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लेडी गोडसे, मुस्लिम विरोधी…कौन है UP की महामंडलेश्वर शकुन पांडेय, जिसने पति के साथ मिलकर प्रेमी को मरवाया!

कभी लेडी गोडसे के नाम से चर्चा में आई यूपी की महामंडलेश्वर पूजा शकुन पांडेय अब व्यापारी अभिषेक की हत्या के केस में फंस गई है. पूजा की तलाश में पुलिस जगह-जगह छापेमारी कर रही है. पति और शूटर्स की गिरफ्तारी के बाद उसे लेकर कई हैरतअंगेज खुलासे हुए हैं.

2 अक्टूबर 2019 महात्मा गांधी की जयंती पर एक वीडियो वायरल हुआ. वीडियो में महिला महात्मा गांधी के पोस्टर को गोली मार रही थी. इसके बाद महिला पर केस दर्ज हुआ और उसे जेल भेज दिया गया. बाहर निकली तो समर्थक उसे लेडी गोडसे कहने लगे. इस घटना के 6 साल बाद  गांधी विरोधी ये महिला फिर चर्चा में है. वजह है अलीगढ़ के एक व्यापारी की हत्या. 

अलीगढ़ के बाइक शोरूम मालिक अभिषेक गुप्ता हत्याकांड ने सनसनी फैला दी. 26 सितंबर को अभिषेक जब अपने साथियों के साथ जा रहा था तब शूटर ने उसे गोली मार दी थी. इस हत्याकांड में महामंडलेश्वर डॉ. अन्नपूर्णा भारती उर्फ पूजा शकुन पांडेय का नाम आया है. वही पूजा जिसे लेडी गोडसे का टैग दिया गया था. आरोप है कि अभिषेक गुप्ता और पूजा के बीच करीबी संबंध थे. इसी में अनबन के चलते पूजा ने अभिषेक की हत्या करवाई है. 

शूटर अरेस्ट, पूजा फरार 

इस मामले में पुलिस ने एक शूटर को अरेस्ट किया है. पूछताछ में शूटर ने खुलासा किया कि, अभिषेक की हत्या के लिए शकुन पांडेय ने उसे 3 लाख रुपए दिए थे. अभिषेक गुप्ता के पिता ने महामंडलेश्वर पूजा और उसके पति अशोक पांडेय के खिलाफ FIR दर्ज करवाई है. पुलिस अब जगह-जगह पूजा गुप्ता की तलाश में छापेमारी कर रही है. जबकि उसके पति अशोक को अरेस्ट कर जेल भेज दिया. 

कौन है शकुन पांडेय उर्फ पूजा गुप्ता? 

पूजा गुप्ता अपने कॉलेज के दिनों से ही विवादों में रही है. सहारनपुर की रहने वाली पूजा के पिता प्रोफेसर आरआर आजाद यहां के जेवी जैन कॉलेज में प्रिंसिपल थे. 2006 में पूजा के पिता को संगीन आरोपों के चलते उन्हें सस्पेंड कर दिया गया. पूजा पिता के निलंबन के विरोध में कॉलेज की छत पर चढ़ गई और कूदने की धमकी दे डाली. 

गणित में PHD के साथ राजनीति की तैयारी 

पूजा गुप्ता ने मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से गणित में PHD की है. यहीं पर उसकी मुलाकात मेरठ के अशोक पांडेय से हुई. चूंकि अशोक उस समय छात्र राजनीति में सक्रिय था. पूजा भी राजनीति में एंट्री करना चाहती थी इसलिए दोनों के बीच दोस्ती गहरी होती गई. साल 2008 में दोनों ने भागकर शादी कर ली. इसके बाद नाम बदलकर पूजा, शकुन पांडेय कहलाई. दोनों गाजियाबाद शिफ्ट हो गए. यहां शकुन पांडेय प्राइवेट कॉलेज में प्रोफेसर बन गईं. 

लव जिहाद के विरोध में छोड़ी नौकरी 

शकुन पांडेय जिस कॉलेज में प्रोफेसर थी. उसकी एक छात्रा ने प्यार में मिले धोखे के चलते सुसाइड कर लिया था. बाद में पता चला की लड़की को धोखा देने वाला मुस्लिम था. इसके बाद शकुन पांडेय ने इसे लव जिहाद करार दिया और विरोध में नौकरी से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद पूजा ने हिंदुत्व की विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए NGO बनाया. उसका नाम पिता के नाम पर आजाद हिंद सामाजिक कल्याण समिति रखा. इस NGO का प्रमोटर पति अशोक पांडेय को बनाया. इसके एक साल बाद पूजा ने हिंदू महासभा जॉइन कर ली और पति के साथ अलीगढ़ आ गई. 

