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कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाली मस्जिदों पर एक्शन, पर्दे से ढकवाई गई

इन दिनों कांवड़ यात्रा की वजह से कई फ़ैसले लिए जा रहे हैं। हाल ही में हरिद्वार जिला प्रशासन ने मस्जिदों को पर्दे से ढकवाने के आदेश दिए थे, लेकिन कुछ ही देर बाद ये फ़ैसला वापस ले लिया गया।

उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ( Yogi Adityanath) का नेमप्लेट वाला फैसला तो आपको पता ही होगा।विवाद ऐसा बढ़ा कि सीधा सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। फिलहाल फैसले पर अंतरिम रोक लगी है, हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई जिसमें ये फ़ैसला बरकरार रहा और अब इस मामले में अगली सुनवाई 29 जुलाई को होगी। अब यही हाल हुआ है उत्तराखंड का कोर्ट के फ़ैसले से इतर यूपी उत्तराखंड की जनता इस फ़ैसले पर क़ायम है।उल्टा सवाल उठा रही है सुप्रीम कोर्ट पर। ना ये विवाद ख़त्म हुआ ना ये चर्चा अभी थमी थी की लीजिए दोनों राज्यों से आई एक और ख़बर ने हर किसी को हैरान कर दिया, ख़ासकर मुस्लिमों को।


अब मस्जिद-मजार को पर्दे से ढकने का आदेश

दरअसल ख़बर आई यूपी और उत्तराखंड में कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाली मस्जिदों और मज़ार को ढक दिया गया है। ये फ़ैसला इसलिए लिया गया ताकि किसी तरह का कोई धार्मिक उन्माद ना फैले, किसी की आस्था को चोट ना पहुंचे। फ़ैसला आया ही था कि उसके थोड़ी ही देर बाद इसे वापस ले लिया गया। हालांकि उत्तराखंड की धामी सरकार के इस फ़ैसले को देखकर लोग कहने लगे कि भाई साहब ये सीएम साहब तो योगी से भी दो कदम आगे हैं। आपको पूरी ख़बर विस्तार से बताते हैं।

हुआ ये की 26 जुलाई को हरिद्वार जिला प्रशासन ने कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाली मस्जिों और मज़ारों को पर्दों से ढकने का काम करना शुरु कर दिया। हालांकि ये काम प्रशासन ज़्यादा देर तक नहीं कर सका।क्योंकि इसपर विवाद शुरु हो गया। मामला ऐसा बढ़ा की प्रशासन को थोड़ी ही देर में पर्दे उतारते हुए देखा जाने लगा। मस्जिदों पर से तो पर्दा हट गया लेकिन शराब की दुकानों के बाहर अभी भी इस पर पर्दे लगे हुए हैं।

हालांकि इस मामले पर जब प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा को व्यवस्थित रूप से संपन्न कराने के लिए मस्जिद और मज़ारों को ढका गया। उन्होंने कहा - कोई समस्या ना हो, इसे देखते हुए ही कुछ बातों पर रोक लगाई जाती है। कांवड़ मार्ग पर किसी प्रकार की उत्तेजना ना हो इसलिए मस्जिद और मज़ारों को ढका गया है। 

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