ट्रंप प्रशासन को बड़ा झटका! अमेरिका जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या में 2025 में पहली बार गिरावट, डेटा में दिखा चौंकाने वाला रुझान
अमेरिका जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या 2025 में पहली बार घट गई है. क्या ट्रंप प्रशासन की नई वीजा नीतियाँ और शुल्क बढ़ोतरी इसका कारण हैं? जानें ताजा डेटा और इस गिरावट का अमेरिकी पर्यटन उद्योग पर क्या असर पड़ेगा.
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अमेरिका जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या 2025 में पहली बार गिरावट दर्ज की गई है. अमेरिकी वाणिज्य विभाग के राष्ट्रीय यात्रा और पर्यटन कार्यालय (NTTO) के आंकड़ों के अनुसार, जून 2025 में 2.1 लाख भारतीय पर्यटकों ने अमेरिका का दौरा किया, जो पिछले वर्ष की समान अवधि से 8% कम है. जुलाई में भी गिरावट जारी रही, जिसमें संख्या में 5.5% की कमी देखी गई. यह 2001 के बाद पहली बार हुआ है कि अमेरिकी यात्रा में भारतीय पर्यटकों की संख्या में स्थायी गिरावट आई है.
गिरावट के पीछे की क्या है वजह ?
अमेरिका जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या में गिरावट के कई संभावित कारण हैं:
- वीजा शुल्क में वृद्धि: अक्टूबर 2025 से लागू होने वाला $250 का नया वीजा इंटेग्रिटी शुल्क यात्रा खर्च बढ़ा सकता है.
- कठोर आव्रजन नीतियाँ: ट्रंप प्रशासन की सख्त वीजा नीतियाँ, जैसे वीजा अवधि में कमी और वीजा बांड की आवश्यकता, भारतीय पर्यटकों के लिए अमेरिका को कम आकर्षक बना रही हैं.
- सामाजिक और राजनीतिक कारण: फरवरी 2025 में 104 भारतीय नागरिकों के निर्वासन जैसे कदम भारतीयों के लिए अमेरिका की छवि को प्रभावित कर सकते हैं.
चौथे नंबर पर है भारत
अमेरिका जाने वाले अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों में भारत चौथे नंबर पर है. दूसरे और तीसरे नंबर पर मेक्सिको और कनाडा हैं, हालांकि उनकी सीमाएं अमेरिका से मिलती हैं, इसलिए भारत दूसरा सबसे बड़ा विदेशी स्रोत है. पहले नंबर पर यूके है. NTTO के अनुसार, इन टॉप पांच देशों (ब्राजील पांचवें नंबर पर है) से जून में 59.4 प्रतिशत पर्यटक आए.
भारत से अमेरिका की यात्रा
यह गिरावट ऐतिहासिक है क्योंकि 2001 के बाद यह पहली बार हुआ है कि भारतीय पर्यटकों की संख्या में कमी आई है. COVID-19 महामारी के दौरान भी यात्रा धीरे-धीरे बढ़ी थी, लेकिन अब पहली बार स्थायी गिरावट देखी गई है.
टूरिज्म का बदल रहा स्वरूप
हालाँकि अमेरिका जाने वाले भारतीयों की संख्या में कमी आई है, भारत में विदेशी पर्यटकों की संख्या में वृद्धि जारी है. 2024 में भारत ने 99.5 लाख विदेशी पर्यटकों का स्वागत किया, जो 2022 के 64.4 लाख से अधिक है. यह दर्शाता है कि भारत अपने पर्यटन आकर्षण के कारण अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए लोकप्रिय बना हुआ है.
अमेरिका में 50 लाख से ज्यादा भारतीय
एक ट्रैवल एजेंट ने कहा, कॉलेज में एडमिशन मिलने के बाद भी वीजा मिलने में देरी हो रही है. इसका असर छात्रों पर दिख रहा है. पहले, अमेरिका जाने वाले भारतीयों में दोस्त और रिश्तेदारों से मिलने वाले, बिजनेस और छात्र शामिल थे. अमेरिका भारतीयों के लिए टॉप टूरिस्ट डेस्टिनेशन नहीं था. इस मामले में भारतीयों के लिए साउथईस्ट एशिया, मिडिल ईस्ट और यूरोप पहले आते थे. अब वीजा में दिक्कत होने पर दूसरे लोगों पर भी असर पड़ेगा. बता दें अमेरिका में 50 लाख से ज्यादा भारतीय रहते हैं.
अमेरिकी पर्यटन उद्योग पर प्रभाव
यह गिरावट अमेरिकी पर्यटन उद्योग के लिए चेतावनी का संकेत है. यदि वीजा शुल्क और आव्रजन नीतियाँ नहीं बदलीं, तो यह गिरावट स्थायी प्रवृत्ति बन सकती है. अमेरिकी होटल, ट्रैवल एजेंसियाँ और एयरलाइन्स इस बदलाव से प्रभावित हो सकते हैं.
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह गिरावट अस्थायी हो सकती है, लेकिन ट्रंप प्रशासन को भारतीय पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए नीति बदलाव करने की आवश्यकता है. अमेरिकी पर्यटन उद्योग के लिए भारत एक बड़ा बाजार है, और इसे खोना बड़े आर्थिक नुकसान का कारण बन सकता है.
ट्रंप की वीजा निति का असर
ट्रैवल इंडस्ट्री के लोगों का कहना है कि अभी यह कहना मुश्किल है कि भारतीयों की संख्या में कमी क्यों आई. हालांकि उन्होंने अनुमान व्यक्त किया कि यह डोनाल्ड ट्रंप की वीजा नीति का असर हो सकता है. अमेरिका ज्यादातर 10 साल की वैलिडिटी वाले B1/B2 वीजा देता है. जिनके पास पहले से वीजा है, वे यात्रा कर सकते हैं लेकिन नए वीजा मिलने में दिक्कत होने पर असर दिख सकता है.
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