खुद की अदालत खोली खुद ही जज बनी 

हिंदू महासभा से जुड़ने के बाद साल 2017 में पूजा ने संन्यास ले लिया और पति अशोक पांडेय के साथ तलाक का ऐलान कर दिया. फिर गुजरात के द्वारिकाधीश मंदिर जाकर साध्वी की दीक्षा ली. हालांकि तलाक के बाद भी अलीगढ़ में वह अशोक पांडेय के साथ ही रह रही थी. 15 अगस्त 2018 को पूजा गुप्ता ने शरिया कानून की तर्ज पर हिंदू अदालत बनाई. जिसे नाम दिया सनातन हिंदू न्यायपीठ. इस कोर्ट की न्यायाधीश भी पूजा ही बनी. 

महात्मा गांधी के पुतले को गोली मारकर चर्चा में आई 

पूजा अपने नाम के आगे महामंडलेश्वर लिखती है. वह अपना पूरा नाम महामंडलेश्वर डॉ. अन्नपूर्णा भारती उर्फ पूजा शकुन पांडेय बताती है. साल 2019 की गांधी जयंती पर पूजा ने उनके पोस्टर पर गुब्बारे लगाकर गोली मारी. गोली लगते ही महात्मा गांधी का पोस्टर खून जैसे रंग से रंग गया. क्योंकि गुब्बारों में लाल रंग का केमिकल था. पूजा और उसके पति अशोक के खिलाफ 6 मामले दर्ज थे जिसमें ज्यादातर मुस्लिम समुदाय पर विवादित टिप्पणी और भड़काऊ बयान को लेकर थे. इस मामले के बाद दोनों पर केस दर्ज हुआ और जेल भेज दिया गया. 

(फोटो- सोशल मीडिया) 

कहा जाता है गाजियाबाद के डासना मंदिर के पीठाधीश्वर यति नरसिंहानंद ने दोनों को जमानत दिलवाई थी. जेल से निकलकर पूजा शकुन पांडेय यति नरसिंहानंद को अपना गुरु मानने लगीं और उनके साथ धर्म सभाओं में जाने लगी. 

अभिषेक से करीबी और हत्या की कहानी 

पूजा के पिता की हाथरस के गांव कचौरा में पैतृक जमीन थी. इसमें से कुछ हिस्सा पूजा को भी मिला था. यहां उसने एक घर बनवाया था. अभिषेक गुप्ता का नाता इसी गांव से था. साल 2013 में अभिषेक की मां पूजा के घर की देखरेख करती थी. बीच-बीच में पूजा भी गांव जाकर अभिषेक के परिवार से मिलती थी. कुछ दिन बाद वह पढ़ाई के बहाने अभिषेक को अपने साथ अलीगढ़ ले गई. वह पूजा और उसके पति के साथ उनके घर में ही रहता था. अलीगढ़ में पढ़ाई के साथ-साथ वह नौकरी भी करता था. 

जानकारी के मुताबिक, पूजा और अशोक के कामकाज अभिषेक ही देखता था. करीब 9 साल के साथ के बाद अभिषेक और पूजा के बीच लड़ाई होने लगी. पूजा का घर छोड़ने के बाद अभिषेक ने अलीगढ़ में अपना बाइक शोरूम खोला. 

कैसे हुई अलीगढ़ के व्यापारी अभिषेक गुप्ता की हत्या? 

अभिषेक के साथ उसके पिता नीरज और चचेरा भाई भी शोरूम का कामकाज देखते थे. काम खत्म होने के बाद तीनों शोरूम बंद गांव जा रहे थे. रात करीब 9.30 बजे खेरेश्वर मंदिर चौराहे के पास बस में बैठते समय अभिषेक को बदमाशों ने पीछे से गोली मार दी. अभिषेक की मौके पर ही मौत हो गई. 

पिता की शिकायत के बाद पुलिस ने महामंडलेश्वर शकुन पांडेय के पति अशोक को हिरासत में ले लिया. जबकि शकुन की तलाश जारी है. इस मामले में शूटर मोहम्मद फजल को भी अरेस्ट किया गया. उसने खुलासा किया कि पूजा और अशोक ने अभिषेक की फोटो दिखाकर उसकी सुपारी दी. ऑर्डर मिलने के बाद फजल ने आसिफ को शामिल कर अभिषेक को मौत के घाट उतार दिया. 

व्यापारी अभिषेक की हत्या क्यों की गई? 

अभिषेक के पिता के आरोप हैं कि पूजा पांडेय उससे शादी करना चाहती थी. अभिषेक शादी से मना करता तो वह उसे धमकी देती थी. इससे परेशान अभिषेक ने पूजा से दूरी बना ली और उसके नंबर भी ब्लॉक कर दिए लेकिन पूजा से यह सहन नहीं हुआ. परिवार का आरोप है कि पूजा की बात न मानने की कीमत अभिषेक ने अपनी जान देकर चुकाई है. उन्होंने पुलिस प्रशासन से इस मामले में सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है. फिलहाल पुलिस पूजा की तलाश में जुटी है. 

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