Advertisement

झारखंड के गिरिडीह में बड़ा हादसा... दो साल के मासूम की नाले में बहकर मौत, प्रशासन के खिलाफ सड़क पर उतरे लोग

झारखंड के गिरिडीह में बारिश के दौरान गांधी चौक के पास खेल रहे दो साल के मासूम का फिसलकर नाले में गिरने से निधन हो गया. घटना के करीब 18 घंटे बाद रविवार दोपहर बच्चे का शव बरामद किया गया. हादसे के बाद परिजन सदमे में हैं और स्थानीय लोगों का गुस्सा नगर निगम और जिला प्रशासन पर फूट पड़ा.

झारखंड के गिरिडीह शहर में शनिवार शाम एक दर्दनाक हादसा हुआ जब दो साल का मासूम बच्चा गांधी चौक स्थित अपने घर के पास खेलते समय फिसलकर नाले में गिर गया. नाले का बहाव इतना तेज था कि तुरंत बच्चे का पता नहीं चल पाया. घटना के करीब 18 घंटे बाद रविवार दोपहर बच्चे का शव बरामद किया गया.

हादसे की खबर फैलते ही गांधी चौक पर अफरा-तफरी मच गई. प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और खोजबीन शुरू की. बचाव दल ने देर रात डेढ़ बजे तक सर्च ऑपरेशन चलाया लेकिन सफलता नहीं मिली. रात में अभियान रोकना पड़ा, जिससे स्थानीय लोगों में आक्रोश बढ़ गया.

स्थानीय लोगों ने प्रशासन का किया विरोध 

रविवार सुबह स्थानीय लोगों ने प्रशासनिक सुस्ती के खिलाफ सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया. परिजनों ने रो-रोकर बुरा हाल बताया, वहीं प्रदर्शनकारियों ने नगर निगम और जिला प्रशासन की कार्यशैली को लापरवाहीपूर्ण बताया. लोगों ने आरोप लगाया कि गरीब का बच्चा नाले में गिरा था, इसलिए प्रशासन ने देर से कार्रवाई की. उन्होंने सवाल उठाया कि अगर किसी बड़े नेता या नामदार का बच्चा होता तो क्या इतनी सुस्ती दिखाई जाती.

प्रशासन ने सर्च अभियान किया तेज

स्थानीय लोगों के गुस्से को शांत कराने के लिए एसडीएम श्रीकांत विस्पुते, डीएसपी मुख्यालय नीरज कुमार सिंह, एसडीपीओ सदर जीतवाहन उरांव, बीडीओ गणेश रजक और थाना प्रभारी ज्ञान रंजन मौके पर पहुंचे. एसडीएम ने लोगों के बीच बैठकर उन्हें समझाने का प्रयास किया. इससे पहले मृतक बच्चे की मां ने अधिकारियों से गुहार लगाई थी कि खोज अभियान तेज किया जाए. प्रशासन ने कई घंटों की मशक्कत के बाद फिर से सर्च अभियान शुरू किया और अंततः रविवार दोपहर बच्चे का शव बरामद हुआ.

बता दें कि बचाव कार्य के बाद बच्चे का शव बरामद होने के बावजूद, हादसे ने स्थानीय लोगों के बीच गहरा सदमा और नाराजगी पैदा कर दी है. परिजन और समुदाय अब भी प्रशासन से भविष्य में ऐसी लापरवाही न दोहराने की मांग कर रहे हैं, ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और घटनाओं से पहले ही सावधानी बरती जा सके.

Advertisement

यह भी पढ़ें

Advertisement

LIVE
अधिक →