जुनून देख विपक्षी खेमे में जबरदस्त बेचैनी है.
बिहार के चुनावी समर में योगी आदित्यनाथ की एंट्री से विपक्ष में खलबली मची हुई है. CM योगी अपनी सभाओं में जंगलराज से लेकर तुष्टिकरण की राजनीति पर RJD और कांग्रेस की कलई खोल रहे हैं. ये ही वजह है कि, तेजस्वी यादव से लेकर मीसा भारती और विपक्ष के अन्य नेता CM योगी पर आक्रामक हैं. वहीं, बारिश के बीच भी जनता UP के मुख्यमंत्री को सुनने आ रही है. जिससे साफ जाहिर होता है कि योगी NDA के पक्ष में माहौल बनाने में कामयाब हो रहे हैं. इसी से परेशान महागठबंधन बिहार में उनकी मौजूदगी पर सवाल खड़े कर रहा है.
योगी की सभाओं से क्यों घबराया विपक्ष?
बिहार में CM योगी ने बारिश में भीड़ का उत्साह देख कहा कि, यह कीचड़ में कमल खिलाने का संकेत है. दरअसल, योगी बिहार में जहां-जहां सभाएं और रैलियां कर रहे हैं. वहां, विपक्ष की कास्ट पॉलिटिक्स, EVM, बूथ पर मुस्लिम महिला मतदाताओं की पहचान के मुद्दे को ध्वस्त कर रहे हैं. विपक्ष जिन मुद्दों को हथियार बनाकर NDA पर वार कर रही थी CM योगी ने उन्हीं को विपक्ष की काट बना लिया.
योगी ने दिया बुर्का बनाम विकास का नारा
बिहार में योगी आदित्यनाथ ने अपनी पहली दो सभाओं ने EVM और बूथ पर मुस्लिम महिला मतदाताओं की पहचान के विपक्षी नैरेटिव को धराशायी किया. उन्होंने इसकी जगह विकास और विरासत का नारा गढ़ा.
योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वे विकास नहीं, बल्कि बुर्का चाहते हैं. ताकि फर्जी वोट डालकर गरीबों और दलितों के हकों पर डाका डाला जा सके. CM योगी के इस पलटवार के बाद विपक्ष बुर्के के मुद्दे पर बैकफुट पर आ गया.
जाति की राजनीति पर प्रहार
वहीं, महागठबंधन इसलिए भी असहज है क्योंकि CM योगी अपनी सभाओं में जाति की राजनीति से किनारा करते हुए विकास और समानता पर बात कर रहे हैं. इसके साथ ही वह हिंदू वोटर्स को भी एकजुट कर रहे हैं. जो BJP के लिए निर्णायक साबित हो सकते है. योगी अपनी सभाओं में NDA के सबका साथ सबका विकास के नारे को गति और मजबूती देते दिखे.
हरियाणा-महाराष्ट्र के बाद योगी से डरा विपक्ष!
योगी को लेकर विपक्ष इसलिए भी असहज है क्योंकि, महाराष्ट्र और हरियाणा चुनावों के दौरान योगी के नारे नतीजों में बदलते दिखे थे. महाराष्ट्र में जहां योगी आदित्यनाथ ने बंटेगे तो कटेंगे का नारा दिया था तो ये ही नारा हरियाणा में एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे में तब्दील हो गया और नतीजा NDA के पक्ष में रहा. जबकि महाराष्ट्र और हरियाणा में विपक्ष अपनी जीत को लेकर आश्वस्त था. अब बिहार में भी जात-पात से इतर ये ही फॉर्मूला अपनाया जा रहा है.
इन दोनों ही राज्यों में CM योगी ने जोर-शोर से रैलियां की थी. ऐसे में उनके कद और प्रभाव का अंदाजा BJP आलाकमान को भी खूब है. ये ही वजह है कि BJP नेतृत्व ने बिहार में भी CM योगी को बड़े प्रचारक के रूप में प्रोजेक्ट किया है.
बिहार में योगी की मौजूदगी, मोदी का मास्टरस्ट्रोक!
योगी जहां-जहां जा रहे हैं माहौल बदल देते हैं. विपक्ष की सभाओं का खेल पलट देते हैं. इसीलिए बिहार चुनाव में PM मोदी ने योगी के चेहरे को तुरुप के पत्ते की तरह इस्तेमाल किया है. उन इलाकों में CM योगी से सभाएं करवाई जा रही हैं जहां NDA कमजोर स्थिति में है. यहां योगी NDA के मजबूत योद्धा के तौर पर उतरे हैं.
बिहार में ‘बुलडोजर बाबा’ हिट
बिहार में योगी इस कदर छा गए कि उनकी UP वाली बुलडोजर बाबा की छवि बिहार में भी खूब हिट हो रही है. रैली और जनसभाओं में उमड़ी ये जबरदस्त भीड़ इस बात का संकेत है. 29 अक्टूबर को CM योगी ने जब सिवान में बुलडोजरों की लाइन लग गई थी. बुलडोज़र बाबा की फैन फॉलोइंग ने विपक्ष की नींद उड़ा दी.
योगी आदित्यनाथ की रैली में लगी बुलडोजर की लाइन
जिन इलाकों में योगी जा रहे हैं वहां तो जनाधार जुटा ही रहे हैं साथ ही साथ आस-पास के इलाकों में भी उनका प्रभाव दिख रहा है. योगी के विकास के एजेंडे के आगे विपक्ष के EVM, SIR और मतदाताओं की पहचान का राग धीमा पड़ रहा है.
योगी के पावरफुल भाषणों से सीख ले रहे हैं दूसरे दल
CM योगी जहां-जहां रैली करते हैं विकास का नया नारा गढ़ देते हैं. उनकी ये ही खासियत NDA के घटक दलों को भी प्रभावित करती है. ये ही वजह है कि, JDU और NDA के बाकी दल योगी के भाषणों को अपने सोशल मीडिया पेज पर प्रसारित करते हैं. उनकी लोकप्रियता देख विपक्ष में खलबली तो जरूर मची है, क्योंकि उनके पास योगी जैसा नेता नहीं है UP जैसा मॉडल नहीं है. जिसे बिहार में प्रोजेक्ट किया जा सके.
उनके कद का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि, PM मोदी के बाद महागठबंधन के नेताओं का अगला टारगेट योगी आदित्यनाथ ही होते हैं. जिन पर विपक्ष निशाना साधता है. इसके बावजूद योगी आदित्यनाथ की चुनावी रैलियों की काफी मांग है, जो राज्य में उनकी मौजूदगी का एक बड़ा सबूत भी है.
Advertisement
यह भी पढ़ें
Advertisement