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असम की हिमंत सरकार का तगड़ा एक्शन, 5 बांग्लादेशियों राज्य से निकालने का दिया आदेश, जानें पूरा मामला

असम सरकार ने गैर-कानूनी इमिग्रेंट्स पर कार्रवाई तेज कर दी है. सोनितपुर में पांच लोगों को विदेशी घोषित कर 24 घंटे में राज्य छोड़ने का नोटिस दिया गया है. पुलिस तलाश में जुटी है, लेकिन अब तक कोई सामने नहीं आया है. ये सभी पहले से फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल द्वारा विदेशी करार दिए गए थे.

Himanta Biswa Sarma (File Photo)

असम की हिमंत सरकार ने गैर-कानूनी इमिग्रेंट्स के खिलाफ अपने अभियान को तेज कर दिया है. इसी क्रम में सोनितपुर जिले में पांच लोगों को विदेशी घोषित करते हुए 24 घंटे के अंदर राज्य छोड़ने का नोटिस जारी किया गया है. सरकार ने इस कदम को राज्य की आंतरिक सुरक्षा से जुड़ा बेहद अहम फैसला बताया है. आदेश जारी होने के बाद पूरे इलाके में हलचल तेज हो गई है और प्रशासन अलर्ट मोड पर है.

सरकारी योजनाओं से प्रशासन ने काटा नाम

पुलिस टीमों की तरफ से इन पांचों लोगों को खोजने की कोशिश लगातार जारी है. लेकिन अब तक इनमें से कोई सामने नहीं आया है और न ही इनके किसी ठिकाने की जानकारी मिल सकी है. जांच अधिकारियों के मुताबिक ये पांचों लोग फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल यानी FT द्वारा पहले ही विदेशी करार दिए जा चुके थे. अब सरकार के आदेश के बाद इनके नाम को सभी सरकारी योजनाओं से हटाया जा रहा है. प्रशासन का कहना है कि यह कार्रवाई साल 2006 में पुलिस अधीक्षक सीमा शाखा द्वारा दर्ज मामलों के आधार पर की गई है. हालांकि इस फैसले पर कई मुस्लिम संगठनों ने नाराजगी जताई है और इसे कठोर कार्रवाई बताया है. लेकिन सरकार का स्पष्ट कहना है कि यह कदम कानून के तहत पूरी तरह वैध है और राज्य की सुरक्षा सर्वोपरि है.

कौन हैं ये पांच लोग?

प्रशासन द्वारा जारी जानकारी के अनुसार पांचों लोग असम में लंबे समय से रह रहे थे. लेकिन जांच में यह सामने आया कि वे असल में बांग्लादेशी नागरिक हैं. इनकी पहचान हनुफा, मरियम नेसा, फातिमा, मोनोवारा और अमजद अली के रूप में की गई है. ये लोग सोनितपुर जिले के जमुगुरीहाट थाना के धोबोकाटा गांव में रह रहे थे. प्रशासन ने पहचान सुनिश्चित करने से पहले इनके दस्तावेज, निवास स्थान और स्थानीय स्तर पर मिली सूचनाओं की जांच की थी.

अब होगी कैसी कार्रवाई?

सोनितपुर डिस्ट्रिक्ट कमिश्नर आनंद कुमार दास ने 19 नवंबर को 1950 एक्ट के तहत यह ऑर्डर जारी किया था. इसमें साफ कहा गया था कि आदेश मिलने के 24 घंटे के भीतर इन लोगों को धुबरी, श्रीभूमि या साउथ सलमारा-मनकाचर रूट से असम क्षेत्र छोड़ना होगा. यह डेडलाइन गुरुवार को पूरा हो गई है. लेकिन किसी ने भी खुद को प्रशासन के सामने पेश नहीं किया है. ऐसे में पुलिस अब इन्हें ढूंढकर कानून के मुताबिक आगे की कार्रवाई करेगी.

बताते चलें कि असम में यह ऐसा असामान्य मामला है जब 1950 एक्ट का इस्तेमाल किया गया है. यह कानून सरकार को बिना लंबी कानूनी प्रक्रियाओं के अवैध प्रवासियों को राज्य से निकालने की शक्ति देता है. लंबे समय बाद इस कानून का इस्तेमाल होने से पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था और सीमा सुरक्षा को लेकर नई बहस छिड़ गई है. सरकार का दावा है कि ऐसे कदम से ही राज्य की सुरक्षा और जनसंख्या संतुलन बनाए रखना संभव है.

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