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बड़ा दिल, खुली सोच, व्यापक दृष्टिकोण... भारत ने ट्रंप के टैरिफ पर क्यों नहीं किया जवाबी पलटवार, राजनाथ सिंह ने कर दिया साफ

भारत ने ट्रंप के टैरिफ पर चीन की तरह जवाबी पलटवार क्यों नहीं किया? ये सवाल ऐसा है जिसका जवाब पूरा देश जानना चाह रहा है. इस मुद्दे पर मोदी सरकार की तरफ से पहली बार रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बयान दिया है. उन्होंने इस मुद्दे पर सरकार की कूटनीतिक सोच को साफ करने की कोशिश की है. राजनाथ ने इसके अलावा PoK के मुद्दे पर भी बड़ा बयान दिया है और कहा कि वो दिन दूर नहीं जब पीओके लोग भी कहेंगे "मैं भी भारत हूं."

भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील पर रस्साकशी जारी है. ट्रंप ने जब हिंदुस्तान पर 25% + 25% टैरिफ ( 25 प्रतिशत टैरिफ और 25 प्रतिशत रूसी तेल और सैन्य खरीद को लेकर पेनाल्टी) लगाया तो यहां खूब हो हल्ला हुआ कि मोदी सरकार ने अमेरिका पर जवाबी टैरिफ क्यों नहीं ठोका जैसा जवाब चीन ने दिया था. अब इस मुद्दे पर सरकार की तरफ से बड़ा जवाब आया है. दरअसल रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस संबंध में कहा कि "हमने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी...जो लोग व्यापक सोच और बड़े दिल वाले होते हैं, वे किसी भी बात पर तुरंत प्रतिक्रिया नहीं देते." उनके इस बयान में कूटनीति भी थी, धैर्य भी था और समझदारी भी थी. मोरक्को की अपनी दो दिवसीय यात्रा पर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत ने डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाले प्रशासन द्वारा भारतीय आयातों पर लगाए गए 50% टैरिफ पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी क्योंकि भारत का दृष्टिकोण व्यापक है. 

हमने आतंकियों के कर्म देखकर दंड दिया: राजनाथ सिंह

वहीं ऑपरेशन सिंदूर पर रक्षा मंत्री ने कहा कि आतंकवादियों ने पहलगाम के पीड़ितों से उनके धर्म पर हमला करने को कहा था, लेकिन भारत ने ऐसा नहीं किया. सोमवार को मोरक्को में भारतीय समुदाय के साथ बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, "हमने किसी का धर्म नहीं देखा, उनका कर्म देखकर मारा है." उन्होंने आगे कहा कि भारत ने किसी भी नागरिक को निशाना नहीं बनाया. उन्होंने कहा, "हमने किसी भी नागरिक या सैन्य प्रतिष्ठान पर हमला नहीं किया. केवल भारत ही ऐसा चरित्र रख सकता है. अगर हम चाहते, तो किसी भी सैन्य या नागरिक प्रतिष्ठान पर हमला कर सकते थे, लेकिन हमने ऐसा नहीं किया. हमें भारत के इस चरित्र को बनाए रखना चाहिए."

सेना को दी गई थी पूरी छूट

रक्षा मंत्री ने कहा कि पहलगाम में निर्दोष भारतीयों पर कायराना हमले के बाद सेनाओं को पूरी छूट दी गई थी और भारतीय सेनाएं हर स्थिति के लिए पूरी तरह तैयार थीं. उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत की कार्रवाई सोच-समझकर और गैर-उकसाने वाली थी.

'PoK होगा भारत का हिस्सा'

राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान के कब्जे वाले PoK पर कहा कि ये जल्द ही भारत का हिस्सा होगा और वहीं के लोग भी इसकी मांग करने लगे हैं." उन्होंने आगे कहा कि "पाँच साल पहले मैं कश्मीर घाटी में एक कार्यक्रम में भारतीय सेना को संबोधित कर रहा था. मैंने तब कहा था कि हमें पीओके पर हमला करके कब्ज़ा करने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी, वह वैसे भी हमारा है; पीओके खुद कहेगा, 'मैं भी भारत हूँ'. वह दिन आएगा."

'भारत जल्द बनेगा दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी'

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस दौरा पिछले एक दशक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुई बहुआयामी प्रगति को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत आज दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है, जो 11वें स्थान से चौथे स्थान पर पहुंच गया है और जल्द ही शीर्ष तीन में शामिल होने की ओर अग्रसर है.

'डिफेंस प्रोडक्शन में भी कमाल कर रहा भारत'

उन्होंने भारत के डिजिटल परिवर्तन, ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था में प्रगति और स्टार्टअप क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि जहां 10 वर्ष पहले 18 यूनिकॉर्न थे, वहीं आज 118 हो चुके हैं. रक्षा उद्योग में भी ऐतिहासिक प्रगति हुई है, जो 1.5 लाख करोड़ रुपए का उत्पादन कर रहा है और 100 से अधिक देशों को 23,000 करोड़ रुपए से अधिक के रक्षा उत्पाद निर्यात कर चुका है.

 भारत के असली एंबेसडर हैं प्रवासी भारतीय

रक्षा मंत्री ने प्रवासी भारतीयों की मेहनत, ईमानदारी और समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि यह भारतीय चरित्र की शक्ति को पूरी दुनिया में दर्शाता है. उन्होंने स्वामी विवेकानंद के शिकागो धर्म संसद के ऐतिहासिक संबोधन को याद किया और कहा कि भारतीय संस्कृति में व्यक्ति का असली मूल्य उसके चरित्र से तय होता है. प्रवासी भारतीयों ने भी भारत की बढ़ती वैश्विक प्रतिष्ठा पर गर्व व्यक्त किया, जो मजबूत आर्थिक आधार और सशक्त सैन्य क्षमता पर आधारित है.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर रविवार को मोरक्को के कासाब्लांका पहुंचे हैं. यह मोरक्को का दौरा करने वाले किसी भी भारतीय रक्षा मंत्री की पहली ऐतिहासिक यात्रा है.

इस यात्रा को भारत और मोरक्को के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है. रक्षा मंत्री अपने प्रवास के दौरान द्विपक्षीय वार्ता करेंगे और रक्षा एवं सामरिक सहयोग से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा करेंगे.

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