CEO की छुट्टी, फ्लाइट रूट्स में कटौती, पेनाल्टी...इंडिगो के पर कतरने की तैयारी! विमानन संकट पर खुद PM मोदी की नजर
इंडिगो संकट के बाद मोदी सरकार सख्त एक्शन के मूड में है. पीएमओ पूरे मामले पर नजर बनाए हुए है और प्रधानमंत्री मोदी स्वयं स्थिति की सीधी निगरानी कर रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि सरकार इस बार ऐसी कार्रवाई करना चाहती है जिससे भविष्य के लिए एक मिसाल पेश की जा सके. कहा जा रहा है कि कंपनी के CEO को हटाने, इंडिगो के फ्लाइट रूट्स में कटौती और भारी पेनाल्टी लगाने जैसे कदमों पर विचार किया जा रहा है, ताकि आगे कोई भी एयरलाइन सरकार पर दबाव बनाने जैसी कथित कोशिश न कर सके.
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भारत में इन दिनों विमानन क्षेत्र में हाहाकार मचा हुआ है. इंडिगो एयरलाइन संकट ने एक तरह से सरकार पर भी दबाव बढ़ा दिया है. हालात ये हैं कि सैकड़ों उड़ानें रद्द करनी पड़ी हैं, टिकटों के दाम आसमान छू रहे हैं और यात्री जगह-जगह फंसे हुए हैं. इसी बीच खबर है कि पीएम मोदी ने खुद हस्तक्षेप किया है. सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री अब पूरे मामले की सीधी निगरानी कर रहे हैं. उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही संकट से राहत मिलेगी. वहीं नागरिक उड्डयन मंत्री सी. राममोहन नायडू और गृह मंत्री अमित शाह भी लगातार घटनाक्रम पर नजर रखे हुए हैं. बताया गया है कि नायडू ने गृह मंत्री को पूरे मामले की जानकारी दी है.
इंडिगो संकट पर पीएम मोदी की सीधी निगरानी
सरकारी सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एयरलाइन से जुड़े हालात की विस्तृत जानकारी दी गई है. पीएमओ लगातार इंडिगो के CEO पीटर एल्बर्स से संवाद में है और एयरलाइन को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि उड़ान व्यवस्था को जल्द से जल्द सामान्य किया जाए.
इंडिगो CEO पर एक्शन की तैयारी
सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार पूरे मामले में कड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रही है. कहा जा रहा है कि सरकार इंडिगो बोर्ड को यह सुझाव दे सकती है कि CEO पीटर एल्बर्स को हटाया जाए. पिछले तीन दिनों में उड़ानों की भारी अव्यवस्था और उससे सरकार की हुई छीछालेदर को सरकार बेहद गंभीरता से ले रही है.
इंडिगो पर पेनाल्टी लगाने की तैयारी
सरकार इस पूरे घटनाक्रम को एक लिटमस टेस्ट की तरह देख रही है और एयरलाइन की कथित ब्लैकमेलिंग की खबरों के बाद इंडिगो पर ऐसी बड़ी पेनाल्टी लगाने पर गंभीरता से विचार कर रही है, जो भविष्य में किसी भी एयरलाइन के लिए मिसाल बन सके. एयरलाइन की ऑपरेशनल गड़बड़ियों की वजह से देशभर में यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा है.
इंडिगो के फ्लाइट रूट्स में कटौती की संभावना
सूत्रों के अनुसार सरकार एक और बड़े कदम पर विचार कर रही है—इंडिगो के कई रूट्स पर उड़ानों की संख्या कम की जा सकती है. इसका मतलब यह है कि कंपनी को उतनी ही उड़ानें संचालित करने की अनुमति दी जाएगी, जितना उसके पास सक्षम और पूरा क्रू उपलब्ध होगा. आरोप है कि एयरलाइन अपनी क्षमता से अधिक और अत्यधिक टाइट शेड्यूल के साथ उड़ानें संचालित कर रही थी.
फ्लाइट किराए में सरकार की कैपिंग
इंडिगो की उड़ानें रद्द होने के बाद कई अन्य एयरलाइनों ने किराए में भारी बढ़ोतरी कर दी, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी हुई. इस पर उड्डयन मंत्रालय ने किराए को वाजिब बनाए रखने के लिए अपनी रेगुलेटरी पावर का इस्तेमाल किया है. नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने शनिवार को इसकी पुष्टि की.
24 घंटे में रिफंड के आदेश
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इंडिगो को निर्देश दिया है कि सभी पेंडिंग पैसेंजर रिफंड बिना देरी जारी किए जाएं. सभी रद्द और बाधित उड़ानों के लिए रिफंड प्रक्रिया रविवार रात 8 बजे तक पूरी करना अनिवार्य किया गया है. साथ ही एयरलाइनों को निर्देश दिए गए हैं कि जिन यात्रियों की यात्रा योजना प्रभावित हुई है, उनसे किसी भी प्रकार के री-शेड्यूलिंग चार्ज न लिए जाएं. मंत्रालय ने साफ किया है कि रिफंड में देरी या अनुपालन न होने पर तत्काल नियामक कार्रवाई की जाएगी.
48 घंटों में यात्रियों के लगेज भेजने का आदेश
बयान में कहा गया है कि इंडिगो को रद्द और देरी वाली उड़ानों के यात्रियों का सामान ट्रेस कर 48 घंटों के भीतर उनके पते पर भेजना होगा. एयरलाइन को ट्रैकिंग और डिलीवरी टाइमलाइन को लेकर यात्रियों के साथ स्पष्ट संवाद बनाए रखना होगा. जरूरत पड़ने पर मौजूदा यात्री अधिकार नियमों के तहत मुआवजा देने का भी निर्देश दिया गया है. साथ ही, इंडिगो को डेडिकेटेड पैसेंजर सपोर्ट और रिफंड फैसिलिटेशन सेल्स स्थापित करने के आदेश दिए गए हैं.
सरकार ने रेगुलेटरी पावर का इस्तेमाल किया
फ्लाइट किराया कैपिंग को लेकर केंद्रीय मंत्री नायडू ने एक्स पर लिखा, “यात्रियों को गलत प्राइसिंग से बचाने के लिए मंत्रालय ने सभी प्रभावित रूट्स पर वाजिब किराया तय करने के लिए अपनी रेगुलेटरी पावर का इस्तेमाल किया है.” उन्होंने कहा कि मंत्रालय रियल-टाइम डेटा और एयरलाइनों व ऑनलाइन ट्रैवल प्लेटफॉर्म्स के साथ निरंतर समन्वय में काम करेगा, और नियमों का उल्लंघन होने पर जनहित में तुरंत कार्रवाई की जाएगी.
सभी एयरलाइनों को एक आधिकारिक निर्देश जारी किया गया है, जिसके तहत किराया सीमा का कड़ाई से पालन अनिवार्य किया गया है. यह कैपिंग तब तक लागू रहेगी जब तक स्थिति पूरी तरह सामान्य नहीं हो जाती. इस निर्देश का उद्देश्य बाजार में मूल्य अनुशासन बनाए रखना, संकटग्रस्त यात्रियों का शोषण रोकना और वरिष्ठ नागरिकों, छात्रों और मरीजों जैसे आवश्यक यात्रियों को आर्थिक बोझ से बचाना है.
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