महाकुंभ में भगदड़ पर अखिलेश यादव और कांग्रेस ने योगी सरकार को घेरा, मायावती ने भी हादसे पर जताया दुख
महाकुंभ में मची भगदड़ पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से लेकर कांग्रेस तक ने सवाल उठाए हैं. अखिलेश ने योगी सरकार को घेरते हुए पांच अपील की है. कन्नौज सांसद ने लिखा कि महाकुंभ में अव्यवस्थाजन्य हादसे में श्रद्धालुओं के हताहत होने का समाचार बेहद दुखद है. श्रद्धांजलि! वही दूसरी तरफ हादसे के लिए काग्रेस ने योगी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. मायावती का भी बयान सामने आया है
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महाकुंभ में एक तरह भगदड़ मचने से 10 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई। 30-40 घायल हैं योगी सरकार स्थिति को किसी तरह कंट्रोल करने में जुटी है। लेकिन विपक्ष के महान नेताओं को श्रद्धालुओं के ज़ख़्मों पर सियासत करने की पड़ी हुई है।ताकी योगी सरकार को बदनाम कर अपनी दुकान चलाते रहे।अब देखिये ना जैसे ही भगदड़ की ख़बर आई।तुरंत अखिलेश यादव ट्वीटर पर मोर्चा सँभालकर बैठ गए। कुंभ की भगदड़ को हथियार बनाकर योगी सरकार पर तंज कसते हुए लिखा।
"महाकुंभ में अव्यवस्थाजन्य हादसे में श्रद्धालुओं के हताहत होने का समाचार बेहद दुखद है श्रद्धांजलि! हमारी सरकार से अपील है कि गंभीर रूप से घायलों को एअर एंबुलेंस की मदद से निकटतम सर्वश्रेष्ठ हॉस्पिटलों तक पहुंचाकर तुरंत चिकित्सा व्यवस्था की जाए। मृतकों के शवों को चिन्हित करके उनके परिजनों को सौंपने और उन्हें उनके निवास स्थान तक भेजने का प्रबंध किया जाए। जो लोग बिछड़ गये हैं, उन्हें मिलाने के लिए त्वरित प्रयास किये जाएं।हैलीकाप्टर का सदुपयोग करते हुए निगरानी बढ़ाई जाए। सतयुग से चली आ रही ‘शाही स्नान’ की अखण्ड-अमृत परंपरा को निरंतर रखते हुए, राहत कार्यों के समानांतर सुरक्षित प्रबंधन के बीच ‘मौनी अमावस्या के शाही स्नान’ को संपन्न कराने की व्यवस्था की जाए। श्रद्धालुओं से भी हमारी अपील है कि वो इस कठिन समय में संयम और धैर्य से काम लें और शांतिपूर्वक अपनी तीर्थयात्रा संपन्न करें। सरकार आज की घटना से सबक लेते हुए श्रद्धालुओं के रुकने, ठहरने, भोजन-पानी व अन्य सुविधाओं के लिए अतिरिक्त प्रबंध करे।हादसे में आहत हुए सभी लोगों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना।
ट्वीटर पर अखिलेश यादव ने लंबा चौड़ा पोस्ट योगी सरकार से घायलों को उचित व्यवस्था देने की माँग की । ये माँग तब की जा रही है कि जब योगी सरकार ने तुंरत स्तिथि पर कंट्रोल कर लिया। भगदड़ की खबर मिलते ही पुलिस प्रशासन युद्ध स्तर पर जुट गया। एंबुलेंस सर्विस तैनात कर दी है। घायलों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया है। जो तस्वीर शायद अखिलेश यादव को दिखाई नहीं दे रही है।अब अखिलेश बोले हैं तो कांग्रेस कैसे चुप बैठ सकती है। कांग्रेस नेताओं ने तो कुंभ की भगदड़ पर बयानबाजी कर सबकों चौंका दिया है। कांग्रेस प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने तो छूटते ही कहा मौनी अमावस्या स्नान पर महाकुंभ में अव्यवस्था की वजह से हुई भगदड़ और दम घुटने से श्रद्धालुओं के जान माल के नुकसान के लिए सीधे बीजेपी सरकार जिम्मेदार है,।
सपा कांग्रेस को तो मानों योगी आदित्यनाथ को घेरने को गोल्डन चांस मिल गया हो। एक एक कर टोली मौदान में आ रही है। सवाल उठा रही है। जबकि ऐसे हालातों में इन लोगों को सपोर्ट करना चाहिए था।क्योंकि करोड़ों हिंदुओं की आस्था का सवाल था। लेकिन इन्हें तो अपनी सियासी दुकान चलाने से मतलब है। जिस बात का डर था।वहीं योगी सरकार के साथ हो गई। और उसका फायदा विपक्ष भरपूर तरीके से अब उठा रहा है। लेकिन ये विपक्ष के लोग उस दौर को भूल गए। जब इनका राज था तो कैसे महाकुंभ में तबाही मचा थी।चलिए पुराने बातों का जिक्र कर कांग्रेस से लेकऱ सपा तक को आईना दिखा देते हैं।
1954 में पहली बार प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ मची थी जिसमें 800 लोगों की मौत की खबर सामने आई थी।
1986 हरिद्वार में कुंभ मेला लगा था भगदड़ मची तो 200 से ज्यादा लोग दबकर मर गए थे।
2003 में लंबे समय के बाद नासिक में महाकुंभ का आयोजन हुआ इसमें भी भगदड़ मची और 39 श्रद्धालुओं की मौत हुई।
2010 में हरिद्वार में कुंभ का आयोजन हुआ तो भगदड़ में 7 लोगों की मौत हुई।
2013 में फिर नासिर में कुंभ लगा तो रेलवे स्टेशन पर हादसे में 42 लोगों की मौत हो गई।
तो ये दौर कांग्रेस भी भूल गई।और समाजवादी पार्टी भी भूल गई। और आज खड़े होकर योगी को निशाना बना रहे हैं। खैर मायावती ने कुंभ में हुई घटना पर दुख जताया।लेकिन उन्होंने सरकार पर सवाल नहीं खड़े किए।मायावती ने तंज कसते हुए लिखा "प्रयागराज की संगम स्थली पर, महाकुम्भ में हुई भगदड़ में, जिन भी श्रद्धालुओं ने अपनी जान गवाई है व घायल हुये है। यह घटना अति-दुःखद व चिन्तनीय। ऐसे समय में कुदरत पीडि़तों को इस दुःख को सहन करने की शक्ति दे, पार्टी की यही कामना।
फिलहाल तो विरोधियों को जवाब देने के बजाए योगी सरकार काम में जुटी हुई है। श्रद्धालुओं तक राहत पहुंचा रही है। और काम के बलबूते पर ही विपक्ष को जवाब दिया
जाएगा। तो चलिए जाते जाते साधु संतों की बयान सुनवाते हैं उन्होने कुंभ हादसे पर क्या कुछ ।
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