'जेल में बंद था आतंकी लखवी, बाहर उसकी पत्नी मां बन गई', ओवैसी ने आतंकवाद पर अल्जीरिया में उधेड़ दी पाकिस्तान की बखिया
अल्जीरिया में पाकिस्तान को बेनकाब करते हुए कहा कि एक आतंकवादी पाकिस्तान में आधिकारिक रूप से कैद में रहने के दौरान पिता बन गया. उन्होंने आतंकवादी जकीउर रहमान लखवी के साथ पाकिस्तान के विशेष व्यवहार की ओर इशारा किया.

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी चर्चाओं में बने हुए है. पाकिस्तान पर अपने बयानों से वो देश-दुनिया में छाप हुए है. एक बार फिर उन्होंने अल्जीरिया में पाकिस्तान को बेनकाब करते हुए कहा कि एक आतंकवादी पाकिस्तान में आधिकारिक रूप से कैद में रहने के दौरान पिता बन गया. उन्होंने आतंकवादी जकीउर रहमान लखवी के साथ पाकिस्तान के विशेष व्यवहार की ओर इशारा किया. दरअसल सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ ओवैसी अल्जीरिया में है और वह यहां पाकिस्तान को बेनकाब करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की और बोले कि पाकिस्तान और अल-कायदा जैसे आतंकवादी समूहों के बीच कोई वैचारिक अंतर नहीं है.
‘जेल में बैठे-बैठे ही एक बेटे का पिता बन गया’
ओवैसी ने कहा, "जकीउर रहमान लखवी नाम का एक आतंकवादी था. दुनिया का कोई भी देश आतंकवाद के आरोप का सामना कर रहे आतंकवादी को जेल से बाहर आने की अनुमति नहीं देगा. लेकिन वह जेल में बैठे-बैठे ही एक बेटे का पिता बन गया. हालांकि, जब पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में डाल दिया गया तो मुकदमा तुरंत आगे बढ़ गया." उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे अंतरराष्ट्रीय दबाव ने पाकिस्तान को कुछ समय के लिए कार्रवाई करने के लिए मजबूर किया था.
#WATCH | Algiers, Algeria | AIMIM chief and MP Asaduddin Owaisi says, "There was this one terrorist called Zakiur Rehman Lakhvi - no country in the world would allow a terrorist who's facing a terror charge. He became a father to a son while sitting in prison. The trial… pic.twitter.com/Gd5whrzW13
— ANI (@ANI) May 31, 2025
‘पाकिस्तान पर नियंत्रण करना विश्व शांति के हित में’
AIMIM प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह केवल दक्षिण एशिया का सवाल नहीं है. हम चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं. क्या होगा? क्या आप चाहते हैं कि यह सारा नरसंहार दक्षिण एशिया के विभिन्न हिस्सों में फैल जाए? नहीं. आतंकवाद के मुख्य प्रायोजक पाकिस्तान पर नियंत्रण करना विश्व शांति के हित में है.
‘दाएश और अल-कायदा के बीच कोई वैचारिक अंतर नहीं’
अल्जीरियाई मीडिया, थिंक टैंक के सदस्यों और भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा कि पाकिस्तान में आतंकवादी समूहों दाएश और अल-कायदा के बीच कोई वैचारिक अंतर नहीं है. पाकिस्तान तकफीरिज्म का केंद्र है. उनका मानना है कि उन्हें धार्मिक स्वीकृति प्राप्त है, जो पूरी तरह से गलत है. इस्लाम किसी भी व्यक्ति की हत्या की अनुमति नहीं देता है और दुर्भाग्य से, यही उनकी विचारधारा है.
‘ग्रे सूची में लाने से आतंकवाद में कमी आएगी’
ओवैसी ने पाकिस्तान को वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) की ग्रे सूची में वापस लाने की अपनी मांग को फिर से दोहराया. उन्होंने कहा कि आतंकवाद दो चीजों पर जीवित रहता है - विचारधारा और पैसा. विचारधारा, आप अच्छी तरह जानते हैं, आपने काला दशक देखा है, यहां तक कि दक्षिण अल्जीरिया में भी, आपको अभी भी कुछ समस्याएं हैं. उस बिंदु पर, हम एक साथ हैं. ओवैसी ने कहा कि एक बार जब आप पाकिस्तान को ग्रे सूची (FATF) में वापस लाते हैं, तो हम भारत में आतंकवाद में कमी देखेंगे. हम हत्याओं में कमी देखेंगे. हमारे पास 2018 का अनुभव है जब अल्जीरिया और अन्य देशों ने भारत की मदद की थी.