प्लेन के लैंडिंग गियर में छुपकर अफगानिस्तान से भारत पहुंचा 13 साल का बच्चा, क्या था मकसद?
अफगानिस्तान के एक 13 साल के लड़के ने उस वक्त हर किसी को हैरत में डाल दिया. जब वह प्लेन के पिछले पहिए में छुपकर काबुल से दिल्ली आ पहुंचा. बच्चे ने एक घंटे और 34 मिनट का खतरनाक सफर तय किया.
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साल 2021 में एक बॉलीवुड फिल्म आई थी. नाम था शिद्दत. फिल्म में हीरो अपने प्यार तक पहुंचने के लिए एक बेहद मुश्किल और खतरनाक रास्ता चुनता है. अंजाम भी खतरनाक ही होता है. फिल्म में हीरो प्रेमिका से मिलने के लिए भारत से लंदन तक का हवाई सफर प्लेन के पहिए में छिपकर करता है. ये कहानी फिल्मी पर्दे पर जुनून भरी लग सकती है लेकिन क्या हो जब कोई शख्स हकीकत में इस जुनूनी रास्ते को अपनाए. वो भी एक 13 साल का बच्चा.
अफगानिस्तान के एक 13 साल के लड़के ने उस वक्त हर किसी को हैरत में डाल दिया. जब वह प्लेन के पिछले पहिए में छुपकर काबुल से दिल्ली आ पहुंचा. बच्चे ने एक घंटे और 34 मिनट का खतरनाक सफर तय किया. यह घटना अफगानिस्तान की एयरलाइन KAM एयर की फ्लाइट संख्या RQ- 4401 में हुई.
हरकत में आए अधिकारी
यह घटना 21 सितंबर की सुबह करीब 11:10 बजे सामने आई. जब दिल्ली एयरपोर्ट पर फ्लाइट के लैंड करने के बाद एयरलाइन के सिक्योरिटी स्टाफ ने बच्चे को विमान के पास घूमते हुए देखा. सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत मामले की जानकारी CISF के अधिकारियों को दी.
ईरान जाना चाहता था भारत कैसे पहुंचा बच्चा?
जांच में पता चला कि यह लड़का अफगानिस्तान का है. वह ईरान जाना चाहता था, लेकिन गलती से भारत आने वाली फ्लाइट में चढ़ गया. उसने बताया कि वह यात्रियों की गाड़ी के पीछे-पीछे एयरपोर्ट के अंदर गया और फिर विमान के व्हील वेल में छिप गया. उसे नहीं पता था कि ये फ्लाइट भारत जा रही थी. पूछताछ में सामने आया कि, लड़का अफ़ग़ानिस्तान के कुंदुज़ प्रांत का रहने वाला है. वह बिना किसी वैध दस्तावेज और टिकट के, विमान के लैंडिंग गियर में छिपकर भारत आ गया था.
सुरक्षाकर्मियों को लैंडिंग गियर कंपार्टमेंट में क्या मिला?
जानकारी के मुताबिक बच्चे को ले जाने के बाद जब लैंडिंग गियर कंपार्टमेंट(पीछे वाले पहिए की जगह) की जांच की गई तो वहां से एक छोटा लाल रंग का स्पीकर मिला. माना जा रहा है अफगानी बच्चा इसे साथ लेकर आया था.
किस मकसद से भारत आया था बच्चा
पहले एयरक्राफ्ट कर्मचारियों ने पूरी फ्लाइट की तलाशी ली. इसके बाद बच्चे को इमीग्रेशन क्षेत्र में लाकर पूछताछ की गई. सुरक्षा एजेंसियों ने यह सुनिश्चित किया कि बच्चा अकेले और बिना किसी आपराधिक उद्देश्य के भारत आया है. फिर जरूरी औपचारिकताओं के बाद उसी दिन दोपहर को KAM एयरलाइंस की वापसी फ्लाइट से बच्चे को वापस काबुल भेज दिया गया.
काबुल एयरपोर्ट की सुरक्षा पर उठे सवाल
ये घटना सुरक्षा के लिहाज से काफी गंभीर है. क्योंकि एयरपोर्ट पर यात्रियों को एंट्री के लिए ही कई सिक्योरिटी प्रोसेस से गुजरना पड़ता है, लेकिन इस घटना से साफ पता चलता है कि काबुल एयरपोर्ट ऑथोरिटी ने सुरक्षा में लापरवाही बरती है.
बच्चे का सुरक्षित बचना क्यों माना जा रहा चमत्कार?
सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह से विमान के लैंडिंग में छिपकर यात्रा करना बेहत खतरनाक होता है. ऑक्सीजन की कमी के कारण शख्स बेहोश हो सकता है और उसकी जान भी जा सकती है. कई हजारों फीट से ऊपर की ऊंचाई में ऑक्सीजन काफी कम हो जाती है.
उड़ान भरते समय पहिया विमान के अंदर चला जाता है और फिर दरवाजा बंद हो जाता है. 13 साल के अफगानी बच्चे के केस में भी संभवत ये ही हुआ है. बच्चे ने इसी बंद जगह पर छिपकर यात्रा की है. यहां दबाव और तापमान सामान्य रहने से, वह जिंदा बच गया.
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