Advertisement

अलीगढ़ में बड़े अवैध धर्मांतरण रैकेट का पर्दाफाश, 97 महिलाएं लापता; पुलिस और खुफिया एजेंसियां जांच में जुटीं

जांच में यह भी पता चला कि अलीगढ़ और आसपास के इलाकों से 97 महिलाएं गायब हैं, जो इस गिरोह से जुड़ी हो सकती हैं. पुलिस का कहना है कि कई महिलाओं को धोखे से या जबरन धर्म परिवर्तन के लिए ले जाया गया.

21 Jul, 2025
( Updated: 21 Jul, 2025
03:31 PM )
अलीगढ़ में बड़े अवैध धर्मांतरण रैकेट का पर्दाफाश, 97 महिलाएं लापता; पुलिस और खुफिया एजेंसियां जांच में जुटीं

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ ज़िले में एक संगठित और अंतरराज्यीय अवैध धर्मांतरण नेटवर्क का खुलासा हुआ है, जिसने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है. इस मामले में 97 महिलाओं के लापता होने की पुष्टि हुई है, जिनका कथित तौर पर जबरन धर्म परिवर्तन कर उन्हें देश के अलग-अलग हिस्सों में छिपाया गया. पुलिस और खुफिया एजेंसियों की संयुक्त जांच में यह चौंकाने वाला मामला सामने आया.

दो बहनों की गुमशुदगी से हुआ खुलासा

मार्च 2025 में अलीगढ़ के सदर थाने में दो सगी बहनों (33 और 18 वर्ष) की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज हुई थी. जांच के दौरान एक बहन की तस्वीर सोशल मीडिया पर सामने आई, जिसमें वह एके-47 के साथ नज़र आ रही थी. यह तस्वीर मामले को एक नए मोड़ पर ले गई और अधिकारियों को एक संगठित धर्मांतरण नेटवर्क की ओर संकेत मिला.

उमर गौतम की गिरफ्तारी से जुड़े तार

इस सनसनीखेज मामले में गिरफ्तार किए गए उमर गौतम का नाम पहले भी आगरा और दिल्ली में अवैध धर्मांतरण मामलों में सामने आ चुका है. अब जांच में यह खुलासा हुआ है कि उमर गौतम ने अलीगढ़ में भी अपना नेटवर्क फैला रखा था. इसी नेटवर्क के ज़रिए युवतियों को सोशल मीडिया, डार्क वेब और मोबाइल ऐप्स के ज़रिए फंसाया जाता था.

गैंग का काम करने का तरीका

जांच एजेंसियों के मुताबिक, यह गैंग एक बेहद संगठित और गुप्त प्रणाली के तहत काम करता था. पहले युवतियों को प्रेमजाल में फंसाया जाता, फिर उनका ब्रेनवॉश कर उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया जाता. इसके बाद कुछ मामलों में युवतियों को दूसरे राज्यों या मुस्लिम बहुल इलाकों में छिपा दिया जाता था.

देश-विदेश से फंडिंग के का खुलासा

गैंग की फंडिंग की मनी ट्रेल खंगालने पर चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है. सूत्रों के मुताबिक, नेटवर्क को कनाडा, अमेरिका, लंदन और दुबई जैसे देशों से भारी मात्रा में फंडिंग मिली. इसके पीछे पीएफआई, सिमी और लश्कर-ए-तैयबा जैसे प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े होने के संकेत भी मिले हैं. हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी जांच के अधीन है.

मुख्य आरोपी और गिरफ्तारी

इस मामले में अब तक छह राज्यों से कई लोगों की गिरफ़्तारी हो चुकी है: आयशा (मूल नाम एसबी कृष्णा, ओडिशा). विदेशों से फंडिंग जुटाने और पैसे के वितरण की जिम्मेदारी. अली हसन उर्फ शेखर राय (कोलकाता). प्रभावशाली लोगों से संपर्क स्थापित करने में माहिर. मोहम्मद अली (जयपुर) . नेटवर्क संचालन में अहम भूमिका.

जांच में जुटी पुलिस 

यह भी पढ़ें

उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण ने प्रेस वार्ता में बताया: “इस नेटवर्क ने सैकड़ों लोगों का अवैध धर्मांतरण कराया है. हम सभी संदिग्ध लिंक और फंडिंग स्रोतों की जांच कर रहे हैं. इस मामले में जल्द ही और बड़ी गिरफ्तारियाँ हो सकती हैं.” अभी भी कई युवतियाँ लापता हैं और पुलिस की विशेष टीमें अलग-अलग राज्यों में तलाशी अभियान चला रही हैं. खुफिया एजेंसियाँ डार्क वेब पर सक्रिय इस गिरोह की तकनीकी निगरानी में जुटी हैं.

LIVE
Advertisement
अकेला मुसलमान जिसने मुल्ला-मौलवियों की नींद हराम कर दी, बन गए मोदी के ‘संदेशवाहक’? Qari Abrar Jamal
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें