अमित शाह ने राजस्थान में नए आपराधिक कानूनों पर प्रदर्शनी का उद्घाटन, न्याय प्रणाली में समयबद्ध सुधार पर जोर
उद्घाटन भाषण में केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, "तीन नए कानूनों में 29 से अधिक स्थानों पर समय-सीमा भी निर्धारित की गई है. 90 दिनों में पीड़ित को अपडेट देना अनिवार्य है. 14 दिनों में पुलिस रिपोर्ट की प्रति पीड़ित को देनी होगी. 60 दिन और 90 दिन में चार्जशीट दाखिल करनी होगी."
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राजस्थान में नए आपराधिक कानूनों पर प्रदर्शनी का उद्घाटन किया. उन्होंने कहा कि 160 साल पुराने कानून को समाप्त कर केंद्र सरकार जो तीन नए कानून लाई है, उनके माध्यम से 2027 के बाद जो भी एफआईआर होगी, उस पर तीन साल के अंदर ही सुप्रीम कोर्ट तक न्याय दिलाने की व्यवस्था इस कानून से हो जाएगी.
गृह मंत्री ने राजस्थान में नए आपराधिक कानूनों पर प्रदर्शनी का किया उद्घाटन
केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा, "तीन नए कानून सभी को सरलता से और समय पर सुलभ न्याय देने का कार्य करेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को 'ईज ऑफ लिविंग' दिया है और इन कानूनों से 'ईज ऑफ जस्टिस' भी मिलेगा. हमारी न्याय प्रणाली अब दंड के स्थान पर न्याय के सिद्धांत पर कार्य करेगी."
उन्होंने अपील करते हुए कहा, "आपराधिक न्याय से जुड़े लोगों को मेरा विनम्र अनुरोध है कि राजस्थान में लगाए गए तीन नए कानूनों पर आधारित प्रदर्शनी जरूर देखें."
राजस्थान में सजा दिलाने की दर थी 42 प्रतिशत
उन्होंने कहा कि राजस्थान में सजा दिलाने की दर पहले महज 42 प्रतिशत थी. तीन नए कानून लागू हुए सिर्फ एक साल ही हुआ है और यह दर बढ़कर 60 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है. अमित शाह ने कहा, "जब इनका पूर्ण रूप से इंप्लीमेंटेशन हो जाएगा, तब सजा दिलाने की दर 90 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी. इन कानूनों में सभी प्रकार की वैज्ञानिकता की व्यवस्था की गई है.
60 दिन और 90 दिन में दाखिल करनी होगी चार्जशीट
उद्घाटन भाषण में केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, "तीन नए कानूनों में 29 से अधिक स्थानों पर समय-सीमा भी निर्धारित की गई है. 90 दिनों में पीड़ित को अपडेट देना अनिवार्य है. 14 दिनों में पुलिस रिपोर्ट की प्रति पीड़ित को देनी होगी. 60 दिन और 90 दिन में चार्जशीट दाखिल करनी होगी."
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अमित शाह ने कहा कि आपराधिक न्याय प्रणाली में मोदी सरकार के सुधार 21वीं सदी के सबसे बड़े रिफॉर्म्स हैं. इसके लागू होने के बाद हमारी न्याय प्रणाली पूरी दुनिया में सबसे आधुनिक बन जाएगी.
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